दलहनी फसलें हमारे देश की खाद्य सामग्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| दलहनी फसलों का हमारी कृषि पद्धति में प्रमुख स्थान है, क्योंकि इनकी खेती में लागत थोड़ी आती है और यह भूमि को उपजाउ करने की क्षमता रखती है तथा उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहां पर नमी की कमी होती है| दलहनें [अधिक पढ़ें] …
जैविक खेती
तिलहनी फसलों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपाय
तिलहनी फसलें उन फसलों को कहते हैं, जिनसे वनस्पति तेल का उत्पादन होता है| तिलहनी फसलों में प्रमुख हैं, जैसे- तिल, सरसों, मूँगफली, सोयाबीन तथा सूरजमुखी| हमारे देश में तिलहनी फसलों की खेती अनुपजाऊ भूमि और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में की जाती है| क्षेत्रफल की दृष्टि से खाद्यान्न फसलों के बाद भारत में [अधिक पढ़ें] …
गेहूं में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी उपाय
गेहूं विश्व में विस्तृत क्षेत्र में उगाई जाने वाली फसल है, भारत में यह द्वितीय मुख्य खाद्य फसल है| हमारे देश में गेहूं की उत्पादकता कम होने के प्रमुख कारणों में से रोग और कीट प्रमुख है| जो कि प्रतिवर्ष लगभग 10 से 20 प्रतिशत तक हानि पहुँचाते है, इसलिए इस क्षति को कम करने [अधिक पढ़ें] …
मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी उपाय
मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, हमारे देश में मक्का खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है| यदि किसान क्षेत्र विशेष तथा परिस्थितियों के अनुसार अनुमोदित उन्नत किस्मों का चयन कर अच्छी गुणवत्ता के बीजों का चुनाव करें, बीज की सही मात्रा डालें, बिजाई सही समय और सही विधि से करें, मक्का में उर्वरकों का सही [अधिक पढ़ें] …
फल व फली छेदक कीट का एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें
फल व फली छेदक (हेलिकोवरपा आर्मीजेरा) एक बहुत ही हानिकारक कीट है| जो कि हर फसल पर आक्रमण कर उन्हें नुक्सान पहुंचाता है| फल व फली छेदक कीट का प्रकोप मुख्य रूप से चना, मटर, फ्रासबीन, भिन्डी, टमाटर व गोभी में अधिक देखा गया है| किसानों भाइयों के लिए यह आवश्यक है, कि वे इस [अधिक पढ़ें] …
सब्जियों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; अच्छी उपज हेतु
सब्जियों में भारत पूरे विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं या यु कहें की सब्जियां पूरे विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, और मनुष्य के भोजन का एक अभिन्न तत्व हैं| दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ-साथ सब्जियों की आवश्यकता भी हर रोज बढ़ती जा रही है, लेकिन कृषि योग्य भूमि की एक सीमा [अधिक पढ़ें] …