खजूर की उन्नत किस्में: खजूर के फल पोष्टिक तत्वों से भरपूर और स्वादिष्ट होते है| फल के गुदे में जल ( 20 प्रतिशत), शर्करा ( 60 प्रतिशत), रेशे (2.5 प्रतिशत ) प्रोटीन (2 प्रतिशत), वसा, पोटेशियम, कैलिशयम, तांबा, मैग्नीशियम, क्लोरिन, गंधक, फासफोरस तत्व पाए जाते है| विटामिन ए व बी भी उपलब्ध होते है| कार्बोहाइड्रेट [अधिक पढ़ें] …
बागवानी
खजूर की खेती: जलवायु, किस्में, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
खजूर शुष्क जलवायु में उगाया जाने वाला प्राचीनतम फलदार वृक्ष है| इस वृक्ष का वानस्पतिक नाम फीनिक्स डेक्टीलीफेरा है| यह मानव सभ्यता के सबसे पुराने खेती किये जाने वाले फलों में से एक है| इसकी उत्पत्ति फारस की खाड़ी में समझी जाती है| दक्षिण इराक (मेसोपोटोमिया) में इसकी खेती ईसा से 4000 वर्ष पूर्व प्रचलित [अधिक पढ़ें] …
जुलाई में बागों की देखभाल और कृषि कार्य
जुलाई माह में किसी भी बाग या बगीचे में फलों के पेड़ों को अच्छे स्वास्थ्य में रखने के लिए उन पर ध्यान दिया जाना चाहिए| जुलाई गहन गतिविधि का समय है, और फलों के पेड़ों को विभिन्न प्रकार के कीटों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है| शाखाओं को टूटने से बचाने के लिए सेब, प्लम [अधिक पढ़ें] …
काजू की खेती: किस्में, देखभाल, प्रबंधन और उपज
काजू एक प्रमुख बागवानी फसल है| जिसकी मुख्य रूप से केरळा, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटका, तमिळनाडु, आंद्रप्रदेश और ओडिशा में खेती की जा रही है| पश्चिम बंगाल, छत्तीसगड़, गुजरात तथा उत्तर-पूर्वी प्रदेशों में इसे कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है| लोकप्रिय नाश्तावों में उपयोग के साथ साथ काजू को आईसक्री, पेस्ट्री तथा मिठाईयो में भी इस्तमाल [अधिक पढ़ें] …
लीची के पौधे कैसे तैयार करें: प्रवर्धन विधियाँ
लीची के पौधे बीज तथा कायिक प्रवर्धन द्वारा तैयार किये जा सकते हैं| बीज से तैयार पौधों में फलत 10 से 15 वर्ष बाद आती है, जो गुणों में भी अपने मातृ पौधे के समान नहीं होते तथा गुणवत्ता भी अच्छी नहीं पायी जाती है| गुणवत्ता बनाये रखने और जल्दी फलत प्राप्त करने के लिए [अधिक पढ़ें] …
लीची में कीट एवं रोग नियंत्रण: जाने समेकित उपाय
लीची के बागों में विभिन्न प्रकार के कीटों और रोगों का प्रकोप होता है| जिससे उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित होती है| अतः बागवानों को लीची में समय-समय पर लगने वाले कीट एवं रोगों के बारे में जानकारी होना आवश्यक हो जाता है| ताकि समय पर लीची में प्रभावी प्रबंधन किया जा सके और फलों को [अधिक पढ़ें] …