बेल में अत्यन्त जैव विविधता पाई जाती है| अतः इसके संकलन की आवश्यकता है| विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय एवं आई सी ए आर के संस्थानों द्वारा विभिन्न चयनित बेल की किस्मों के कारण पूर्व में विकसित किस्मों, जैसे- सिवान, देवरिया बडा, कागजी इटावा, चकिया, मिर्जापुरी, कागजी गोण्डा आदि के रोपण की संस्तुति अब नहीं की जा रही है| कुछ बेल की प्रमुख उन्नत किस्मों का संक्षिप्त विवरण निचे सविस्तार दिया गया है| बेल की वैज्ञानिक तकनीक से खेती कैसे करें, की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- बेल की खेती कैसे करें
बेल की किस्में
नरेन्द्र बेल- 5
इस बेल की किस्म के पौधे कम ऊंचाई वाले 3 से 5 मीटर एवं पौधे अधिक फैलाव लिऐ होते हैं| फल सिरे पर चपटे, मध्यम आकार 11.50 x 12 सेंटीमीटर मीठे स्वाद 33 से 36 डिग्री ब्रिक्स तथा कम बीज वाले होते हैं| गूदा कम रेशेयुक्त, मुलायम और अच्छे स्वाद वाला होता है| फलों का औसत वजन 750 से 1000 ग्राम तक होता है तथा इसकी औसत उपज सात वर्ष के पौधे से 30 से 35 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक होती है|
नरेन्द्र बेल- 7
इस बेल की किस्म के पौधे की औसत ऊंचाई 5 से 7 मीटर तथा पौधे का फैलाव 3 से 5 वर्ग मीटर होता है| पत्तियाँ आकार में बडी होती हैं| फल के सिरे गोल चपटे काफी बडे (17.5 लम्बे एवं 22 सेंटीमीटर व्यास के) होते हैं तथा फलों का औसत वजन 3 से 4.5 किलोग्राम तक होता है| फलों में रेशे एवं बीज की मात्रा कम पायी जाती है| इस किस्म के पौधों की औसत उपज सात वर्ष में 30 से 40 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक की होती है|
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नरेन्द्र बेल- 9
इस बेल की किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई 4 से 6 मीटर वाले होते हैं| फल आकार में बडे 17.00 x 14.50 सेंटीमीटर, गोल अण्डाकार तथा अधिक मिठास युक्त (35 से 38 डिग्री ब्रिक्स) होते हैं| फलों का औसत वजन 1 से 1.6 किलोगरण तक होता है तथा फलों का छिलका पतला होता है| गूदे में रेशे एवं बीज की मात्रा कम पायी जाती है| सात साल के पेडो से औसत उपज 45 से 60 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक प्राप्त की जाती है|
पंत सिवानी
इस बेल की किस्म के पेड ऊपर की तरफ बढने वाले एवं घने होते हैं| फल लम्बे अण्डाकार, 1.2 से 2.0 किलोग्राम औसत वजन, पतला छिलका, गूदेदार (70 से 75प्रतिशत) रेशा कम, अधिक मिठास (32 से 36 डिग्री ब्रिक्स) एवं स्वादिष्ट होते हैं| फलों की भण्डारण क्षमता अधिक होती है| इस प्रजाति में फलत पांचवे साल से प्रारम्भ होती है| पेडों की औसत उपज 15 से 20 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक पायी जाती है|
पंत अर्पणा
यह एक बौनी एवं घनी बेल की किस्म है| इसकी शाखायें नीचे की तरफ लटकती रहती हैं| पत्तियाँ बडी, गहरे रंग एवं नाशपाती की तरह होती हैं| पेडों पर कांटे कम पाये जाते हैं| फलत जल्दी एवं उपज अच्छी होती है| फल गोलाकार (11.50 x 12.00 सेंटीमीटर व्यास), औसत वजन 0.7 से 1.0 किलोग्राम भार एवं पतले छिलके वाले होते हैं| पकने पर फलों का रंग हल्का पीला होता है| इसमें बीज, लिसलिसा पदार्थ, खटास एवं रेशा कम पाया जाता है|
लिसलिसा पदार्थ तथा बीज अलग थैलियों में बंद होता है| जिसे आसानी से अलग किया जा सकता है| अतः यह किस्म प्रोसेसिंग के लिए ज्यादा उपयोगी सिद्ध हो सकती है| फलों का गूदा मध्यम मीठा (34 से 37 डिग्री ब्रिक्स) स्वादिष्ट एंव सुवासयुक्त होता है| सात साल के पेड़ों से औसत उपज 35 से 40 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक प्राप्त की जाती है|
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पंत उर्वशी
इस बेल की किस्म के पेड घने, वृद्धियुक्त एवं लम्बे होते हैं| फलों का आकार अण्डाकार लम्बा (18.00 x 21.50 सेंटीमीटर) तथा औसत प्रति फल भार 1.6 किलोग्राम तक होता है| छिलका मध्यम पतला, गूदा मीठा (31 से 34 डिग्री ब्रिक्स) स्वादिष्ट एवं सुवासयुक्त होता है| फलों में गूदे की मात्रा 68.5 प्रतिशत तक पायी जाती है| सात साल के पेड से औसत उपज 25 से 35 किलोग्राम तक की होती है|
पंत सुजाता
इस बेल की किस्म के पेड मध्यम आकार, घने एवं फैलने वाले होते हैं| यह शीघ्र फलत एवं फैलने वाले होते हैं| यह मध्यम समय में पकने वाली किस्म है| फल गोल तथा दोनों सिरे चपटे होते हैं| फलों का भार 1.00 से 1.200 किलोग्राम, छिलका हल्का पीला एवं पतला, गूदा मीठा (30 से 32 डिग्री ब्रिक्स) तथा कम रेशायुक्त होता है| फलों में गूदे की मात्रा 72.8 प्रतिशत तक पायी जाती है| पेडों की औसत उपज सातवें साल 45 से 50 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक की होती है|
सी आई एस एच बी- 1
इस बेल की किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई वाले एवं कम फैलाव लिये होते हैं| फल, आकार में अण्डाकार गोल, लम्बाई 15 से 20 सेंटीमीटर एवं व्यास 12 से 15 सेंटीमीटर तथा अधिक मिठासयुक्त (32 से 36 डिग्री ब्रिक्स) होते हैं| फलों का वजन 0.8 से 1.5 किलोग्राम तथा छिलका पतला 0.15 से 0.19 सेंटीमीटर होता है| फलों में रेशे एवं बीज की मात्रा कम पायी जाती है| सात साल के पौधे से औसत उपज 40 से 45 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक प्राप्त की जा सकती है|
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सी आई एस एच बी- 2
इस बेल की किस्म के पौधे कम ऊंचाई वाले एवं अधिक फैलाव लिये होते हैं| फल, आकार में बड़े 14 से 18 सेंटीमीटर एवं व्यास 12 से 15 सेंटीमीटर एवं लम्बे गोल होते हैं| फलों का वजन 1.8 से 2.7 किलोग्राम तक होता है| फल अधिक मिठासयुक्त (30 से 36 डिग्री ब्रिक्स) एवं अपेक्षाकृत मोटे छिलके वाले होते हैं| फलों में रेशे एवं बीज की मात्रा काफी कम होती है सात साल के पेड़ों से औसत उपज 35 से 40 किलोग्राम प्रति वृक्ष तक प्राप्त होती है|
गोमा यशी
बेल की इस उत्तम प्रजाति का विकास हाल ही में उत्तर-पश्चिम भारत में लगाने हेतू किया गया है| जिसके पौधे का आकार अपेक्षाकृत बौना है, जो कि कांटे रहित है फल का वजन पारिवारिक जरूरतों के अनुरूप 1.31 किलोग्राम है| जो कि यथा योग्य है| इसबेल के फलों का टी एस एस 35 से 39 डिग्री ब्रिक्स है| बीज एवं रेशे की मात्रा बहुत कम तथा जिसको आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है|
अर्धशुष्क क्षेत्र में बारानी खेती से 7 साल के पौधे 40 से 60 किलोग्राम तक फल प्रति वृक्ष प्राप्त होते हैं| गूदे की मात्रा 72 से 76 प्रतिशत है| फल स्वादिष्ट एवं सुवासयुक्त होते हैं| इससे बहुत से फल संरक्षण पदार्थ बनाया जा सकते हैं, यह बेल प्रजाति बारानी खेती में सघन बागवानी के लिए उपयुक्त है|
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