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Home » Blog » अमेरिकन कपास की उन्नत और हाइब्रिड किस्में: विशेषताएं व पैदावार

अमेरिकन कपास की उन्नत और हाइब्रिड किस्में: विशेषताएं व पैदावार

January 11, 2019 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

अमेरिकन कपास

खरीफ की नगदी फसलों में कपास का महत्वपूर्ण स्थान है| अमेरिकन कपास (नरमा) की अधिक पैदावार लेने के लिए उन्नत किस्मों को सही समय पर बोने, उपयुक्त खाद देने व समय पर पौध संरक्षण उपाय अपनाने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये| इस लेख में अमेरिकन कपास (नरमा) की उन्नत एवं संकर किस्मे की विशेषता और पैदावार का उल्लेख किया गया है| कपास की खेती की अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- कपास की खेती कैसे करें

यह भी पढ़ें- कपास की जैविक खेती- लाभ, उपयोग और उत्पादन

अमेरिकन कपास की उन्नत किस्में

एच एस- 6

इस अमेरिकन कपास किस्म की समस्त उत्तरी भारत में अगेती बिजाई 15 मई तक करने की सिफारिश की गई है| यह किस्म 180 से 185 दिन में पककर तैयार हो जाती है| इसके टिण्डे बड़े होते हैं, जो कि अच्छी तरह खिलते हैं| चुनाई आसानी से की जाती है| इसकी ऊंचाई 150 से 160 सेंटीमीटर होती है, एवं 2 से 3 मजबूत वानस्पतिक शाखायें होती हैं, यह जैसिड प्रतिरोधी है| इस पर गुलाबी सुण्डी का प्रकोप भी कम होता है| इसकी औसत उपज 8.5 क्विटल प्रति एकड़ है| इसमें रूई की मात्रा 36 प्रतिशत है, तथा रेशे की लम्बाई 23.6 मिलीमीटर है|

एच- 1098

नरमे की यह अमेरिकन कपास किस्म पछेती बिजाई के लिए उत्तरी भारत में 1996 में खेती के लिए विकसित की गई थी| यह किस्म कम अवधि में पकने वाली है और कुल 165 दिन का समय बिजाई से अंतिम चुनाई तक लेती है| इसकी बिजाई का उपयुक्त समय मध्य-मई से जून के प्रथम सप्ताह तक का है| इसके पौधे सीधी बढ़वार वाले होते हैं, जो 130 सेंटीमीटर ऊंचाई तक बढ़ते हैं|

तना प्रायः फलदार शाखाओं वाला, पत्तियां हरे रंग की, टिण्डा मध्यम आकार का नुकीला और फूल क्रीम रंग के होते हैं| कपास-गेहू फसल-चक्र के लिए यह उपयुक्त है, औसत पैदावार 8 से 8.5 क्विटल प्रति एकड़, रेशे की लम्बाई 22.7 मिलीमीटर एवं रूई 35.2 प्रतिशत है| तेले व सूण्डी का इस पर कम प्रकोप होता है|

यह भी पढ़ें- कपास फसल की विभिन्न अवस्थाओं के अनुसार प्रमुख कीट व रोग प्रकोप

एच- 1117

इस अमेरिकन कपास किस्म की समस्त उत्तरी भारत में अगेती बिजाई 15 अप्रैल से 15 मई तक करने की सिफारिश की गई है| यह किस्म 175 से 185 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है| इसके पत्ते छोटे एवं टिण्डे मध्यम होते हैं, जो अच्छी तरह खिलते हैं| चुनाई आसानी से हो जाती है, इसकी उँचाई 150 से 160 सेंटीमीटर होती है| इसमें मजबूत वानस्पतिक शाखाएं 2 से 6 तक हो जाती हैं|

लेकिन, उँचाई तथा शाखाएं जलवायु के कारण कम-ज्यादा हो सकती हैं| इसके फूल तथा परागकण क्रीम रंग के होते हैं, इस किस्म में बहुत ही कम (2 से 5 प्रतिशत) पत्ती मरोड़ रोग लगता है| इसकी औसत पैदावार 8 क्विटल प्रति एकड़ एवं रूई की मात्रा 35.5 प्रतिशत और रेशे की लम्बाई 24.1 मिलीमीटर है| इसकी अधिकतम पैदावार 15 क्विटल प्रति एकड़ तक ली जा सकती है|

एच- 1226

यह अमेरिकन कपास की पूर्णतया पत्ता मरोड़ अवरोधी किस्म है| यह किस्म 160 से 165 दिन में पककर तैयार हो जाती है एवं कपास-गेहू फसल-चक्र के लिए उपयुक्त है| इसके पौधों की ऊँचाई 150 से 160 सेंटीमीटर एवं 2 से 3 वानस्पतिक शाखाएं होती हैं| इसकी पत्तियां रोएंदार, आकार में छोटी और पीलापन लिए होती हैं| फूल की पंखुड़ियां ऊपर से कम पीली तथा आधार की तरफ अपेक्षाकृत अधिक पीली होती हैं|

इसके पुंकेसर व परागकण क्रीम रंग के होते हैं| इस किस्म के टिण्डे मध्यम आकार के, गोल एवं प्रति पौधा संख्या में अधिक होते हैं| टिण्डे सख्त होने के कारण सूण्डी का प्रकोप अपेक्षाकृत कम होता है और हरे तेले का असर भी कम देखा गया है| इसकी औसत पैदावार 9 से 10 क्विटल प्रति एकड़ है| इस किस्म में रूई की मात्रा 33.7 प्रतिशत तथा रेशे की लंबाई 24.5 मिलीमीटर होती है|

यह भी पढ़ें- कपास में एकीकृत कीट प्रबंधन कैसे करें

एच- 1098 (संशोधित)

यह अमेरिकन कपास किस्म पुरानी प्रचलित किस्म एच-1098 का संशोधित रूपांतरण है| नई किस्म एच-1098 संशोधित में एच-1098 के सभी गुणों के साथ-साथ पत्ता मरोड़ रोग प्रतिरोधी क्षमता है| इसके टिण्डे बड़े होते हैं एवं रूई की मात्रा अधिक है|

एच- 1236

यह अमेरिकन कपास किस्म रेशे की गुणवत्ता के लिए वर्ष 2010 में खेती के लिए अनुमोदित की गई| इस किस्म के फूल पीले रंग के व परागकण क्रीम रंग के होते हैं| इनमें 1 से 3 वानस्पतिक शाखाएं होती हैं और पौधे मध्यम ऊँचाई 130 से 150 सेंटीमीटर के होते हैं| इस किस्म की अन्तिम चुनाई मध्य नवम्बर तक पूरी हो जाती है|

इसलिए यह किस्म कपास-गेहूं व कपास-राया फसल चक्र के लिए उपयुक्त है| इस किस्म की औसत पैदावार 7.94 क्विटल प्रति एकड़ है तथा अधिकतम पैदावार 11.4 क्विटल प्रति एकड़ है| इस किस्म में रेशे की लंबाई 27.2 मिलीमीटर व रूई की मात्रा 35 प्रतिशत है| यह किस्म पत्ता मरोड़ रोग के प्रति अवरोधी है|

एच- 1300

अमेरीकन कपास की यह किस्म समय पर बिजाई एवं सिंचित अवस्था के लिए विकसित की गई है| यह किस्म 165 से 170 दिन में पक कर तैयार हो जाती है| कपास के पत्ती मरोड़ रोग के लिए यह रोगरोधी है| इसके टिण्डे बड़े आकार के होते हैं और पैदावार 13.94 क्विटल प्रति एकड़ है, जिसमें रूई की मात्रा 36.3 प्रतिशत, माइक्रोनेयर मूल्य 4.9 व रेशे की शक्ति 21.5 ग्राम प्रति टैक्स है|

यह भी पढ़ें- बारानी क्षेत्रों की फसल उत्पादकता वृद्धि हेतु उन्नत एवं आधुनिक तकनीक

आर एस- 2013

इस अमेरिकन कपास किस्म के पौधों की ऊंचाई 125 से 130 सेंटीमीटर होती है| इसकी पतियां मध्यम आकार की व हल्के हरे रंग की होती है| इसके फूलों की पखुड़ियों का रंग पीला होता है| इस किस्म में 2 से 3 ऐकांक्षी शाखाएँ और अन्य फलवाहिनी शाखाएँ होती है| फसल 165 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है|

इस किस्म में सूण्डी द्वारा हानि अन्य किस्मों की अपेक्षाकृत कम होती है| यह किस्म पत्ती मरोड़ विषाणु बीमारी के प्रति अवरोधी है| इस किस्म की औसत उपज लगभग 9 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|

आर एस- 810

इस अमेरिकन कपास किस्म के पौधे की ऊंचाई मध्यम 125 से 130 सेन्टीमीटर होती है| फूल पीले रंग के होते हैं, टिण्डे का आकार 2.50 से 3. 50 ग्राम रेशे की लम्बाई 24 से 25 मिलीमीटर व ओटाई क्षमता 33 से 34 प्रतिशत होती है| यह किस्म 165 से 175 दिन में पककर तैयार व 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ उपज देती है तथा पत्ती मोड़क रोग प्रतिरोधक है|

आर एस टी- 9

इस अमेरिकन कपास किस्म के पौधों की ऊंचाई 130 से 140 सेन्टीमीटर, पत्तियां हल्के रंग की होती हैं और फूल पीले रंग के होते हैं| चार से छ: एकांक्षी शाखाएं होती है| टिण्डे का आकार मध्यम औसत वजन 3.5 ग्राम होता है| फसल 160 से 200 दिन में पककर तैयार हो जाती है, तेला से इस किस्म में अपेक्षाकृत कम हानि होती है| ओटाई प्रतिशत भी अन्य अनुमोदित किस्मों से अधिक है|

यह भी पढ़ें- दीमक से विभिन्न फसलों को कैसे बचाएं

आर एस- 875

इस अमेरिकन कपास किस्म के पौधे की ऊंचाई मध्यम 100 से 110 सेन्टीमीटर होती है| आकार एवं रंग गहरे हरे रंग की होती है| शुन्य (जीरों) से एक एकांक्षी शाखाएँ पायी जाती है| टिण्डे का आकार मध्यम, औसत वजन 3.5 ग्राम, रेशे की लम्बाई 27 मिलीमीटर व तेल की मात्रा 23 प्रतिशत 15 है, जो अनुमोदित किस्मों से अधिक है| इस किस्म की फसल 150 से 160 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिससे उसी खेत में सामान्य समय में गेहूं की बुवाई की जा सकती है|

बीकानेरी नरमा

इस अमेरिकन कपास किस्म के पौधे लगभग 135 से 165 सेंटीमीटर (साढे पाँच फीट) ऊँचे पत्तियाँ छोटी, हल्के हरे रंग की और फूल छोटे हल्के पीले रंग के होते हैं एवं चार से छः एकांक्षी शाखाएं पाई जाती हैं| टिण्डे का आकार मध्यम औसतन वजन 2 ग्राम होता है| फसल 160 से 200 दिन में पककर तैयार हो जाती है| तेला (जेसिड) से इस किस्म में अपेक्षाकृत कम हानि होती है|

यह भी पढ़ें- उर्वरकों एवं पोषक तत्वों का कृषि में महत्व

अमेरिकन कपास की संकर किस्में

एच एच एच- 223

अमेरिकन कपास की यह संकर किस्म वर्ष 2002 में उत्तरी भारत में बिजाई के लिए सिफारिश की गई| इसकी बिजाई का समय 15 अप्रैल से 20 मई तक है| इसके पौधे की ऊँचाई 150 से 160 सेंटीमीटर और मुख्य तने पर 2 से 4 मजबूत टहनियां होती हैं| हालांकि, उँचाई और टहनियां जलवायु पर निर्भर करती हैं| इसके पत्ते हरे, फूल पीले रंग के एवं परागकण क्रीम होते हैं|

इसके टिण्डे का वजन 3.8 ग्राम है, यह 175 से 180 दिनों में पक कर तैयार होती है| इस पर सूण्डियों का प्रकोप भी कम होता है एवं यह जैसिड प्रतिरोधी है| इस किस्म में पत्ती मरोड़ रोग नहीं लगता| इसकी औसत पैदावार 8 से 9 क्विटल प्रति एकड, रूई 35.2 प्रतिशत और रेशे की लम्बाई 22.5 मिलीमीटर है| इसकी अधिकतम पैदावार 16 क्विटल प्रति एकड़ ली जा सकती है|

एच एच एच- 287

यह अमेरिकन कपास हरियाणा राज्य की नरमा की पहली नर-बंध्य संकर किस्म है| इस संकर किस्म की बिजाई की सिफारिश वर्ष 2005 में समस्त उत्तरी भारत के सिंचित इलाकों में 10 मई से 30 मई के मध्य की गई है| इसके बीज की मात्रा 1.750 किलोग्राम प्रति एकड़ उपयुक्त होती है| यह किस्म 160 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है| इसके टिण्डे का वजन 4 ग्राम होता है एवं टहनियों पर इनकी दूरी कम होती है| यह किस्म पत्ता मरोड़ रोग के प्रति प्रतिरोधी है|

इसकी पंखुडियां और पराग क्रीम रंग के होते हैं| इसमें वानस्पतिक शाखाएं 1 से 3 होती हैं| इस संकर किस्म का बीज किसान खुद अपने खेत में आसानी से तैयार कर सकता है| इसमें रूई की प्रतिशत मात्रा 34.8 एवं रेशे की लम्बाई 27.1 मिलीमीटर होती है| इस संकर किस्म की औसत पैदावार 8 से 9 किंवटल प्रति एकड है तथा अधिकतम पैदावार 13 क्विंटल प्रति एकड़ है|

राज एच एच- 16 (मरू विकास)

इस अमेरिकन कपास संकर किस्म के पौधों की ऊंचाई 135 से 145 सेंटीमीटर पत्तियां औसत आकार हल्के हरे रंग की होती है, फूल हल्के पीले रंग व 3 से 4 एकांक्षी शाखाएँ पाई जाती है| टिण्डे का आकार मध्यम, औसतन वजन 4.5 ग्राम, रेशे की लम्बाई 27 मिलीमीटर व कताई सूतांक 40 है, जो अन्य अनुमोदित किस्मों से अधिक है| इस किस्म की फसल 170 से 180 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिससे उसी खेत में सामान्य समय में गेहूं की फसल आसानी से ली जा सकती है|

यह भी पढ़ें- समेकित पोषक तत्व (आईएनएम) प्रबंधन कैसे करें

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