श्रम योगी मानधन पेंशन: पात्रता, आवेदन, ब्याज दर, पेंशन देय, विशेषताएं

श्रम योगी मानधन पेंशन: पात्रता, आवेदन, ब्याज दर, पेंशन देय, विशेषताएं

भारत सरकार ने असंगठित श्रमिकों के लिए वृद्धावस्था सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) नामक असंगठित श्रमिकों के लिए एक पेंशन योजना शुरू की है| असंगठित कामगार ज्यादातर घर पर काम करने वाले, रेहड़ी-पटरी वाले, मिड-डे मील वर्कर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा मजदूर, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चलाने वाले, भूमिहीन मजदूर, खुद के अकाउंट वर्कर, खेतिहर मजदूर के रूप में लगे हुए हैं|

निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा श्रमिक, दृश्य-श्रव्य श्रमिक और इसी तरह के अन्य व्यवसाय जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये प्रति माह या उससे कम है और 18-40 वर्ष के प्रवेश आयु वर्ग के हैं| उन्हें नई पेंशन योजना (NPS), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) योजना या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कवर नहीं किया जाना चाहिए| इसके अलावा, वह आयकर दाता नहीं होना चाहिए|

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श्रम योगी मानधन योजना के पात्र

1. इस योजना के पात्र 18-40 वर्ष की आयु समूह के घर से काम करने वाले श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, मिड डे मील श्रमिक, सिर पर बोझ ढोने वाले श्रमिक, ईंट-भट्टा मज़दूर, चर्मकार, कचरा उठाने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मज़दूर, खेतिहर मज़दूर, निर्माण मज़दूर, बीड़ी मज़दूर, हथकरघा मज़दूर, चमड़ा मज़दूर, ऑडियो-वीडियो श्रमिक तथा इसी तरह के अन्य व्यवसायों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक होंगे जिनकी मासिक आय 15,000 रुपए या उससे कम है|

2. पात्र व्यक्ति को नई पेंशन योजना (New Pension Scheme-NPS), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation-ESIC) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO) के लाभ के अंतर्गत कवर न किया गया हो तथा उसे आयकर दाता नहीं होना चाहिये|

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श्रम योगी मानधन की विशेषताएँ

1. न्यूनतम निश्चित पेंशन (Minimum Assured Pension): प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) के अंतर्गत प्रत्येक अभिदाता को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद प्रति महीने न्यूनतम 3,000 रुपए की निश्चित पेंशन मिलेगी|

2. परिवार को पेंशन (Family Pension): यदि पेंशन प्राप्ति के दौरान अभिदाता की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी को मिलने वाली पेंशन की 50 प्रतिशत राशि फैमिली पेंशन के रूप में लाभार्थी के जीवनसाथी (Spouse) को मिलेगी|

3. परिवार पेंशन/फैमिली पेंशन केवल जीवनसाथी के मामले में लागू होती है|

4. यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले) हो जाती है| तो लाभार्थी का जीवनसाथी योजना में शामिल होकर नियमित अंशदान करके योजना को जारी रख सकता है या योजना से बाहर निकलने और वापसी के प्रावधानों के अनुसार योजना से बाहर निकल सकता है|

5. अभिदाता द्वारा अंशदानः अभिदाता का अंशदान उसके बचत बैंक खाता/जनधन खाता से ‘ऑटो डेबिट’ (auto-debit) सुविधा के माध्यम से किया जाएगा| प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) योजना में शामिल होने की आयु से 60 वर्ष की आयु तक अभिदाता को निर्धारित अंशदान राशि देनी होगी| योजना में प्रवेश के दौरान आयु के अनुसार विशेष मासिक अंशदान का विवरण इस प्रकार है, जैसे-

प्रवेश आयुयोजना पूरी होने के समयआयु सदस्य का मासिक अंशदान (रूपये में)केंद्र सरकार का मासिक अंशदान (रूपये में)कुल मासिक अंशदान (रूपये में)
12345= 3+4
18605555110
19605858116
20606161122
21606464128
22606868136
23607272144
24607676152
25608080160
26608585170
27609090180
28609595190
2960100100200
3060105105210
3160110110220
3260120120240
3360130130260
3460140140280
3560150150300
3660160160320
3760170170340
3860180180360
3960190190380
4060200200400

6. केंद्र सरकार द्वारा बराबर का अंशदान (Matching contribution by the central Government) : प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) 50:50 के अनुपात आधार पर एक स्वैच्छिक तथा अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें निर्धारित आयु विशेष अंशदान (Age-Specific contribution) लाभार्थी द्वारा किया जाएगा और तालिका के अनुसार बराबर का अंशदान केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा|

7. उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति की आयु 29 वर्ष है तो उसे 60 वर्ष की आयु तक प्रति महीने 100 रुपए का अंशदान करना होगा| केंद्र सरकार द्वारा बराबर का यानी 100 रुपए का अंशदान किया जाएगा|

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श्रम योगी मानधन के अंतर्गत नामांकन

1. अभिदाता के पास मोबाइल फोन, बचत बैंक खाता तथा आधार संख्या होना अनिवार्य है। पात्र अभिदाता नज़दीकी सामुदायिक सेवा केंद्रों (Community Service centers-CSCs) पर जाकर आधार संख्या तथा बचत बैंक खाता/जनधन खाता संख्या को स्वप्रमाणित करके प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) के लिये नामांकन करा सकते हैं|

2. बाद में अभिदाता को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) वेब पोर्टल पर जाने तथा मोबाइल एप डाउनलोड करने की सुविधा दी जाएगी और अभिदाता आधार संख्या /स्वप्रमाणित आधार पर बचत बैंक खाता/जनधन खाता का इस्तेमाल करते हुए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

श्रम योगी मानधन नामांकन एजेंसियाँ

1. इस योजना के लिये नामांकन का कार्य सामुदायिक सेवा केंद्रों (CSCs) द्वारा किया जाएगा|

2. असंगठित श्रमिक आधार कार्ड तथा बचत बैंक खाता, पासबुक/जनधन खाता के साथ नज़दीकी CSCs जाकर योजना के लिये अपना पंजीकरण करा सकते हैं|

3. पहले महीने में अंशदान राशि का भुगतान नकद करना होगा और इसकी रसीद दी जाएगी|

श्रम योगी मानधन सहायता केंद्र

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सभी शाखा कार्यालयों, ESIC/EPFO के कार्यालयों तथा केंद्र तथा राज्य सरकारों के सभी श्रम कार्यालयों द्वारा असंगठित श्रमिकों को योजना, उसके लाभों तथा प्रक्रियाओं के बारे में बताया जाएगा|

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श्रम योगी मानधन कोष प्रबंधन

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) केंद्र की योजना है, जिसका संचालन श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा किया जाएगा तथा भारतीय जीवन बीमा निगम और CSC के माध्यम से लागू किया जाएगा, जैसे-

1. भारतीय जीवन बीमा निगम पेंशन फंड मैनेजर (Pension Fund Manager) होगी और पेंशन भुगतान के लिये उत्तरदायी होगी|

2. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) पेंशन योजना के अंतर्गत एकत्रित राशि का निवेश भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट निवेश तरीकों के अनुसार किया जाएगा|

योजना वापसी संबंधी प्रावधान

योजना से बाहर निकलने और वापसी संबंधी प्रावधान असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के रोज़गार के अनिश्चित स्वभाव को देखते हुए योजना से बाहर निकलने के प्रावधान लचीले रखे गए हैं जो इस प्रकार हैं, जैसे-

1. यदि अभिदाता 10 वर्ष से कम की अवधि में योजना से बाहर निकलता है तो उसे केवल लाभार्थी के अंशदान के हिस्से को बचत बैंक ब्याज दर के साथ दिया जाएगा|

2. यदि अभिदाता 10 वर्षों या उससे अधिक की अवधि के बाद लेकिन 60 वर्ष की आयु से पहले योजना से बाहर निकलता है तो उसे लाभार्थी के अंशदान के हिस्से के साथ कोष द्वारा अर्जित संचित ब्याज के साथ या बचत बैंक ब्याज, दर जो भी अधिक हो, के साथ दिया जाएगा|

3. यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसका जीवनसाथी नियमित अंशदान करके इस योजना को आगे जारी रख सकता है या कोष द्वारा अर्जित एकत्रित वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर, जो भी अधिक हो, के साथ लाभार्थी का अंशदान लेकर योजना से बाहर निकल सकता है|

4. यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और 60 वर्ष की आयु से पहले किसी कारणवश स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है और योजना के अंतर्गत अंशदान करने में अक्षम होता है तो उसका जीवनसाथी नियमित अंशदान करके इस योजना को आगे जारी रख सकता है या कोष द्वारा अर्जित एकत्रित वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर, जो भी अधिक हो, के साथ लाभार्थी का अंशदान प्राप्त कर योजना से बाहर निकल सकता है|

5. अभिदाता और उसके जीवनसाथी दोनों की मृत्यु के बाद संपूर्ण राशि कोष में जमा करा दी जाएगी|

6. NSSB की सलाह पर सरकार द्वारा तय योजना से बाहर निकलने का कोई अन्य प्रावधान|

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श्रम योगी मानधन अंशदान में चूक

यदि अभिदाता ने निरंतर अपने अंशदान का भुगतान नहीं किया है तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित दंड राशि के साथ पूरी बकाया राशि का भुगतान करके अंशदान को नियमित करने की अनुमति होगी|

श्रम योगी मानधन पेंशन भुगतान

18-40 वर्ष की प्रवेश आयु में योजना में शामिल होने के बाद 60 वर्ष की उम्र तक तक लाभार्थी को अंशदान करना होगा| 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर अभिदाता को परिवार पेंशन लाभ के साथ प्रति महीने 3000 रुपए की निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त होगी|

संदेह तथा स्पष्टीकरण

योजना को लेकर किसी तरह के संदेह की स्थिति में JS & DGLW (Joint Secretory & Directorate General Labour Welfare) द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण अंतिम होगा|

योजना के अंतर्गत ब्याज दर

1. हालाँकि यह योजना भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा चलाई जाएगी लेकिन भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने अभी तक इसके परिचालन के पहले साल के ब्याज दर की घोषणा नहीं की है|

2. यह संभव है कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) को अधिक आकर्षक बनाने के लिये इसकी ब्याज दर को लगभग संगठित क्षेत्र के पेंशन फंड की दर के समान रखा जाए|

श्रम योगी मानधन कैसे अलग है अटल पेंशन योजना से?

1. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM), अटल पेंशन योजना जिसकी शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी, का एक बेहतर संस्करण है|

2. अटल पेंशन योजना के तहत ब्याज दर लगभग 7.5% है लेकिन प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) को अधिक आकर्षक बनाने के लिये इसकी ब्याज दर को अटल पेंशन योजना की ब्याज दर से अधिक रखा जा सकता है|

3. अटल पेंशन योजना की शुरुआत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को पेंशन अथवा वृद्धावस्था में आय सुरक्षा के दायरे में लाने के उद्देश्य से की गई थी, जबकि प्रधानमंत्री श्रम मान-धन योजना की शुरुआत असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये की गई है| उल्लेखनीय है कि देश के असंगठित क्षेत्र में लगभग 42 करोड़ श्रमिक काम करते हैं|

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