ब्यूवेरिया बेसियाना एक आधारित जैविक कीटनाशक और सफेद रंग की फफूंद है| ब्युवेरिया बेसियाना 1 प्रतिशत डब्लू पी एवं 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| जो विश्व में सभी जगहों की मिट्टी में स्वाभाविक रूप से पायी जाती है| यह विभिन्न प्रकार के कीटों को एक परजीवी के रूप संक्रमित करता है, [Read More] …
Organic Farming
जैविक कीटनाशक क्या है? | जैविक कीटनाशक कैसे तैयार करते हैं?
घरेलू तौर पर जैविक कीटनाशक तैयार करने के लिए यहाँ उदाहरण के तौर पर लेख में ट्राइकोडर्मा फफूंद को बहुगुणित करने की सरल विधि का वर्णन किया गया है| इसी विधि से हम अन्य फफूंदों पर आधारित जैविक कीटनाशक जैसे- वर्टीसीलियम लेकेनाई, ब्यूवेरिया बेसियाना, मेटाराइजियम आदि को भी तैयार कर सकते हैं| इस तकनीक का [Read More] …
ट्राइकोडर्मा विरिडी और हारजिएनम से जैविक कीट और रोग नियंत्रण
ट्राइकोडर्मा फफूंद पर आधारित घुलनशील जैविक फफूंदनाशक है| ट्राइकोडर्मा विरिडी 1 प्रतिशत डब्लू पी, 1.5 प्रतिशत डब्लू पी, 5 प्रतिशत डब्लू पी एवं ट्राइकोडर्मा हारजिएनम 0.5 प्रतिशत डब्लू एस, 1 प्रतिशत डब्लू पी, 2 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| ट्राइकोडर्मा विरिडी विभिन्न प्रकार की फसलों फलों और सब्जियों में जड़ सड़न, तना [Read More] …
गोभी वर्गीय सब्जियों की जैविक खेती: किस्में, देखभाल और पैदावार
गोभी वर्गीय सब्जियों की खेती शीतकालीन समय में की जाती है, इसमें फुल और पत्ता गोभी प्रमुख है, इसके लिए ठंडी और नम जलवायु सबसे अच्छी होती हैं| इसकी वानस्पतिक वृद्धि के लिए उपयुक्त तापमान 4 से 8 डिग्री सेल्सियस तक या इसे कम तापमान चाहिए| पहाड़ी क्षेत्रों में ही फुल और पत्ता गोभी की [Read More] …
सब्जियों की जैविक खेती: लाभ, घटक, कीटनाशक, देखभाल, प्रबंधन
सब्जियों की जैविक खेती, हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतिशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि-रक्षा-रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोत्तरी हुई| लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है| इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में [Read More] …
गोमूत्र का कृषि में महत्व: जाने कीटनाशक, लाभ, उपयोग और विधि
गोमूत्र व गोबर एक सस्ता और श्रेष्ठ उर्वरक के रूप में सर्वश्रेष्ठ खाद है| यह भूमि का प्राकृतिक आहार है, भूमि की उर्वरा शक्ति को प्राकृतिक स्थिति में बनाए रखती है| प्रदूषण रहित एवं सस्ती है, इसके लिए किसान को परावलंबी नहीं रहना पड़ता| गोबर व गोमूत्र की खाद से उत्पादित खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट एवं [Read More] …