दलहनी फसलों में मोठ सबसे अधिक सुखा सहन कर सकती है| इसलिए यह सुखाग्रस्त रेगिस्थान क्षेत्रों की महत्वपूर्ण फसल हैं| मोठ की फसल का उपयोग दाने, हरी खाद, पशुओं के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है| मोठ की फसल कम वर्षा व रेतीली भूमि में आसानी से उगाई जा सकती हैं| इसकी [Read More] …
मूंग की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
भारत में मूंग (Mung bean) ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौषम की कम समय में पकने वाली अक मुख्य दलहनी फसल है| मूंग का उपयोग मुख्य रूप से आहार में किया जाता है, जिसमें 24 से 26 प्रतिशत प्रोटीन, 55 से 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और 1.3 प्रतिशत वसा होती है| यह दलहनी फसल होने के कारण [Read More] …
उड़द की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
उड़द की खेती भारत की एक प्रमुख दलहनी फसल है| उड़द की खेती खरीफ और जायद के रूप में की जा सकती है| यह आहार के रूप में अत्यंत पौष्टिक होती है जिसमे प्रोटीन 24 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 60 प्रतिशत और कैल्सियम व फास्फोरस का अच्छा स्रोत है| उड़द की खेती से भूमि को भी संरक्ष्ण [Read More] …
शकरकंद की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
शकरकंद (Sweet Potato) का वनस्पति नाम इपोमोएआ वतातास है| यह मुख्य रूप से इसकी मिठास और स्टार्च के लिए प्रसिद्ध है| शकरकंद वीटा कैरोटिन का समृद्ध स्रोत है, और इसे एंटीऑक्सीडेंट और अल्कोहल के रूप में भी उपयोग किया जाता है| यह एक बारामासी बेल है, जिसके लोंब या दिल के आकर वाले पत्ते होते [Read More] …
मूंगफली की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
मूंगफली (Peanuts) की खेती तिलहनी फसलों में एक महत्वपूर्ण फसल है| जो की भारत के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाने वाली मुख्य फसल है| मूंगफली मानव के आहार का भी एक प्रमुख हिस्सा है, भारत में मूंगफली के उत्पादन का लगभग 75 से 85 प्रतिशत हिस्सा तेल के रूप में इस्तेमाल होता है| जिसका ज्यादातर [Read More] …
मक्का की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
मक्का (Maize) विश्व में उगाई जाने वाली फसल है| मक्के को खरीफ की फसल कहा जाता है, लेकिन बहुत से क्षेत्रों में इसको रवि के समय भी उगाया जाता है| इसके गुणकारी होने के कारण पहले की तुलना में आज के समय इसका उपयोग मानव आहर के रूप में ज्यादा होता है| इसके गुण इस [Read More] …
बाजरे की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
अधिक बाजरे का उत्पादन और लाभ हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियां अपना आवश्यक है| भारत दुनिया का अग्रणी बाजरा उत्पादक देश है| भारतवर्ष में लगभग 85 लाख हैक्टर क्षेत्र में बाजरे की खेती की जाती है, जिसमें से 87 प्रतिशत क्षेत्र राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों में है| देश के शुष्क तथा अर्ध-शुष्क क्षेत्रों [Read More] …
केंचुआ खाद क्या है?: वर्मी कम्पोस्ट: बनाने की विधि, उपयोग और लाभ
केंचुआ खाद (Vermicompost) एक जैव उर्वरक है, जो जैविक अपशिष्ट पदार्थो को केंचुआ या अन्य कीड़ो द्वारा विघटित कर के बनाई जाती है| वर्मीकम्पोस्ट खाद बिना गंध, स्वच्छ व कार्बनिक पदार्थ है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन, पोटाश और पोटाशियम और पौधों के विकास के लिए कई आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल है| केंचुआ खाद [Read More] …
बायो फर्टिलाइजर क्या है?: जैव उर्वरक: प्रकार, उपयोग और लाभ
जैव उर्वरक या बायो फर्टिलाइजर (Biofertilizer) को जीवाणु खाद भी कहते है क्योंकी बायो फ़र्टिलाइज़र एक जीवित उर्वरक है, जिसमें सूक्ष्मजीव विद्यमान होते है| जो फसलों में बायो फर्टिलाइजर इस्तेमाल करने से वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन पौधों को अमोनिया के रूप में आसानी से उपलब्ध होती है| और मिट्टी में पहले से उपस्थित अघुलनशील फास्फोरस [Read More] …
हरी खाद क्या है?: हरी खाद कैसे बनती है: फसलें, उपयोग और फायदे
हरी खाद (Green Manure) को एक शुद्ध फसल के रूप में खेत की उपजाऊ शक्ति, भूमि के पोषक और जैविक पदार्थो की पूर्ति करने के उदेश्य से की जाती है| इस प्रकार की फसलों को हरियाली की ही अवस्था में हल या किसी अन्य यंत्र से उसी खेत की मिट्टी में मिला दिया जाता है| [Read More] …