• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
Dainik Jagrati

दैनिक जाग्रति

ऑनलाइन हिंदी में जानकारी

  • ब्लॉग
  • करियर
  • स्वास्थ्य
  • खेती-बाड़ी
    • जैविक खेती
    • सब्जियों की खेती
    • बागवानी
    • पशुपालन
  • पैसा कैसे कमाए
  • सरकारी योजनाएं
  • अनमोल विचार
    • जीवनी
Home » ब्लॉग » गिनिया फॉल पालन: प्रजातियां, जीवन चक्र, प्रबंधन

गिनिया फॉल पालन: प्रजातियां, जीवन चक्र, प्रबंधन

by Bhupender Choudhary Leave a Comment

गिनिया फॉल पालन

अन्य पक्षी पालन जैसे कुक्कुट पालन, बटेर पालन, टर्की पालन की तरह गिनिया फॉल (Guinea fowl) पालन भी लाभकारी है और इनका रखरखाव और अन्य प्रबंधन भी अन्य दूसरे पालन की तरह ही है| गिनिया फॉल का मांस अन्य दूसरे पक्षियों से ज्यादा स्वादिष्ट माना जाता है| इसे विशेषकर पश्चिमी अफ्रीका के जंगली गिनिया फॉल’ से ही पालतू बनाया गया है| गिनिया फॉल की आमतौर पर दो किस्में हैं- पर्ल (मोतिया) तथा व्हाइट (सफेद)|

रंगों में प्रायः विभिन्नता दिखती है तथा कई बार गिनिया फॉल इन दोनों (मोतिया एवं सफेद) की संकर संताने हैं| फिर भी एक नियम के तहत ये दोनों प्रकार रंग, रूप तथा आकार में शुद्ध हैं| इन पक्षियों का भार लगभग 1.5 किलोग्राम तक होता है| यद्यपि ये बड़ी और भारी दिखती हैं|

यह भी पढ़ें- सर्रा रोग से पशुओं को कैसे बचाएं

गिनिया फॉल की हड्डियां काफी छोटी होती हैं, तथा शरीर से काफी अधिक मात्रा में मांस मिलता है| बड़ी मंडियों में गिनिया फॉल की अच्छी मांग है| इसके ‘जंगली शिकार पक्षी’ की सुगंध के कारण यह बड़े-बड़े होटलों तथा मंहगे विश्राम गृहों में खाने में पेश की जाती है|

इसके अंडे छोटे, गहरे रंग तथा अच्छे स्वाद के होते हैं| यह तीन से पांच दर्जन अंडे देती है| इसकी निषेचन अवधि 26 या 28 दिन की होती है| यह जंगली वनस्पति और घास वाले उपयुक्त स्थान में मिलते हैं| मादा बहुत लड़ाकू होती है| लेकिन इन्हें मुर्गी फार्म (बाड़े) में रखा जाता है|

क्योंकि ये दूसरी कुक्कुट मुर्गियों से अलग रहती हैं (खुले में) एवं दूसरी मुर्गियों के लिए परेशानी का कारण नहीं बनते है| इनकी खास तरह की चीख के कारण ये रात को चोरी तथा बाज से बचाती हैं| इन्हें परेशान किया जाता है, तो ये खास अंदाज में चीखते हैं|

यह भी पढ़ें- पशुओं को सर्दी से कैसे बचाएं

अजनबी या अज्ञात आदमी या आवाज गिनिया फॉल की नजर से नहीं बचती, चूजे छोटे होते हैं, क्योंकि छोटे अंडों से निकलते हैं| इन पर नमी से होने वाला खतरा बना रहता है, ये अप्रैल या मई में अंडे देती हैं| लेकिन शुरू में अंडों पर नहीं बैठती हैं| इनमें मातृत्व का गुण कमजोर होता है तथा जल्दी चूजे सेंकने के लिए मुर्गियां प्रयोग में लाई जाती हैं| ये शायद मुर्गीघर में मुर्गियों के घोसलों में अंडे देती हैं|

गिनिया फॉल के लिंग की पहचान करना आसान नहीं होता है, नर मुर्गे के सिर का उपांग थोड़ा बड़ा होता है तथा मादा मुर्गियां नर मुर्गे की अपेक्षा बहुत कम चीखती हैं| जन्म के समय चूजे बड़े चुस्त एवं चमकीली आंखों वाले होते हैं|

गिनिया फॉल ब्रूडिंग

गिनिया फॉल पालन हेतु शुरू के कुछ सप्ताह तक चूजे को विशेष गर्मी की आवश्यकता होती है, उसे ही ब्रूडिंग कहते हैं| प्रारम्भिक ब्रूडिंग काफी सरल तरीके से कर सकते हैं, इसके लिए एक गत्ते के डिब्बे में 40 से 60 वॉट का बल्ब ऊपर से लटका दें, यह देसी ब्रूडर चूजों को सस्ते में गर्मी देता रहेगा| गत्ते की डिब्बे की लंबाई छह फीट और चौड़ाई दो-तीन फीट होनी चाहिए, इसका आकार पक्षियों की संख्या पर आधारित होना चाहिए या इसे पक्षियों के हिसाब से बढ़ा या घटा सकते हैं| इसमें प्रत्येक पक्षी के लिए उपयुक्त जगह चाहिए| ब्रूडर के चारों तरफ गोलाई में 15 फुट ऊंचा ब्रूडर गार्ड लगाना चाहिए, जिससे चूजे ब्रूडर के नीचे रहें तथा इधरउधर न जाएं|

यह भी पढ़ें- मधुमक्खी पालन, जानिए लाभ, प्रजातियां, जीवन चक्र एवं अन्य प्रबंधन

प्रिय पाठ्कों से अनुरोध है, की यदि वे उपरोक्त जानकारी से संतुष्ट है, तो अपनी प्रतिक्रिया के लिए “दैनिक जाग्रति” को Comment कर सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का हमें इंतजार रहेगा, ये आपका अपना मंच है, लेख पसंद आने पर Share और Like जरुर करें|

Reader Interactions

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Primary Sidebar

अपने विचार खोजें

दैनिक जाग्रति से जुड़ें

  • Facebook
  • Instagram
  • Twitter
  • YouTube

हाल के पोस्ट:-

अक्टूबर माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

पंडित रविशंकर कौन थे? रविशंकर का जीवन परिचय

कमलादेवी चट्टोपाध्याय कौन थी? कमलादेवी चट्टोपाध्याय की जीवनी

आचार्य विनोबा भावे पर निबंध | Essay on Vinoba Bhave

विनोबा भावे के अनमोल विचार | Quotes of Vinoba Bhave

विनोबा भावे कौन थे? विनोबा भावे का जीवन परिचय

इला भट्ट पर निबंध | इला भट्ट पर 10 लाइन | Essay on Ela Bhatt

ब्लॉग टॉपिक

  • अनमोल विचार
  • करियर
  • खेती-बाड़ी
  • गेस्ट पोस्ट
  • जीवनी
  • जैविक खेती
  • धर्म-पर्व
  • निबंध
  • पशुपालन
  • पैसा कैसे कमाए
  • बागवानी
  • सब्जियों की खेती
  • सरकारी योजनाएं
  • स्वास्थ्य

Copyright@Dainik Jagrati

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us