विश्व में भारत का सेब की खेती से उत्पादन में नौवां स्थान है, जहाँ इसका कुल उत्पादन 1.48 मिलियन टन होता है| हमारे देश में सेब के कुल उत्पादन का 58 प्रतिशत जम्मू कश्मीर, 29 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश, 12 प्रतिशत उत्तरांचल तथा 1 प्रतिशत अरूणाचल प्रदेश में होता है| शीतोष्ण फलों में सेब अपने विशिष्ट [Read More] …
Horticulture
किन्नू की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
किन्नों नींबू वर्गीय फलों की एक संकर किस्म है| किन्नू की बागवानी पुरे भारत में सफलतापूर्वक की जा सकती है| किन्नू के उत्पादक राज्य में पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू और कश्मीर आदि प्रमुख है| किन्नू में विटामिन सी के आलावा विटामिन ए, बी तथा खनिज तत्व भी अच्छी मात्रा में [Read More] …
मौसंबी की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
मौसंबी की खेती नींबू वर्गीय महत्वपूर्ण फसल है| मौसंबी की बागवानी भारत देश मे मुख्य रूप महाराष्ट्र मे बडे पैमाने पर की जाती है, इसके आलावा इसकी खेती आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यो मे भी मौसंबी की खेती का क्षेत्र दिन प्रति दिन बढ़ रहा है| किसान भाई मौसंबी की [Read More] …
बेर की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
बेर की खेती आमतौर पर शुष्क इलाकों में की जाती है| भारत में भी बेर की खेती विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापुर्वक की जाती है| इसकी खेती मुख्य तौर पर मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राज्यस्थान, गुजरात, महांराष्ट्र, तामिलनाडू और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है| बेर हमारे लिए एक बहुपयोगी और [Read More] …
स्ट्रॉबेरी की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
स्ट्रॉबेरी का वानस्पतिक नाम फ्रेगेरिया अननासा है| यह रोजेसी कुल का सदस्य है| इसका पौधा शाकीय, छोटा, कोमल तथा बहुवर्षीय होता है| इसका तना नाममात्र का तथा पूर्ण विकसित त्रिपत्री पत्तियां होती हैं| यह दो अन्य प्रजातियों (फ्रेगेरिया चिलयोनसिस एवं फ्रेगेरिया बरजीनियाना) के प्राकृतिक संकरण से विकसित किया गया है| स्ट्रॉबेरी के फल बडे लुभावने, [Read More] …
अंगूर की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
अंगूर की बागवानी लगभग पूरे भारतवर्ष में सभी क्षेत्रों में की जा सकती है| अंगूर के फल स्वादिष्ट तथा स्वास्थ्य के हितकारी होने के कारण इसकी बागवानी की महत्ता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है| पिछले दो से तीन वर्षों में इसके क्षेत्रफल में काफी तेजी के साथ बढ़ोत्तरी हुई है| उत्पादन के आधार पर दक्षिण [Read More] …