गन्ने की फसल में समन्वित

गन्ने की फसल में समन्वित कीट और रोग प्रबंधन कैसे करें

गन्ने की फसल एक लंबी अवधि वाली मुख्य नगदी फसल है| गन्ने की फसल का भरपूर उत्पादन प्राप्त करने के लिये इसकी उन्नत सस्य-क्रियाओं में पौध संरक्षण का विशेष महत्व है| इस लंबी अवधि की फसल को सम्पूर्ण फसल अवस्था में करीब 100 प्रकार के कीटों द्वारा हानि पहुंचती है| विभिन्न कीटों के प्रकोप से खेत में औसतन 20 प्रतिशत फसल नष्ट हो जाती है तथा 95 प्रतिशत शर्करा की मात्रा में कमी आती है|

इसलिए गन्ने की अच्छी पैदावार और गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त करने के लिये इन कीटों का समय पर प्रबन्धन करना आवश्यक है| गन्ने की फसल को आमतौर पर छेदक और रस-चूसक कीटों से हानि पहुंचती है| छेदक कीटों में मुख्यतः जड़ छेदक, दीमक, अगोला बेधक, गुलाबी बेधक, प्ररोह बेधक और तना छेदक प्रमुख कीट आते है| गन्ना की उन्नत खेती की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- गन्ना की खेती- किस्में, प्रबंधन व पैदावार

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गन्ने की फसल में छेदक कीट का समन्वित प्रबंधन

1. पेड़ी फसल न लें|

2. गन्ने की फसल कटाई पश्चात् ठूठ और पत्तियों को इक्कठा कर जला दें|

3. अच्छे से सड़ी गोबर खाद का ही प्रयोग करें|

4. गन्ने की फसल बुवाई का कार्य अक्टूबर से नवंबर माह में करें|

5. कीट रहित स्वस्थ गन्ने बीज का उपयोग करें|

6. पौधे में कल्ले फूटने पर तुरंत मिटटी चढ़ायें|

7. खेत में लगातार पानी न भरा रहने दें, उचित जल प्रबंध करें|

8. संतुलित उर्वरक का उपयोग करें, पोटाश का प्रयोग अवश्य करें|

9. खेत में प्रकाश प्रपंच लगाकर वयस्क अवस्था में कीड़ो को नष्ट करें|

10. समय-समय पर कीट अंडे युक्त पत्तियों को तोड़कर नष्ट करें|

11. छेदक कीट प्रतिरोधी किस्में को- 62175, को- 775, को- 1148 या को- 6304 लगायें|

12. जड़ छेदक, दीमक और तना छेदक से फसल बचाव हेतु गन्ना लगाते समय क्लोरपायरीफॉस या इंडोसल्फॉन 3 से 4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से दवा घोल का छिड़काव कर बीज गन्ने को मिटटी से ढक दें|

13. कीट ग्रस्त गन्ने की फसल पर कार्बोफयूरॉन 3जी या सेवीडाल 4जी, 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर गुड़ाई के समय उपयोग कर हल्की सिंचाई करें|

14. कीटनाशक दवा मोनोक्रोटोफॉस 1200 से 1500 मिलीलीटर या इंडोसल्फॉन 2.00 से 2.5 लीटर को 1000 से 1500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें|

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गन्ने की फसल में चूसक कीट का समन्वित प्रबंधन

1. पेड़ी फसल न लें|

2. खेत में उचित जल प्रबंधन अपनायें, जिससे खेत में अनावश्यक नमी न रहे|

3. गन्ने की फसल में संतुलित उर्वरक का उपयोंग करें|

4. कीट अंडे युक्त पत्तियों को तोड़कर नष्ट करें|

5. खेत में खरपतवार प्रबंधन रखें|

6. स्वस्थ कीट रहित बीज गन्ने का उपयोग करें|

7. सफेद मक्खी रोधी किस्म जैसे- को- 285, को- 975 या को- 1185 लगायें|

8. स्केल कीट से फसल बचाव के लिए गन्ना लगाने के पूर्व बीज को मेलाथियान 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर 10 से 15 मिनट उपचारित करें|

9. मिथाइल डिमेटान या डायमेथोएट 1.5 से 1.7 लीटर या इंडोसल्फॉन या मेलाथियान 2 से 2.5 लीटर को 1000 से 1200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें|

10. स्केल कीट प्रबंधन के लिए दवा छिड़काव पूर्व गन्ने के निचले भाग से पत्तियाँ उतारें|

11. ग्रीष्म ऋतु में पायरिल्ला कीट प्रकोप होने पर पेराथियान 2 प्रतिशत या कार्बारिल 10 प्रतिशत धूल का 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर भुरकाव करें|

यह भी पढ़ें- गन्ना के प्रमुख कीट एवं उनका प्रबंधन

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