• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
Dainik Jagrati

Dainik Jagrati

Hindi Me Jankari Khoje

  • Agriculture
    • Vegetable Farming
    • Organic Farming
    • Horticulture
    • Animal Husbandry
  • Career
  • Health
  • Biography
    • Quotes
    • Essay
  • Govt Schemes
  • Earn Money
  • Guest Post
Home » न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस और बीटी का कृषि में उपयोग

न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस और बीटी का कृषि में उपयोग

December 23, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस और बीटी का कृषि में उपयोग

न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस (एनपीवी)- यह वाइरस पर आधारित जैविक कीटनाशक है, जो चना और तम्बाकू की सूड़ी के नियंत्रण के लिए प्रयोग में लाया जाता है| चने की सूड़ी से बना हुआ जैविक कीटनाशक न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी (एच) 0.43 प्रतिशत ए एस तथा 2 प्रतिशत ए एस में उपलब्ध है|

इसी प्रकार तम्बाकू की सूड़ी से बना हुआ जैविक कीटनाशक न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी (एस) 0.5 प्रतिशत ए एस के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| चने की सूड़ी से बना हुआ न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी चने की सूड़ी पर एवं तम्बाकू की सूड़ी से बना हुआ एन पी वी तम्बाकू की सूड़ी पर ही प्रभावी है|

कीट की सुंडी के द्वारा वाइरस युक्त पत्ती या फली खाने के 3 दिन बाद सुंडियों का शरीर पीला पड़ने लगता है एवं एक सप्ताह बाद सुंडियाँ काले रंग की हो जाती है तथा शरीर के अन्दर द्रव भर जाता है| रोगग्रस्त सूड़ियाँ पौधे की ऊपरी पत्तियों या टहनियों पर उल्टी लटकी हुई पायी जाती है| न्यूक्लियर पालीहेड्रोसिस वायरस एन पी वी की सेल्फ लाइफ एक वर्ष है|

यह भी पढ़ें- स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस का उपयोग खेती में कैसे करें

बैसिलस थूरिनजियेन्सिस (बीटी)- यह बैक्टीरिया पर आधारित जैविक कीटनाशक है| बैसिलस थूरिनजियेन्सिस प्रजाति कर्सटकी 0.5 प्रतिशत डब्लू पी, 2.5 प्रतिशत ए एस एवं 3.5 प्रतिशत ई एस एवं 5 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मूलेशन में उपलब्ध है|

बैसिलस थूरिनजियेन्सिस विभिन्न प्रकार की फसलों, सब्जियों और फलों में लगने वाले लेपिडोप्टेरा कुल के फली बेधक, पत्ती खाने वाले कीटों की रोकथाम के लिए लाभकारी है|

बैसिलस थूरिनजियेन्सिस के प्रयोग के 15 दिन पूर्व या बाद में रासायनिक जीवाणुनाशी का प्रयोग नहीं करना चाहिए| बैसिलस थूरिनजियेन्सिस की सेल्फ लाइफ एक वर्ष है|

यह भी पढ़ें- बायो फ़र्टिलाइज़र (जैव उर्वरक) क्या है- प्रकार, प्रयोग व लाभ

न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस (एनपीवी) का खेती में उपयोग की विधि-

1. खड़ी फसल में कीट रोकथाम के लिए 250 से 300 लार्वा के समतुल्य (एल ई) प्रति हेक्टेयर की दर से 400 से 500 लीटर पानी में घोलकर आवश्यकतानुसार 15 दिन के अंतराल पर सायंकाल छिड़काव करना चाहिये|

2. अरहर और चने में हेलिकोवर्पा कीट की रोकथाम के लिए न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी (एच) 2 प्रतिशत ए एस 250 से 500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें|

3. कपास में हेलिकोवर्पा कीट की रोकथाम के लिए न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी (एच) 0.43 प्रतिशत ए एस 2700 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 400 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें|

4. टमाटर में हेलिकोवर्पा कीट की रोकथाम के लिए न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी (एच) 0.43 प्रतिशत ए एस 1500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 400 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें|

5. तम्बाकू में स्पोडोप्टेरा की रोकथाम के लिए न्यूक्लियर पॉली हाइड्रोसिस वायरस एन पी वी (एस) 0.5 प्रतिशत ए एस 1500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 400 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें|

यह भी पढ़ें- वर्टिसिलियम लेकानी का उपयोग खेती में कैसे करें

बैसिलस थूरिनजियेन्सिस (बीटी) का खेती में उपयोग की विधि-

1. चने में फलीबेधक के लिए बैसिलस थूरिनजियेन्सिस प्रजाति कर्सटकी 0.5 प्रतिशत डब्ल्यू पी की 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से लगभग 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें|

2. अरण्डी में सेमीलूपर के लिए बैसिलस थूरिनजियेन्सिस कर्सटकी 0.5 प्रतिशत डब्लू पी 400 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 250 से 300 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें|

3. कपास में बालवर्म के लिए बैसिलस थूरिनजियेन्सिस कर्सटकी 3.5 प्रतिशत ई एस की 750 मिलीलीटर से 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 750 से 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें|

यह भी पढ़ें- मेटाराइजियम एनिसोप्ली का उपयोग खेती में कैसे करें

प्रिय पाठ्कों से अनुरोध है, की यदि वे उपरोक्त जानकारी से संतुष्ट है, तो अपनी प्रतिक्रिया के लिए “दैनिक जाग्रति” को Comment कर सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का हमें इंतजार रहेगा, ये आपका अपना मंच है, लेख पसंद आने पर Share और Like जरुर करें|

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

“दैनिक जाग्रति” से जुड़े

  • Facebook
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Twitter
  • YouTube

करियर से संबंधित पोस्ट

आईआईआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कट ऑफ, प्लेसमेंट

एनआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कटऑफ, प्लेसमेंट

एनआईडी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, फीस, कट ऑफ, प्लेसमेंट

निफ्ट: योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, कोर्स, अवधि, फीस और करियर

निफ्ट प्रवेश: पात्रता, आवेदन, सिलेबस, कट-ऑफ और परिणाम

खेती-बाड़ी से संबंधित पोस्ट

June Mahine के कृषि कार्य: जानिए देखभाल और बेहतर पैदावार

मई माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

अप्रैल माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

मार्च माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

फरवरी माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

स्वास्थ्य से संबंधित पोस्ट

हकलाना: लक्षण, कारण, प्रकार, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

एलर्जी अस्थमा: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

स्टैसिस डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान, इलाज

न्यूमुलर डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, डाइट, निदान और इलाज

पेरिओरल डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, निदान और इलाज

सरकारी योजनाओं से संबंधित पोस्ट

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार: प्रशिक्षण, लक्षित समूह, कार्यक्रम, विशेषताएं

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: लाभार्थी, योजना घटक, युवा वाहिनी

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार: उद्देश्य, प्रशिक्षण, विशेषताएं, परियोजनाएं

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना | प्रधानमंत्री सौभाग्य स्कीम

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: पात्रता, आवेदन, लाभ, पेंशन, देय और ऋण

Copyright@Dainik Jagrati

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
  • Sitemap