• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
Dainik Jagrati

Dainik Jagrati

Hindi Me Jankari Khoje

  • Agriculture
    • Vegetable Farming
    • Organic Farming
    • Horticulture
    • Animal Husbandry
  • Career
  • Health
  • Biography
    • Quotes
    • Essay
  • Govt Schemes
  • Earn Money
  • Guest Post
Home » गन्ने की फसल में समन्वित कीट और रोग प्रबंधन कैसे करें

गन्ने की फसल में समन्वित कीट और रोग प्रबंधन कैसे करें

February 23, 2019 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

गन्ने की फसल में समन्वित

गन्ने की फसल एक लंबी अवधि वाली मुख्य नगदी फसल है| गन्ने की फसल का भरपूर उत्पादन प्राप्त करने के लिये इसकी उन्नत सस्य-क्रियाओं में पौध संरक्षण का विशेष महत्व है| इस लंबी अवधि की फसल को सम्पूर्ण फसल अवस्था में करीब 100 प्रकार के कीटों द्वारा हानि पहुंचती है| विभिन्न कीटों के प्रकोप से खेत में औसतन 20 प्रतिशत फसल नष्ट हो जाती है तथा 95 प्रतिशत शर्करा की मात्रा में कमी आती है|

इसलिए गन्ने की अच्छी पैदावार और गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त करने के लिये इन कीटों का समय पर प्रबन्धन करना आवश्यक है| गन्ने की फसल को आमतौर पर छेदक और रस-चूसक कीटों से हानि पहुंचती है| छेदक कीटों में मुख्यतः जड़ छेदक, दीमक, अगोला बेधक, गुलाबी बेधक, प्ररोह बेधक और तना छेदक प्रमुख कीट आते है| गन्ना की उन्नत खेती की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- गन्ना की खेती- किस्में, प्रबंधन व पैदावार

यह भी पढ़ें- टिश्यू कल्चर एवं पॉलीबैग द्वारा गन्ना उत्पादन

गन्ने की फसल में छेदक कीट का समन्वित प्रबंधन

1. पेड़ी फसल न लें|

2. गन्ने की फसल कटाई पश्चात् ठूठ और पत्तियों को इक्कठा कर जला दें|

3. अच्छे से सड़ी गोबर खाद का ही प्रयोग करें|

4. गन्ने की फसल बुवाई का कार्य अक्टूबर से नवंबर माह में करें|

5. कीट रहित स्वस्थ गन्ने बीज का उपयोग करें|

6. पौधे में कल्ले फूटने पर तुरंत मिटटी चढ़ायें|

7. खेत में लगातार पानी न भरा रहने दें, उचित जल प्रबंध करें|

8. संतुलित उर्वरक का उपयोग करें, पोटाश का प्रयोग अवश्य करें|

9. खेत में प्रकाश प्रपंच लगाकर वयस्क अवस्था में कीड़ो को नष्ट करें|

10. समय-समय पर कीट अंडे युक्त पत्तियों को तोड़कर नष्ट करें|

11. छेदक कीट प्रतिरोधी किस्में को- 62175, को- 775, को- 1148 या को- 6304 लगायें|

12. जड़ छेदक, दीमक और तना छेदक से फसल बचाव हेतु गन्ना लगाते समय क्लोरपायरीफॉस या इंडोसल्फॉन 3 से 4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से दवा घोल का छिड़काव कर बीज गन्ने को मिटटी से ढक दें|

13. कीट ग्रस्त गन्ने की फसल पर कार्बोफयूरॉन 3जी या सेवीडाल 4जी, 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर गुड़ाई के समय उपयोग कर हल्की सिंचाई करें|

14. कीटनाशक दवा मोनोक्रोटोफॉस 1200 से 1500 मिलीलीटर या इंडोसल्फॉन 2.00 से 2.5 लीटर को 1000 से 1500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें|

यह भी पढ़ें- गन्ना के रोग एवं उनका प्रबंधन, जानिए आधुनिक तकनीक

गन्ने की फसल में चूसक कीट का समन्वित प्रबंधन

1. पेड़ी फसल न लें|

2. खेत में उचित जल प्रबंधन अपनायें, जिससे खेत में अनावश्यक नमी न रहे|

3. गन्ने की फसल में संतुलित उर्वरक का उपयोंग करें|

4. कीट अंडे युक्त पत्तियों को तोड़कर नष्ट करें|

5. खेत में खरपतवार प्रबंधन रखें|

6. स्वस्थ कीट रहित बीज गन्ने का उपयोग करें|

7. सफेद मक्खी रोधी किस्म जैसे- को- 285, को- 975 या को- 1185 लगायें|

8. स्केल कीट से फसल बचाव के लिए गन्ना लगाने के पूर्व बीज को मेलाथियान 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर 10 से 15 मिनट उपचारित करें|

9. मिथाइल डिमेटान या डायमेथोएट 1.5 से 1.7 लीटर या इंडोसल्फॉन या मेलाथियान 2 से 2.5 लीटर को 1000 से 1200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें|

10. स्केल कीट प्रबंधन के लिए दवा छिड़काव पूर्व गन्ने के निचले भाग से पत्तियाँ उतारें|

11. ग्रीष्म ऋतु में पायरिल्ला कीट प्रकोप होने पर पेराथियान 2 प्रतिशत या कार्बारिल 10 प्रतिशत धूल का 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर भुरकाव करें|

यह भी पढ़ें- गन्ना के प्रमुख कीट एवं उनका प्रबंधन

यदि उपरोक्त जानकारी से हमारे प्रिय पाठक संतुष्ट है, तो लेख को अपने Social Media पर Like व Share जरुर करें और अन्य अच्छी जानकारियों के लिए आप हमारे साथ Social Media द्वारा Facebook Page को Like, Twitter व Google+ को Follow और YouTube Channel को Subscribe कर के जुड़ सकते है|

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

“दैनिक जाग्रति” से जुड़े

  • Facebook
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Twitter
  • YouTube

करियर से संबंधित पोस्ट

आईआईआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कट ऑफ, प्लेसमेंट

एनआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कटऑफ, प्लेसमेंट

एनआईडी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, फीस, कट ऑफ, प्लेसमेंट

निफ्ट: योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, कोर्स, अवधि, फीस और करियर

निफ्ट प्रवेश: पात्रता, आवेदन, सिलेबस, कट-ऑफ और परिणाम

खेती-बाड़ी से संबंधित पोस्ट

June Mahine के कृषि कार्य: जानिए देखभाल और बेहतर पैदावार

मई माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

अप्रैल माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

मार्च माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

फरवरी माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

स्वास्थ्य से संबंधित पोस्ट

हकलाना: लक्षण, कारण, प्रकार, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

एलर्जी अस्थमा: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

स्टैसिस डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान, इलाज

न्यूमुलर डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, डाइट, निदान और इलाज

पेरिओरल डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, निदान और इलाज

सरकारी योजनाओं से संबंधित पोस्ट

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार: प्रशिक्षण, लक्षित समूह, कार्यक्रम, विशेषताएं

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: लाभार्थी, योजना घटक, युवा वाहिनी

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार: उद्देश्य, प्रशिक्षण, विशेषताएं, परियोजनाएं

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना | प्रधानमंत्री सौभाग्य स्कीम

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: पात्रता, आवेदन, लाभ, पेंशन, देय और ऋण

Copyright@Dainik Jagrati

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
  • Sitemap