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Home » बदहजमी का आयुर्वेदिक और घरेलू इलाज कैसे करें?

बदहजमी का आयुर्वेदिक और घरेलू इलाज कैसे करें?

November 21, 2017 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

बदहजमी का आयुर्वेदिक और घरेलू इलाज

आप चाहे इसे बदहजमी (Indigestion) कहिए, चाहे अपच, चाहे वात अग्नि दोष चाहें कुछ भी कहिए परन्तु ये बदहजमी का रोग इंसान के स्वास्थ्य तंत्र जीवन को तो अस्त वस्त तो कर ही देता है और साथ में अनेक रोगों को आमन्त्रण भी देता है। क्योंकी आज की रफ्तार भरी जिन्दगी, आगे निकलने की प्रतिस्पर्धा में इंसान कहि ना कहि अपने आप और अपने स्वास्थ्य को भूल गया है। इसी भूल में उसे यह नही पता की वह क्या खाता पीता है, कब सोता उठता है।

इसी अव्यवस्था के कारण बदहजमी जैसे रोग होते है। जो आहार हम शरीर को उर्जा देने के लिए खाते हमारा शरीर उसको पाचन तंत्र में दोष की वजह से उसे पचा नही पाता उसे बदहजमी कहते है। इस लेख में हम विस्तार से प्रकाश डालेगे बदहजमी का आयुर्वेदिक व घरेलू इलाज और घरेलू नुश्खो से इलाज कैसे हो सकता है। तो आइए जाने बदहजमी का आयुर्वेदिक व घरेलू इलाज और घरेलू नुश्खो से इलाज कैसे हो सकता है।

यह भी पढ़ें- बदहजमी: लक्षण, कारण, इलाज, दवा और परहेज

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  • बदहजमी का घरेलू इलाज
  • क्या न करें

बदहजमी का आयुर्वेदिक इलाज

शहद और निम्बू: शहद और निम्बू इंसान के लिए बदहजमी का आयुर्वेदिक इलाज के लिए एक बेहतरीन ओषधि है, एक गिलास गुनगुने पानी मे एक छोटा चम्मच शहद और एक निम्बू प्रतिदिन डाल कर पिएँ।

एलोवेरा: दुरुस्त पाचन क्रिया के लिए एलोवेरा का ताजा रस निकलकर 20 से 25 मिलीलीटर एक गिलास पानी में मिलाए और पीजिए यह प्रक्रिया दिन में 2 से 3 बार दोहराएं इस रोग से छुटकारा मिलेगा। यह भी बदहजमी का आयुर्वेदिक इलाज है।

हिंगवषटक और त्रिफला चूर्ण: इन चूर्णों को सुबह और शाम दोनों की एक एक छोटी चम्मच गुनगुने पानी में खाना खाने के 10 से 15 मिनट बाद लेनी है। इस रोग के लिए यह बहुत ही गुणकारी आयुर्वेदिक दवा है।

सर्वकल्प क्वाथं: सर्वकल्प 200 ग्राम और 500 मिलीलीटर पानी इसको एक बर्तन में ले और इसको तब तक उबालो जब तक की ये 150 ग्राम हो जाए। अब इसको साफ कपड़े में छान कर शुबह शाम खाना खाने से पहले पिएँ। इसे गले की खरास, मतली, खटी डकार और पाचनक्रिया दुरुस्त होगी।

लवणभास्कर चूर्ण: हर शाम को एक छोटा चम्मच खाना खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ ले इसे भी पाचनक्रिया ठीक होती है।

नोट: जब रोगी ये आयुर्वेदिक दवा इस्तेमाल करे तो खट्टे पेय या पदार्थ का इस्तेमाल ना करे।

यह भी पढ़ें- मलेरिया बुखार: लक्षण, कारण, निदान और इलाज

बदहजमी का घरेलू इलाज

हींग: अपच के इस घरेलू उपाय के लिए 5 ग्राम हींग को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें एक चम्मच चीनी मिलाएं। हालांकि निगलते समय इसकी दुर्गंध आती है, लेकिन यह आपके पेट के सिस्टम को तेजी से राहत देता है और अपच से राहत दिलाने में मदद करता है।

टकसाल तेल: एक कप गर्म पानी में 2 बूंद पुदीने के तेल की डालें और तुरंत पी लें। यह ऐंठन और पेट फूलने से तुरंत राहत देता है।

करी पत्ते: लगभग 20-25 ताजे करी पत्तों को ठंडे पानी से धो लें, इन पत्तों का रस निकाल लें। एक कप सादे पानी में लगभग 1 चम्मच नींबू का रस और करी पत्ते का रस मिलाएं| इस मिश्रण में 1 चम्मच शहद मिलाएं और इसे हमेशा ताजा होने पर ही पिएं। यह अपच के कारण होने वाली मतली, उल्टी और पेट फूलने से राहत देता है।

अजवायन के बीज: अपच के घरेलू उपचार में अजवायन के बीज का उपयोग भी शामिल है। एक चम्मच अजवायन के बीज में 1/2 चम्मच सेंधा नमक मिलाएं। एक गिलास पानी के साथ मिश्रण का सेवन करें। इससे पेट फूलना और पेट की बीमारी से तुरंत छुटकारा मिल जाएगा।

धनिया के बीज: धनिया के बीज अपने विरोधी भड़काऊ गुणों के लिए जाने जाते हैं, जो आपको परेशान, पेट या अपचन से छुटकारा दिलाते हैं। आपकी पाचन प्रक्रिया को और उत्तेजित करता है। धनिया में एक आवश्यक तेल होता है, जिसे उरंद का तेल कहा जाता है जो लीवर को डिटॉक्सीफाई करता है और पाचन में भूख और इलाज को बढ़ाता है। फर्क देखने के लिए धनिये के बीज का पानी लगभग एक हफ्ते तक लें।

यह भी पढ़ें- आँख आना: लक्षण, कारण, जोखिम, निदान, इलाज

नींबू और शहद: 1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नींबू का रस मिलाएं, फिर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं। इसे अच्छी तरह मिलाएं और हर भोजन के बाद पिएं। शहद के साथ नींबू और गर्म पानी अपच के लिए प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।

गाजर: गाजर को पावर फूड के रूप में जाना जाता है और यह पेट को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। एक ब्लेंडर में कुछ गाजर, एक केला और थोड़ा सा पानी मिलाएं, इस जूस को पिएं। यह पेट को उन सभी एसिड और गैस को अवशोषित करने में मदद करेगा जो पेट में परेशानी पैदा कर रहे हैं।

अजवाइन: अपच के लिए प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है एक पैन में एक चम्मच अजवायन को भूनकर, बीजों को ठंडा होने दें और उन्हें हल्का कुचल दें। एक रोलिंग पिन के साथ, एक चुटकी नमक के साथ मिलाएं। यह पेट दर्द के लिए बहुत कारगर है और गैस से भी राहत दिलाता है।

दही: जिन लोगों को दस्त होते हैं और पाचन क्रिया ठीक रहती है, उनके लिए दही बहुत कारगर उपाय है। एक कटोरी दही में थोडा़ सा पिसा हुआ जीरा और नमक मिलाकर दिन में कम से कम दो बार इसका सेवन करें।

अदरक: एक गिलास गर्म पानी में थोडा़ सा कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें, एक चम्मच शहद डालें और घूंट-घूंट लें। अपच की समस्या को ठीक करने के लिए अदरक को चाय के अन्य रूपों में भी मिला सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स के लिए अदरक शहद का संयोजन सबसे अच्छा पेय है।

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क्या न करें

1. एक साथ अधिक खाना न खाए थोड़ा थोड़ा कर के खाए।

2. नियमित रूप से सुबह शाम व्यायाम करे और अपनी दिनचर्या बनाए।

3. मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहें, क्रोध ना करें।

4. एल्कोहल और धुम्रपान से दूर रहें इनका प्रयोग ना करे।

5. खाने के निवाले को कम से कम 25 से 30 बार चबाकर खाएं।

6. तले हुए और मसालेदार पदार्थो का खाने में प्रयोग ना करें।

7. खाने के तुरंत बाद सोने का प्रयास ना करे लगभग 30 मिनट तक इधर उधर टहले।

यह भी पढ़ें- मुंह में छाले: लक्षण, कारण, प्रकार, निदान और इलाज

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