अगेती खेती के लिए ठण्डे वातावरण में यानि जब दिन का तापमान और रात्रि का न्यूनतम तापमान लगभग 0 से 20 सेल्सियस होता है, तभी ऐसे वातावरण में पोलीहाऊस के माध्यम से सब्जियों की स्वच्छ और स्वस्थ पौध तैयार की जा सकती है| सब्जियों की अगेती फसल लेने के लिए बेमौसमी पौध द्वारा सब्जी का [अधिक पढ़ें] …
सब्जियों की खेती
सब्जियों की नर्सरी कैसे तैयार करें | सब्जियों की पौध कैसे तैयारी करें
सब्जियों की खेती में सब्जियों की नर्सरी (पौधशाला) में पौध तैयार करना एक कला है| इसे सुचारू रूप से तैयार करने के लिये तकनीकी जानकारी का होना आवश्यक है| एक सफल किसान बन्धु का प्रयत्न रहता है, कि कम से कम लागत में अधिक से अधिक उत्पाद प्राप्त कर सके| जो किसान सफल पौध तैयार [अधिक पढ़ें] …
परवल की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
परवल की खेती कद्दू वर्गीय सब्जी की फसलो में आती है, इसकी खेती बहुवर्षीय की जाती है| परवल की खेती (Parwal farming) ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में की जाती है| परवल अत्यन्त ही सुपाच्य, पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एंव औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय सब्जी है| परवल शीतल, पित्तानाशक, हृदय एंव मूत्र सम्बन्धी [अधिक पढ़ें] …
तरबूज की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
गर्मी के दिनों में तरबूज एक अत्यन्त लोकप्रिय फल एवं सब्जी मानी जाती है| इसके फल पकने पर काफी मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं| तरबूज की खेती (Farming of watermelon) हिमालय के तराई क्षेत्रों से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों तक विस्तृत रूप में की जाती है| इसके फलों के सेवन से “लू’ नहीं लगती [अधिक पढ़ें] …
खरबूजे की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
कद्दूवर्गीय फसलों में खरबूजा एक महत्वपूर्ण फसल है| खरबूजे की खेती (Melon farming) मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश के गर्म तथा शुष्क क्षेत्रों में की जाती है| हमारे देश के उत्तर-पश्चिम में खरबूजा की खेती व्यापक रूप से की जाती है| इसकी खेती नदियों के किनारे मुख्य [अधिक पढ़ें] …
जिमीकंद की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
जिमीकंद या सूरन एक भूमिगत कंद है| जो इसकी उपज क्षमता तथा पाक गुणों के कारण लोकप्रिय हो रहा हैं| उच्च उपज, गैर-तीखेपन वाले किस्मों के प्रवेश के कारण इसे पूरे भारत में व्यावसायिक उत्पादन हेतु अपनाया जा रहा हैं| यह कार्बोहाइड्रेट और खनिजों जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस से समृद्ध हैं| बवासीर, पेचिश, दमा, फेफड़ों [अधिक पढ़ें] …