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Agriculture

पुदीना (मेंथा) की खेती: किस्में, रोपण, सिंचाई, देखभाल और पैदावार

December 16, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

पुदीना (मेंथा) की खेती

व्यापारिक जगत में जापानी पुदीना (Mint) को ही मेंथा के नाम से जाना जाता है| लेकिन तकनीकी रूप से मेंथा शब्द पुदीना के एक समूह का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें पुदीना की कई किस्में सम्मिलित हैं, जैसे- जापानी पुदीना या पिपर मिन्ट| इस प्रकार मेंथा के समूह में कई किस्में सम्मिलित हैं, जिनमें से एक [Read More] …

वर्षा आधारित खेती में आय बढ़ाने वाले सुझाव और आधुनिक तकनीकें

December 15, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

वर्षा आधारित खेती में आय बढ़ाने वाले सुझाव और आधुनिक तकनीकें

वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र देश के कुल खेती क्षेत्रफल के लगभग 60 से 65 प्रतिशत भू-भाग में फैला हुआ है| ये क्षेत्र महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु आदि राज्यों के साथ देश के बाकि राज्यों तक फैला हुआ है| प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से इन [Read More] …

सतावर की खेती: किस्में, रोपण, सिंचाई, खाद, देखभाल और उत्पादन

December 14, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

सतावर की खेती

सतावर का वानस्पतिक नाम एसपैरागस रेसमोसस विभिन्न औषधीय पौधों में सतावर एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है| जिसका उपयोग प्राचीन समय से ही पारम्परिक औषधि के रूप में किया जा रहा है| सतावर एक बहुवर्षीय कन्दयुक्त झाड़ीनुमा औषधीय पौधा है, जिसको शतमूली, सतावरी एवं शतवीर्य भी कहते है| सतावर लिलियसी कुल का पौधा है| सतावर का [Read More] …

गिनी घास की खेती: पशुओं के लिए हरा चारा कई वर्ष तक प्राप्त करें

December 14, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

गिनी घास की खेती

गिनी घास (Guinea grass) बहुवर्षीय चारा है, चारे की फसलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है| यह सिंचित स्थिति में पूरे वर्ष भर इससे चारा प्राप्त होता है| जबकि शुष्क दशा में केवल वर्षा काल में ही इससे हरा चारा उपलब्ध होता है| इस फसल को देश के सभी भागों में उगाया जाता है| इस लेख [Read More] …

बाजरा पेनिसिटम ग्लूकम की खेती: किस्में, बुवाई, देखभाल, उत्पादन

December 13, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

बाजरा पेनिसिटम ग्लूकम की खेती

बाजरा पेनिसिटम ग्लूकोमा की फसल दाने तथा हरे चारे के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगाई जाती है| ऐसे क्षेत्र जहां कम वर्षा और ज्यादा गर्मी पड़ती है, बाजरा पेनिसिटम ग्लूकम बाजरे की फसल अच्छी पैदावार देती है| इसको पशुओं को हरे चारे, कड़बी एवं सायलेज या “हे” के रूप में संरक्षित करके [Read More] …

बाजरा नेपियर संकर घास की खेती: पशुओं के लिए साल भर हरे चारे हेतु

December 13, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

बाजरा नेपियर संकर घास की खेती

बाजरा नेपियर संकर घास वर्ष में कई कटाईयां देने वाली बहुवर्षीय चारा फसल है| बाजरा नेपियर संकर घास की जड़ों को एक बार रोपण करके उचित प्रबन्धन के द्वारा 4 से 5 वर्षों तक हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है| इस घास से बाजरे जैसा पौष्टिक और रसीला चारा प्राप्त होता है, साथ ही [Read More] …

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