• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
Dainik Jagrati

Dainik Jagrati

Hindi Me Jankari Khoje

  • Blog
  • Agriculture
    • Vegetable Farming
    • Organic Farming
    • Horticulture
    • Animal Husbandry
  • Career
  • Health
  • Biography
    • Quotes
    • Essay
  • Govt Schemes
  • Earn Money
  • Guest Post
Home » Blog » मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी उपाय

मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी उपाय

December 28, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

मक्का में एकीकृत

मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, हमारे देश में मक्का खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है| यदि किसान क्षेत्र विशेष तथा परिस्थितियों के अनुसार अनुमोदित उन्नत किस्मों का चयन कर अच्छी गुणवत्ता के बीजों का चुनाव करें, बीज की सही मात्रा डालें, बिजाई सही समय और सही विधि से करें, मक्का में उर्वरकों का सही समय व सही ढंग से उचित मात्रा में प्रयोग करें|

रोगों एवं खरपतवारों के सही नियन्त्रण पर ध्यान दें, तो मक्का की पैदावार अधिक से अधिक ली जा सकती है| इस लेख में मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें उसकी उपयोगी जानकारी का उल्लेख किया गया है| यदि आप मक्का की जैविक खेती की जानकारी चाहते है, तो यहाँ पढ़ें-मक्का की जैविक खेती कैसे करें

यह भी पढ़ें- फल व फली छेदक कीट का एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें

मक्का की फसल में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन

तना वेधक- मक्का में इसकी सुण्डियां पहले पत्तों के पर्णचक्र में घुसकर, जिससे उनमें छोटे छोटे छिद्र पड़ जाते है एवं फिर मुख्य शाखा और तने में छेद करती हुई उत्तकों को खाकर धीरे-धीरे पौधे को खत्म कर देती हैं| जिसके कारण पौधा धीरे-धीरे सूख कर मुरझा जाता है| छोटे पौधों पर इसका अधिक नुकसान होता है, बड़े पौधों में कई बार सुण्डियां भुट्टे के अन्दर चली जाती है एवं पक रहे दानों को खाती है|

प्रबंधन-

1. खेतों की गहरी जुताई करके उसमें मौजूद कीड़ों और रोगों की विभिन्न अवस्थाओं को नष्ट करना|

2. फसल अवशेषों को हटाना एवं मेढ़ों की उचित सफाई करना|

3. मक्का में शुरूआती अवस्था में प्रकोप द्वारा हुई आपूर्ति के लिए अधिक मात्रा में बीज का उपयोग करें तथा प्रकोप वाले पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें|

4. अण्ड परजीवी ट्राइकोग्रामा जापोनीकम 50,000 अण्डे प्रति हैक्टेयर की दर से 2 से 3 बार छोड़ें|

5. फसल की कटाई जमीन की सतह से करें|

6. बुआई से पहले फोरेट 10 जी 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से जमीन में मिलाएं, बाद में जिन पौधों में छोटे छोटे छिद्र नजर आए, उनके पर्णचक्र में उपरोक्त दानेदार कीटनाशक डाल दें|

यह भी पढ़ें- सब्जियों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें

बालों वाली सुंडियाँ एवं टिड्डे- दोनों कीड़े छोटे पौधों की नर्म पत्तियों और तनों को नुक्सान पहुंचाते हैं| बालों वाली सुंडियां समूहों में नुक्सान करती हैं|

प्रबंधन-

1. मक्का में झुंड में पल रही सुंडियों को हाथ से इक्ट्ठा करके नष्ट करना|

2. अण्ड परजीवी ट्राईकोग्रामा किलोनिस 50,000 अण्डे प्रति हेक्टेयर की दर से छोड़े|

3. खेत में गोबर की खाद के साथ कीट व्याधिकारक दवाई मैटरीजियम डाले|

कटुआ कीड़ा,काले भृग व सफेद सुण्डी- मक्का में ये कीड़े मिट्टी में छुपे रहते हैं और अंकुरित होने के तुरन्त बाद पौधों को खाकर भारी नुक्सान पहुंचाते हैं|

प्रबंधन-

1. खेतों की गहरी जुताई करके उसमें मौजूद कीड़ों की विभिन्न अवस्थाओं को नष्ट करें|

2. अच्छी तरह से गली सड़ी खाद का ही प्रयोग करें|

3. बीज की मात्रा अधिक डालें|

4. मक्का में प्रकाश प्रपंच का प्रयोग करें|

5. खेत में गोबर की खाद के साथ कीट व्याधिकारक दवाई मैटरीजियम एवं ब्यूबेरिया डाले|

6. कटुआ कीट की सुण्डी से पौधों को बचाने के लिए 4 इंच चौड़ाई वाला पाईप दार यंत्र बनायें जो कि अखवार के कागज या ऐलूमिनियम फाईल या प्लास्टिक कप का हो| इसे पौधे पर इस तरह रखे की पौधे का तना चारों तरफ से घिर जाएं एवं कटुआ सुण्डी पौधे के तने तक न पहुंच पाएं| इस यंत्र को 1 इंच जमीन में दवायें|

7. बिजाई के समय 2 लीटर क्लोरपाईरिफास 20 ई सी को 25 किलोग्राम रेत में मिलाकर प्रति हैक्टेयर की दर से जमीन में डालें|

यह भी पढ़ें- ऑर्गेनिक या जैविक खेती क्या है, जानिए उद्देश्य, फायदे एवं उपयोगी पद्धति

मक्का की फसल में एकीकृत रोग प्रबंधन

जिवाणुज तना विगलन- मक्का में यह बीमारी आमतौर पर फूल आने पर प्रकट होती है जमीन की सतह से ऊपर की 1 से 2 गांठे गहरे भूरे रंग की एवं पानी से भरी हुई व नर्म हो जाती हैं| इस स्थान से तना टूट जाता है| पौधे से आती हुई शराब जैसी गंध इस बीमारी की मुख्य पहचान है|

प्रबंधन-

1. मक्का में बुआई के समय नाइट्रोजन और पोटाश की अनुमोदित मात्रा ही डालें, अधिक नाईट्रोजन उर्वरक न दें|

2. खेतों में पानी को ज्यादा देर न रूकने दें तथा इसके निकास का सही प्रबन्ध करें|

3. रोग प्रतिरोधी किस्में लगाएं|

4. बिजाई के समय 16.5 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर प्रति हैक्टेयर खालियों में डालें, दूसरी मात्रा पौधों के इर्द-गिर्द, गुड़ाई करते समय डालें और तीसरी मात्रा 16.5 किलोग्राम नरफूल आने के एक सप्ताह पहले पौधों के इर्द-गिर्द डालें या तीसरी मात्रा का बीमारी के लक्षण आते ही उपरोक्त मात्रा का घोल बनाकर पौधों को अच्छी तरह से गीला कर दें|

यह भी पढ़ें- जैव नियंत्रण एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें

पत्तों का झुलसा- मक्का में यह बीमारी आमतौर पर 30 से 40 दिन पुरानी फसल में पहले निचले पत्तो से शुरू होती हुई फिर ऊपर की ओर आती है|

प्रबंधन-

1. रोग प्रतिरोधी किस्मों की बिजाई करें|

2. मक्का की 10 जून से पहले अगेती बुआई करने से यह बीमारी कम होती है|

3. मक्का में नाइट्रोजन खाद की अनुमोदित मात्रा ही डालें|

4. मक्का में बीमारी का पता चलते ही फसल में इण्डोफिल जैड- 78 या इण्डोफिल एम- 45, 1.5 किलोग्राम को 750 लीटर पानी में डाल कर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव को दस दिन से अंतराल में दोहराएं|

शीर्ष की कांगियारी- मक्का में इस बीमारी के लक्षण फसल में फूल आने और भुटटे बनने की अवस्था में दिखाई देते हैं एवं ये पूरी तरह काले पाउडर में परिवर्तित हो जाते हैं|

प्रबंधन-

1. बीज को बोने से पहले विटावैक्स या बैविस्टिन 2.5 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज की दर से उपचारित करें|

2. ग्रसित पौधो को उखाड़ कर तुरन्त नष्ट कर दें|3. ग्रसित खेतों में 4 से 5 वर्ष का फसल चक्र अपनाएँ|

यह भी पढ़ें- परजीवी एवं परभक्षी (जैविक एजेंट) द्वारा खेती में कीट प्रबंधन

धारीदार पर्ण और पर्णच्छद अंगमारी- मक्का में इस रोग के लक्षण पौधों की जड़ों और डण्ठलों को छोड़कर सभी भागों में प्रकट होते हैं| मक्का में लगभग 40 से 50 दिन की फसल पर पत्तों या तनों से लपेटे पत्तों के भागों पर लाल से भूरे धब्बे बन जाते हैं| पौधों की बढ़ौतरी के साथ ये धब्बे तनों पर ऊपर की ओर बढ़ते हैं|

दूर से देखने पर रोग ग्रस्त पौधे सांप की केंचुली के जैसे नजर आते हैं| कई बार भुट्टों में दाने ही नहीं बनते हैं| इस बीमारी से जड़ और नर फूल भाग के अतिरिक्त, पौधे के सभी भाग प्रभावित होते हैं|

प्रबंधन-

1. रोग ग्रस्त पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें|

2. प्रतिरोधी किस्मों की बिजाई करें|

3. इस फसल में पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे का अनुमोदित अंतर रखें ताकि बीमारी वाले पत्तों का स्वस्थ पत्तों के साथ आपस में स्पर्श न हो|

4. मक्का में जब फसल 40 से 50 दिन की हो तो रोग ग्रस्त भागों को निकाल कर जला दें|

5. मक्का में रोग के प्रकट होते ही इंडोफिल एम- 45, 6.25 प्रतिशत का छिड़काव करें तथा उसके बाद बीमारी की गंभीरता को देखते हुए 10 दिन के अंतर पर छिड़काव करें|

विशेष- चारे वाली फसल में कीटनाशक का प्रयोग न करें|

यह भी पढ़ें- जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं, जानिए उपयोगी एवं आधुनिक तकनीक

प्रिय पाठ्कों से अनुरोध है, की यदि वे उपरोक्त जानकारी से संतुष्ट है, तो अपनी प्रतिक्रिया के लिए “दैनिक जाग्रति” को Comment कर सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का हमें इंतजार रहेगा, ये आपका अपना मंच है, लेख पसंद आने पर Share और Like जरुर करें|

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

“दैनिक जाग्रति” से जुड़े

  • Facebook
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Twitter
  • YouTube

करियर से संबंधित पोस्ट

आईआईआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कट ऑफ, प्लेसमेंट

एनआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कटऑफ, प्लेसमेंट

एनआईडी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, फीस, कट ऑफ, प्लेसमेंट

निफ्ट: योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, कोर्स, अवधि, फीस और करियर

निफ्ट प्रवेश: पात्रता, आवेदन, सिलेबस, कट-ऑफ और परिणाम

खेती-बाड़ी से संबंधित पोस्ट

June Mahine के कृषि कार्य: जानिए देखभाल और बेहतर पैदावार

मई माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

अप्रैल माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

मार्च माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

फरवरी माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

स्वास्थ्य से संबंधित पोस्ट

हकलाना: लक्षण, कारण, प्रकार, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

एलर्जी अस्थमा: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

स्टैसिस डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान, इलाज

न्यूमुलर डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, डाइट, निदान और इलाज

पेरिओरल डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, निदान और इलाज

सरकारी योजनाओं से संबंधित पोस्ट

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार: प्रशिक्षण, लक्षित समूह, कार्यक्रम, विशेषताएं

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: लाभार्थी, योजना घटक, युवा वाहिनी

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार: उद्देश्य, प्रशिक्षण, विशेषताएं, परियोजनाएं

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना | प्रधानमंत्री सौभाग्य स्कीम

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: पात्रता, आवेदन, लाभ, पेंशन, देय और ऋण

Copyright@Dainik Jagrati

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
  • Sitemap