भरपूर उपज प्राप्त करने के लिए किसान जी तोड़ मेहनत करता है| परंतु धान और अनाज के दुश्मन कीट आदि उसे उसकी मेहनत का लाभ नहीं लेने देते| इससे किसान का नुकसान तो होता ही हैं, यह नुकसान सिर्फ किसान का ही नहीं बल्कि सारे राष्ट्र का है तथा उसका मुख्य कारण हैं, धान की उसके दुश्मनों से सुरक्षा न होना एवं उसका रख रखाव के लिए सही प्रबंध का न होना| धान की खेती की जानकारी के लिए यहां पढ़ें- धान (चावल) की खेती कैसे करें पूरी जानकारी
धान की मात्रा गुणों में नुकसान करने वाले मुख्य कारक कीड़े, मकोडे और नमी हैं, कीड़ों तथा जीवाणुओं के द्वारा किये गये नुकसान से धान का भार कम होता हैं। इसलिए धान की कटाई के बाद उसे गोदामों में रखने तक अनेक बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं, जैसे-
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धान के भण्डारण के लिए सुझाव
1. कटाई के बाद धान को भंडार में रखने से पहले हल्की धूप में सुखाना चाहिए, क्योंकि तेज धूप में सुखाने में चावल में दरारें पड़ जाती है और टूटन भी बहुत निकलती हैं| धान इतना सुखाया जाए, कि दांत के नीचे दबाने पर कट की आवाज से टूटे, अगर धान केवल कुचल कर रह जाए, तो उसे और सुखाना चाहिए| गीले धान को गोदामों में रखने पर फफूद लग सकती हैं और सड़ सकता हैं, अलावा उसके डल्ले बन सकते हैं|
2. बोरों में धान रखने से पहले देख लेना चाहिए, कि बोरों में कीड़े आदि तो नहीं हैं, बोरे अच्छे साफ सुथरे होने चाहिए|
3. बोरो को जमीन की नमी से बचाने के लिए बोरों के नीचे पालीथीन की चादर, बांस की चटाई लकड़ी की चटाई लकड़ी की पटिए इत्यादि रखना चाहिए|
4. बोरों को दीवार की छत से सटा कर नहीं रखना चाहिए|
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5. गोदामों में धान रखने से पहले उसकी दीवारों तथा छत की दरारों को बंद कर देना चाहिए, जिससे गोदामों में नमी या पानी न आ सके|
6. दीवारों आदि के उखड़े प्लास्टर एवं ईंटों के बीच कीड़े छिपे हो सकते हैं, इसलिए उनकी मरम्मत करके अच्छी तरह लिपाई कर देनी चाहिए|
7. रोशनदान तथा खिड़कियाँ ऐसी होनी चाहिए, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर ऐसा बंद किया जा सके, जिससे हवा व पानी का प्रवेश न हो|
8. धान के गोदाम में कीटनाशक दवाएं खाद इत्यादि नहीं रखने चाहिए, क्योंकि ये उसे प्रभावित कर खराब कर सकते हैं|
9. गोदाम में धान रखने से पहले मेलाधियान घोल 1:100 का छिड़काव करना चाहिए, 30 फीट लंबे चौड़े स्थान के लिए घोल की तीन लीटर मात्रा होनी चाहिए|
10. धान को सीमेंट, कांक्रीट, एल्यूमिनियम या धातु की बनी कोठियों में सुखाकर रखना चाहिए, इससे अनाज चूहों, पक्षियों, कीड़े, फफूदी तथा नमी से सुरक्षित रहता है, धातु की बनी कोठियों में रखे जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बनी रहती हैं|
11. प्रति इकाई भंडारण की कीमत आर्थिक दृष्टि से कम होनी चाहिए|
12. आवश्यकता पड़ने पर धान रखने और निष्कासित करने के लिए यंत्र लगे होने चाहिए|
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