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Home » Blog » फल एवं सब्जियों का तुड़ाई के बाद भंडारण और प्रबंधन कैसे करें

फल एवं सब्जियों का तुड़ाई के बाद भंडारण और प्रबंधन कैसे करें

March 27, 2019 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

फल एवं सब्जियों

फल एवं सब्जियों के गलत ढंग से रखरखाव, परिवहन, भंडारण तथा विपणन के दौरान लगभग 25 से 30 प्रतिशत नष्ट हो जाते हैं| इसलिए यह जरूरी है, कि फसलोत्तर प्रबंधन द्वारा कटाई पश्चात होने वाले इस नुकसान को रोका जाये| लगभग 10 से 15 प्रतिशत ताजे फल एवं सब्जियां सिकुड़ जाती हैं या बासी हो जाती हैं, जिससे उनका बाजार मूल्य और उपभोक्ता मूल्य स्वीकार्यता कम हो जाती हैं|

इस नुकसान को कम करके खेती योग्य अतिरिक्त भूमि के बिना इनकी आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है| इस नुकसान को कम करके खेती योग्य अतिरिक्त भूमि के बिना इसकी आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है| फलों एवं सब्जियों को सुरक्षित रखने के उपाय इस प्रकार है, जैसे-

फल एवं सब्जियों के लिए कर्षण क्रियाएं

1. नियमित सिंचाई करे, नियमित सिंचाई करने से टमाटर, गाजर, मूली इत्यादि में फटने की समस्या से बचा जा सकता हैं|

2. कटाई या तुड़ाई से ठीक पहले सिंचाई न करें, इससे उत्पाद की गुणवत्ता और भंण्डारण क्षमता दोनों में सुधार होता है|

3. जमीन के अंदर वाली सब्जियों जैसे- आलू, प्याज, लहसुन इत्यादि में कटाई के 15 से 20 दिन पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिये, जिससे इसकी भंडारण क्षमता बढ़ जाती है|

4. उत्पादक बन्धुओं को तरबूज के पकने के बाद सिंचाई नहीं करनी चाहिए|

5. फलों एवं सब्जियों में आवश्यकता से अधिक नाइट्रोजन का प्रयोग न करें|

6. फल वृक्षों में कटाई-छंटाई करने से फलों का आकार बढता है और घुलनशील ठोस तथा अम्लीयता घटती है|

6. नींबू वर्गीय फलों की फसलोत्तर गुणवत्ता बढाने के लिये टाईफोलिएट औरेंज, टैंगेंलो या क्लीयोपत्रा इत्यादि को मूलवृन्त के रूप में काम में लेना चाहिये|

7. फलों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये पोटेशियम, मैग्नेशियम व जस्ते का अनुप्रयोग करें|

यह भी पढ़ें- अगेती खेती के लिए सब्जियों की पौध तैयार कैसे करें

फल और सब्जियों का कटाई से पहले रसायन उपचार

कुछ ऐसे वृद्धि नियामक और निरोधक उपलब्ध हैं जो फलों एवं सब्जियों में कटाई से पहले प्रयोग करने पर उनकी भंडारण क्षमता बढ़ा देते हैं, जैसे-

1. आलू तथा प्याज में कटाई से 15 से 20 दिन पहले मैलिक हाइडरेजाईड की 1.5 से 2.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करने से भंडारण के दौरान 4 से 5 महीने तक फुटान की समस्या से निजात पा सकते हैं|

2. इसी तरह पत्तेदार सब्जियों के खराब होने से बचाने के लिए एन- 6 बेंजाईन ऐडेमीन का छिड़काव करना चाहिये, जिससे सब्जियों को 2 से 3 दिन ज्यादा ताजी रख सकते हैं|

3. आम में एंथ्रेक्नोज और तना अंत गलन को रोकने के लिये टोपसिन-एम 0.1 प्रतिशत या बासिस्टिन 0.1 प्रतिशत का 15 दिन के अंतराल पर तुडाई से पहले तीन छिड़काव करें|

4. इसी तरह नागपुर मेंडेरिन में तुडाई पश्चात् सड़न को रोकने के लिये 0.1 प्रतिशत बेनलेट व 0.1 प्रतिशत बाविस्टिन का 15 दिन के अंतराल पर तुडाई से पहले तीन छिड़काव करें|

फल एवं सब्जियों की सही समय पर कटाई

1. सब्जियों की कटाई उनके पूर्ण विकास कोमल अवस्था पर करें|

2. जहाँ फल व सब्जियों को दूर के बाजार में भेजना है, तो वहाँ पकने से कुछ समय पहले कटाई या तुडाई करें, जबकि नजदीक बाजार के लिए पूरी तरह पकने पर ही कटाई करनी चाहिये|

3. फल व सब्जियों की तुड़ाई दिन के ठंडे समय पर करनी चाहिए, विशेषतया सुबह के समय करें|

4. वर्षा के दौरान व तुरंत बाद तुडाई नही करनी चाहिए, क्योंकि यह सूक्ष्म जीवाणुओं के गुणन की सबसे उपयुक्त अवस्था होती है|

5. नींबू वर्गीय फलों को वर्षा में तोड़ने से उनकी त्वचा स्पिथ तथा आसानी से टूटने वाली हो जाती है|

6. आम के तने से लेटेक्स आने से पहले फलों को तोड़ लेना चाहिए, जिसे फलों पर काले धब्बे नहीं बनते|

यह भी पढ़ें- सब्जियों की नर्सरी (पौधशाला) तैयार कैसे करें

फल एवं सब्जियों की धुलाई और छंटाई

धुलाई से फलों व सब्जियों में बाहरी आकर्षण के साथ-साथ हानिकारक जीवों और विषैले रसायनों का प्रभाव समाप्त हो जाता है| फलों व सब्जियाँ की छंटाई उनके आकार, रंग तथा कोमलता को ध्यान में रखकर करना चाहिए|

फल एवं सब्जियों का उपचार

फसल की कटाई के पश्चात 4 से 5 दिन तक छाया में सुखाकर नमी कम करने की क्रिया को उपचार कहते हैं| आलू, प्याज, लहसुन व शकरकंद की खुदाई के तुरंत बाद डंठल काटकर 4 से 5 दिन तक छाया में सुखाना चाहिए|

फल एवं सब्जियों की एपिलेशन (वैक्सिंग)

किन्नू, संतरा, नींबू, टमाटर, हरी मिर्च, खीरा आदि को वैक्स घोल से उपचारित करने पर ये सिकुड़ते नहीं हैं और रंग-रूप अच्छा रहता हैं| जिससे ये लम्बे समय तक ताजे बने रहते हैं| बाजार में दो तरह के एपिलेशन या वैक्स उपलब्ध हैं| ढब्लू जो केवल नमी को संरक्षित रखता हैं, जबकि ओ नमी संरक्षण के साथ-साथ फल एवं सब्जियों में चमक भी बढाता हैं|

फल एवं सब्जियों की पूर्वशीतन

अधिक तापमान पर फल एवं सब्जियाँ खराब हो जाते हैं| इसलिए 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापक्रम बनाये रखने के लिए कटाई के उपरांत पत्ते वाली सब्जियों तथा भिंडी आदि को ठंडा किया जाना जरूरी हैं| इसके लिए पानी में बर्फ डालकर ठंडे पानी का छिड़काव करें या पैकिंग के ऊपर बर्फ रखना चाहिए|

फल एवं सब्जियों की पैकिंग

फल एवं सब्जियों को भंडारण या विपणन के दौरान सुरक्षित रखने के लिए अच्छी पैकिंग आवश्यक होती हैं| पैकिंग सुरखा देने वाली हो तथा ठंडा रखने के लिए हवा के उचित संचरण की व्यवस्था हो| सख्त सब्जियों जैसे- आलू, प्याज, मूली, गाजर इत्यादि को टाट के बोरों में भरा जा सकता हैं, जबकि आम, अमरूद, नींबू आदि फलों के लिए लकड़ी के बक्से काम में लेने चाहिए|

यह भी पढ़ें- बागवानी पौधशाला (नर्सरी) की स्थापना करना, देखभाल और प्रबंधन

फल एवं सब्जियों का परिवहन

सही यातायात साधनों का प्रयोग करें, अधिक भराव न करें, वाहन धीरे तथा सही ढंग से चलाये, वाहन के टायरों में हवा कम रखें| फल एवं सब्जियों के परिवहन के लिए शीतवाहनों का उपयोग करना चाहिए|

फल एवं सब्जियों का प्रसंस्करण

फल एवं सब्जियों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं, जैसे- फल एवं सब्जियों को सुखाना, डिब्बा बंदी या बोतल बंदी करना इत्यादि|

फल एवं सब्जियों को सुखाना

फल एवं सब्जियों को काटकर या छीलकर या धोकर साफ करें| जल्दी सुखाने के लिए उबलते पानी में ब्लांच करें| फल या सब्जियों के प्राकृतिक रंग को बनाये रखने के लिए पहले गंधक के धुएँ में रखें, फिर पोटेशियम मेटाबाईसल्फाईड के 1 से 2 प्रतिशत घोल में डुबोकर रखें| फल एवं सब्जियों को धूप में या डिहाईडरेटर में सुखाया जा सकता हैं| डिहाईडरेटर का शुरूआती तापक्रम 43 डिग्री सेल्सियस होता है, तो लगातार बढाकर सब्जियों के लिए 60 से 65 डिग्री सेल्सियस और फलों के लिए 65 से 71 डिग्री सेल्सियस करना चाहिए|

यह भी पढ़ें- सब्जियों का पाले से बचाव कैसे करें

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