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Home » फसलों या पौधों में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति

फसलों या पौधों में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति

April 26, 2023 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

फसलों या पौधों में जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति

समस्त जीवधारियों की तरह फसलों या पौधों को भी भोजन की आवश्यकता होती है, परन्तु पौधे इसके लिए किसी बाहयकरण कारक पर निर्भर नहीं हैं| प्रकृति में फसलों या पौधों में यह क्षमता पाई जाती है, कि वे अपने भोजन का निर्माण स्वयं कर सकते हैं|

फसलों या पौधों के लिए आवश्यक खनिज तत्वों की संख्या 14 है, यदि इनमें जल एवं कार्बन-डाई-आक्साइड से प्राप्त होने वाले तीन तत्वों कार्बन, हाइड्रोजन तथा आक्सीजन को सम्मिलित कर लिया जाए तो कुल आवश्यक पोषक तत्वों की संख्या 17 हो जाती है|

फसलों या पौधों के पोषण में 96 प्रतिशत भाग कार्बन, हाइड्रोजन एवं आक्सीजन का है, और शेष 4 प्रतिशत में अन्य 13 तत्व अलग योगदान करते हैं| इनमें जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता अधिक मात्रा में होती है, उन्हें प्रमुख तत्व कहते हैं| ये तत्व हैं, जैसे- नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर, शेष तत्व, मात्रा की दृष्टि से सूक्ष्म तत्वों की श्रेणी में आते हैं|

सूक्ष्म तत्व यद्यपि फसलों या पौधों द्वारा कम मात्रा में ग्रहण किए जाते हैं| लेकिन इनका महत्व कम नहीं है| इन आवश्यक तत्वों के अतिरिक्त अन्य तत्व जैसे- सोडियम, कोबाल्ट, आयोडीन, स्ट्रांटियम, फ्लोरीन, वैनेडियम और ब्रोमाइड भी हैं| जिनकी कुछ वनस्पतियों की क्रियाओं में आवश्यकता होती है|

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फसलों या पौधों में पोषक तत्वों की उपलब्धता

कृषि में फसलों के पोषण के लिए विभिन्न स्रोतों का सहयोग लिया जाता है, जैसे-

1. कार्बनिक खादें,

2. रासायनिक खादें,

3. जैविक खादे, इत्यादि|

प्रमुख कार्बनिक खादों के अन्तर्गत गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, हरी खाद सीवेज के अपशिष्ट पदार्थ, गोबर गैस या बायो गैस से निकलने वाले अवशेष, पौधों के अवशेष इत्यादि आते हैं|

कार्बनिक खादों से न केवल फसलों या पौधों की पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं, बल्कि भूमि की संरचना और लाभकारी सूक्ष्मजीवों की संख्या तथा क्रियाशीलता में वृद्धि होती है| जबकि भूमि की उर्वराशक्ति में मात्र रासायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग से ह्रास होने लगता है|

भूमि की उर्वरा शक्ति को ठीक करने और लम्बे समय तक अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए अकार्बनिक खादों के साथ-साथ कार्बनिक खादों का समेकित रूप में संतुलित प्रयोग करना अत्यन्त आवश्यक है| जिससे ये मृदा संरचना और जैविक क्रियाओं को समान रूप से सुदृढ़ बनाती है और फसलों या पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की समुचित मात्रा प्रदान करती है|

कार्बनिक खादों के साथ-साथ रासायनिक उर्वरकों के महत्व को अस्वीकार नहीं किया जा सकता| अधिक उपज देने वाली उन्नत फसल किस्मों से उनकी क्षमता के अनुरूप उपज प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है, कि फसलों या पौधों में पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा किया जाए| इसके लिए रासायनिक उर्वरकों के अतिरिक्त और कोई स्रोत नहीं हो सकता है|

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पोषक तत्वों के कार्बनिक स्रोत 

कार्बनिक खाद  नाइट्रोजन (प्रतिशत)  फास्फोरस (प्रतिशत) पोटाश (प्रतिशत)
गोबर की खाद 0.5 0.2 0.5
कम्पोस्ट 1.5 1.0 1.5
खलियाँ 2.5 से 8.0 0.8 से 3.0 1.2 से 2.2
हड्डी की खाद 3 से 4 20 से 25 –
सीवरेज अपशिष्ट 50 पी पी एम 15 पी पी एम 30 पी पी एम
धान अवशेष 0.61 0.09 1.15
गेहूं अवशेष 0.48 0.07 0.98
मक्का अवशेष 0.58 0.09 1.25

पोषक तत्वों के रासायनिक स्रोत 

स्रोत  नाइट्रोजन (प्रतिशत) फास्फोरस (प्रतिशत) पोटाश (प्रतिशत)
यूरिया 46 – –
डाई अमोनियम फोस्पेट 18 46
म्यूरेट ऑफ पोटाश (एम ओ पी) – – 60
कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट 25 – –
अमोनियम सल्फेट 20 – –
12-32-16 (मिश्रित उर्वरक) 12 32 16
17-17-17 (मिश्रित उर्वरक) 17 17 17
10-26-26 (मिश्रित उर्वरक) 10 26 26

सघन कृषि क्रियाओं और सामाजिक, आर्थिक कारणों से न केवल तत्वों के प्रयोग में असंतुलन आया है, बल्कि विभिन्न स्रोतों के पूरक तथा सहायक योगदान को भी फसल उत्पादन कार्यक्रमों में वांछित महत्व नहीं किया जा रहा है| परिणामस्वरूप गत दशक की तुलना में वर्तमान में हमारी फसलों की उत्पादकता और उत्पादन लगभग स्थिर हो गई है|

इस असंतुलन में व्यापक ऋणात्मक परिणाम प्राप्त होंगे| इसलिए पोषक तत्वों के संतुलित प्रबंधन को प्राथमिकता प्रदान किया जाना आवश्यक है| जिससे टिकाऊ खाद्यान्न उत्पादन के साथ साथ भूमि का स्वास्थ्य भी उर्वर और प्रदूषण रहित बना रहे|

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