जिस प्रकार सेब के बागो को अनेक प्रकार के कीट एवं रोग हानी पहुंचाते है| उसी प्रकार अनेक प्रकार के विकार भी इसके बागों को प्रभावित करते है| सेब के विकार इस प्रकार है, जैसे- बिटर पिट, ब्राउन हार्ट, कॉर्क स्पॉट, स्काल्ड, जल कोर, सन बर्न, गेरूआपन और फल गिरना आदि प्रमुख है| इन सब [अधिक पढ़ें] …
बागवानी
अंगूर के पौधों की काट-छांट और सधाई कैसे करें; भरपूर उत्पादन हेतु
अंगूर के पौधों में काट-छांट का उत्पादन पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है| उत्तर भारत में अंगूर की बेलों की कटाई-छंटाई दिसम्बर से जनवरी में की जाती है| बेलों का ढांचा और फलोत्पादन काट-छांट पर ही निर्भर करता है| प्रथम 2 से 3 वर्षों तक बेलों में काट-छांट सधाई प्रणाली के अनुसार ढांचा तैयार करने हेतु [अधिक पढ़ें] …
अंगूर की उन्नत किस्में | अंगूर की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
हमारे देश में अंगूर की अनेक सामान्य और संकर (हाइब्रिड) तथा विदेशी किस्में उपलब्ध है| लेकिन अंगूर की किस्मों का चयन करते समय सदैव बहुत सावधानी रखे, क्योकिं किस्मों का प्रदर्शन, क्षेत्र की जलवायु, मौसम विशेष, भूमि की दशा इत्यादि पर निर्भर करता है| क्षेत्र विशेष के लिये किस्म का चुनाव करते समय उसकी उत्पादन [अधिक पढ़ें] …
कागजी नींबू की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
नींबू फलों का एक वृहत्तम वर्ग है, जिसके अन्तर्गत मुख्य रूप से मैण्डरिन, सन्तरा, कागजी नींबू, माल्टा व चकोतरा आदि आते हैं| हमारे देश में फलों के कुल क्षेत्रफल के लगभग 9 प्रतिशत भाग पर नींबू वर्गीय फलों की खेती की जाती है और देश के कुल फल उत्पादन में इनका लगभग 9 प्रतिशत का [अधिक पढ़ें] …
नींबू वर्गीय बागों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण और निदान के उपाय
नींबू वर्गीय बागों लेमन, माल्टा, संतरा, नींबू और मौसमी आदि में पोषक तत्वों (खाद और उर्वरक) का प्रयोग संस्तुतियों के आधार पर करना चाहिए| नींबू वर्गीय बागों में प्रयोग की जाने वाली पोषक तत्वों की मात्रा मिटटी की किस्म, उर्वरता, अंतरवर्ती फसल और उसमें की गई कृषि-क्रियाएँ एवं नींबू वर्ग की उगाई जाने वाली किस्म, [अधिक पढ़ें] …
नींबू वर्गीय फसलों के रोग और दैहिक विकार की रोकथाम कैसे करें
नींबू वर्गीय फसलों या फलों को अनेक रोग एवं दैहिक विकार हानी पहुंचाते है| नींबू वर्गीय फसलों या फलों के गमोसिस, सिट्रस केंकर, नींबू का स्केब, ग्रीनिंग, डाईबेक रोग, ट्रिस्टेजा विषाणु, नींबू का धीमा उखरा या क्षय रोग, कणिकायन विकार, फल फटन विकार और फूल व फलन का गिरना आदि प्रमुख रोग एवं दैहिक विकार [अधिक पढ़ें] …