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Home » ब्लॉग » हांडी जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं: उपयोग की विधि

हांडी जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं: उपयोग की विधि

by Bhupender Choudhary Leave a Comment

हांडी जैविक

हांडी दवा एक जैविक कीटनाशक है| हमारे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है एवं किसानों की मुख्य आय का साधन खेती है| अधिक उत्पादन के लिए खेती में अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक का उपयोग करना पड़ता है, जिससे जल, भूमि, वायु तथा वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है और साथ ही साथ किसानों की इसके लिए उत्पादन लागत भी अधिक देनी पड़ रही है|

इन समस्याओं से निपटने के लिए गत वर्षों से निरन्तर टिकाऊ खेती के सिद्धान्त पर खेती करने की सिफारिश की गई, जिसे केंद्र व राज्यों के कृषि विभागों ने इस विशेष प्रकार की खेती को अपनाने के लिए, बढ़ावा दिया जिसे हम जैविक खेती के नाम से जानते है|

यह खेती पर्यावरण और जीवों के लिए लाभकारी भी है| इसी जैविक खेती का एक घटक हांडी दवा भी है, जिसका इस लेख में हांडी जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं और उसकी विधि एवं उपयोग की जानकारी का उल्लेख किया गया है|

यह भी पढ़ें- जीवामृत बनाने की विधि, जानिए सामग्री, प्रयोग एवं प्रभाव की पूरी प्रक्रिया

हांडी जैविक कीटनाशक बनाने के लिए सामग्री

मटका या हांडी- 10 से 15 लीटर का

गौमुत्र- 7 से 8 लीटर

नीम की पत्ती- 1 किलो हरी पत्ती

करंज की पत्ती- 1 किलो हरी पत्ती

आंक की पत्ती- 1 किलो हरी पत्ती

बेसन- 250 ग्राम

गुड- 250 ग्राम

दीमक की मिट्टी- 250 ग्राम

गोबर- 1 किलो|

यह भी पढ़ें- गोमूत्र का कृषि में महत्व, जानिए, कीटनाशक लाभ, उपयोग एवं विधि

हांडी जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं

यह किटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है| इसको बनाने के लिए सिर्फ मिट्टी का बर्तन का उपयोग किया जाना है|

बनाने की विधि-

हांडी दवा बनाने के लिए सबसे पहले तीनों प्रकार के पत्तियों को छोटे-छोटे टुकड़े करते हैं| फिर मटका में गौ मुत्र डालते हैं| इसके बाद सबसे पहले गोबर मिलाते हैं फिर बेसन, गुड़, दीमक की मिट्टी को मिलाकर घोल बनाते हैं| इसके बाद मटके के घोल में तीनों पत्तियों के टुकड़े को मिलाकर घड़े को ढक्कन और कपड़ा बांधकर रख देते हैं, ताकि गैस बहार न निकले| इस घड़े को बांधकर 7 दिन के लिए छाया जगह पर रख देते हैं|

हांडी दवा 7 दिन बाद-

7 दिन के बाद घोल को कपड़े से छानकर निकाल लेते हैं, फिर इस घोल को बाटल भरकर रख लेते हैं तथा फिर मटके में सिर्फ गौ मुत्र 7 से 8 लीटर डालकर बंद कर रख देते हैं| इस प्रकार 7 दिन के बाद फिर से छानते हैं एवं हमें दवा मिलता है, इस तरह से यह प्रक्रिया 6 माह तक चलता है|

हांडी जैविक कीटनाशक का उपयोग कैसे करें 

1. खेत में कोई बिमारी नहीं होने के बाद भी इस दवा का उपयोग करना चाहिए|

2. एक लीटर दवा में प्रथम निंदाई के समय 80 लीटर पानी मिलाकर उपयोग करते हैं|

3. दूसरी निंदाई या बीडींग के समय एक लीटर दवा में 60 लीटर पानी मिलाकर उपयोग करते हैं|

4. तीसरी निंदाई या वीडींग के समय एक लीटर दवा में 40 लीटर पानी मिलाकर उपयोग करते हैं|

यह भी पढ़ें- ऑर्गेनिक या जैविक खेती क्या है, जानिए उद्देश्य, फायदे एवं उपयोगी पद्धति

प्रिय पाठ्कों से अनुरोध है, की यदि वे उपरोक्त जानकारी से संतुष्ट है, तो अपनी प्रतिक्रिया के लिए “दैनिक जाग्रति” को Comment कर सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का हमें इंतजार रहेगा, ये आपका अपना मंच है, लेख पसंद आने पर Share और Like जरुर करें|

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