मूंगफली की उन्नत किस्में

मूंगफली की उन्नत किस्में | मूंगफली की अच्छी किस्में कौन सी है?

मूंगफली की उन्नत काश्त के लिए किसान बन्धुओं को खेत की उचित तैयारी के साथ-साथ अपने क्षेत्र की उन्नत किस्म का चयन भी करना चाहिए| क्योंकि मूंगफली की तीन प्रकार की अलग-अलग किस्में होती हैं| हल्की मिट्टी के लिये फैलने वाली तथा भारी मिट्टी के लिये झुमका किस्म के पौधों वाली किस्में है, जो भूमि के अनुसार बोने के काम में ली जाती है| कम फैलने वाली या फैलने वाली किस्मों के पौधों की शाखायें फैल जाती हैं और मूंगफली दूर-दूर लगती है|

जबकि झुमका किस्मों की फलियां मुख्य जड़ के पास लगती है एवं इनका दाना गुलाबी या लाल रंग का होता है| इसकी पैदावार फैलने वाली किस्मों से कम आती है, परन्तु ये जल्दी पकती है| इस लेख में मूंगफली की उन्नत किस्मों तथा इनकी विशेषताएं और पैदावार का उल्लेख है| मूंगफली की उन्नत खेती की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- मूंगफली की खेती कैसे करे

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मूंगफली की किस्में

राज्यवार मूंगफली की उन्नत किस्मों का विवरण इस प्रकार है, जैसे-

राजस्थान

खरीफ फसल हेतु- एच एन जी- 10, गिरनार- 2, प्रकाश, अम्बर, उत्कर्ष, टी जी 37, जी जी- 14 व 21, एच एन जी- 69 व 123, राज मूंगफली- 1, टी बी जी- 39, प्रताप मूंगफली- 1 व 2 आदि|

मध्य प्रदेश

खरीफ फसल हेतु- जे जी एन- 3 व 23, ए के- 159, जी जी- 8 आदि|

झारखण्ड

खरीफ फसल हेतु- बी ए यू- 13, गिरनार- 3, जी पी बी डी- 5, विजेता आदि|

जायद फसल हेतु- डी एच- 86 व 101, टी जी- 38 बी, टी जी- 51 आदि|

पंजाब

खरीफ फसल हेतु- एम- 548, गिसार- 2, एच एन जी- 10, 69 व 123, प्रकाश, टी जी- 37 अ, अम्बर, उत्कर्ष, जी जी- 14 व 21, राज मूंगफली- 1 आदि|

जायद फसल हेतु- एस जी- 99 आदि|

उत्तर प्रदेश

खरीफ फसल हेतु- प्रकाश, अम्बर, उत्कर्ष, एच एन जी- 10, 69 व 123, जी जी- 14 व 21, गिरनार- 2, टी जी- 37अ, राज मूंगफली- 1 आदि|

उत्तराखण्ड

खरीफ फसल हेतु- वी एल मूंगफली- 1 आदि|

बसंतऋतू फसल हेतु- डी एच- 86, टी जी- 37ए आदि|

गुजरात

खरीफ फसल हेतु- जी जी- 20, टी जी- 37ए, जी जी- 7, जी जी- 5, जे एल- 501, जी जे जी- 31 आदि|

जायद फसल हेतु- जी जी- 20, टी जी- 37ए, टी पी जी- 41, जी जी- 6 डी एच- 86, जी जे जी- 9 आदि|

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महाराष्ट्र

खरीफ फसल हेतु- ए के- 159, 303 व 265, जे एल- 220, 286 व 501, रत्नेश्वर, टी एल जी- 45 आदि|

जायद फसल हेतु- टी ए जी- 24, डी एच- 86, जे एल- 286 आदि|

कर्नाटक

खरीफ फसल हेतु- जी पी बी डी- 4, अजेया, विजेता, टी जी एल पी एस- 3, वी आर आई- 6, आई सी जी वी- 91114 आदि|

जायद फसल हेतु- टी ए जी- 24, कादिरी, हरीचंद्रा, टी जी एल पी एस- 3 आदि|

आन्ध्र प्रदेश

खरीफ फसल हेतु- कादिरी- 6, नारायणी, आई सी जी वी- 91114, कादिरी- 9, अभया, प्रसूना ग्रीष्मा, अजेया, विजेता, जी पी बी डी- 4 आदि|

जायद फसल हेतु- कादिरी- 6, कादिरी हरीचंद्र, आई सी जी वी- 00350, ग्रीष्मा आदि|

तमिलनाडु

खरीफ फसल हेतु- वी आर आई- 2, 6 व 7, टी एम वी- 13, को- 6 व 5, ए एल आर- 2, जी पी बी डी- 4, आई सी जी वी- 00348 आदि|

जायद फसल हेतु- वी आर आई- 2, टी एम वी- 13, आई सी जी वी- 00350 आदि|

उड़ीसा

खरीफ फसल हेतु- ओ जी- 52-1, आई सी जी वी- 91114, गिरनार- 3 आदि|

जायद फसल हेतु- ओ जी- 52-1, टी ए जी- 24, टी जी- 51, 37ए, 38बी, डी एच- 86 व 101 आदि|

पश्चिम बंगाल

खरीफ फसल हेतु- गिरनार- 3 आदि|

जायद फसल हेतु- टी ए जी- 24, टी जी- 51, 37ए, 38बी, डी एच- 86 व 101 आदि|

उत्तर पूर्व पहाडी

खरीफ फसल हेतु- बी ए यू- 13, आई सी जी एस- 76, आई सी जी वी- 86590, जी पी बी डी- 5 आदि|

जायद फसल हेतु- टी ए जी- 24, टी जी- 37ए, 38 ब, टी जी- 51, डी एच- 86 व 101 आदि|

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मूंगफली की किस्मों की विशेषताएं और पैदावार

आर जी 382 दुर्गा- मूंगफली की यह किस्म फैलने वाली है, जो कि 128 से 133 दिन में पककर तैयार हो जाती है| इसकी औसत पैदावार 22 से 25 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है| यह किस्म रेतीली और दोमट सिंचित क्षेत्र के लिये उपयुक्त है| दाने मोटे एवं गुलाबी होते हैं| इसके 100 दानों का वजन 59 ग्राम होता है और तेल की मात्रा लगभग 53 प्रतिशत है|

टी जी 37 ए- यह एक झुमका किस्म है, जो कि 100 से 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है| यह दोमट और काली मिट्टी के लिये उपयुक्त है| इसकी औसत पैदावार 18 से 20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है| इसकी फलियों में दानों का अनुपात लगभग 64 प्रतिशत और तेल की मात्रा 51 प्रतिशत होती है| इसके 100 दानों का वजन 39 ग्राम होता है| इस किस्म में सुषुप्तावस्था कम होती है| इसलिए यदि खेत में फसल के पकते समय ज्यादा नमी हो तो 70 प्रतिशत फलियों के पकने पर फसल की खुदाई कर लेनी चाहिए| इस किस्म की बुवाई वर्षा होने के साथ ही कर देनी चाहिए| यदि वर्षा देर से हो तो जुलाई के प्रथम सप्ताह तक अवश्य बुवाई कर देनी चाहिए|

गिरनार 2- मूंगफली की यह मूंगफली की अर्ध विस्तारी 125 से 130 दिन में पककर तैयार होने वाली किस्म है, जो दोमट मिट्टी के लिये उपयुक्त है| इसकी गुली हल्के भूरे रंग की और मोटी होती है तथा तेल की मात्रा 51 प्रतिशत होती है| इसके 100 दानों का वजन 50 ग्राम होता है| इसकी पैदावार सिंचित क्षेत्रों में औसतन 25 से 30 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है|

आर जी 425 (राज दुर्गा)- मूंगफली की यह एक अर्द्धविस्तारित किस्म है| यह 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है| यह बारानी और सिंचित क्षेत्रों दोनों के लिए उपयुक्त है| इसके दानों का रंग हल्का गुलाबी और सफेद रहता है| इसकी औसत पैदावार असिंचित क्षेत्र में 15 से 18 क्विंटल और सिंचित क्षेत्र में 32 से 36 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है| यह किस्म गलकट (कॉलर रॉट) रोधी है|

आर जी 510 (राज मूंगफली- 1)- मूंगफली की यह किस्म छोटी, गहरे हरे रंग की पतियों वाली, फैलने वाली किस्म है| जो कि 126 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है| इसकी औसत पैदावार 26 से 32 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है| यह किस्म रेतीली और दोमट सिंचित क्षेत्र के लिये उपयुक्त है| गुली मध्यम आकार की एवं गुलाबी होती है| इस किस्म में फलियों में दानों का अनुपात 66 प्रतिशत और वजन 54 ग्राम होता है| यह किस्म कई बीमारियों जैसे- गलकट, तना गलन, टिक्का, विषाणु गच्छा रोग आदि के लिये प्रतिरोधी है|

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एच एन जी 10- मूंगफली की यह अर्द्ध विस्तारी किस्म, अच्छी वर्षा या सिंचाई जल उपलब्धता वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है| इसकी पत्तियां गहरी हरी और पौधे मध्यम फैलाव वाले होते हैं| यह किस्म 125 से 130 दिन में पक कर लगभग 20 क्विण्टल प्रति हैक्टर उपज देती है| इसकी फली में औसतन दो दाने होते हैं| 100 दानों का वजन 45 ग्राम के लगभग होता है और इनमें तेल की मात्रा 50 से 51 प्रतिशत होती है|

जी जी 20- यह एक अर्द्ध विस्तारी किस्म है, जो 115 से 120 दिन में पक जाती है| इसकी फली में समान्यतया 2 से 3 दाने होते हैं| 100 दानों का वजन 42 ग्राम के लगभग तथा दानों में 48 प्रतिशत तेल होता है| इसकी औसतन पैदावार 25 से 30 क्विण्टल होती है|

टी जी 39- इसके दाने बड़े होते हैं और यह किस्म लगभग 115 से 120 दिन में पक जाती है| इसमें तना गलन और पिलिया रोग भी कम होते है| इसकी औसत पैदावार 25 से 30 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर होती है|

एच एन जी 123- मूंगफली की यह किस्म गुच्छानुमा प्रकार की है| इस किस्म की औसत पैदावार 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और दानों में तेल की मात्रा 49 प्रतिशत तक पाई गई है|

आर जी 425- यह किस्म विशेषतः राजस्थान राज्य के लिये खरीफ के मौसम के लिये निस्तारित की गई है| इस किस्म की औसत उपज 18 से 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और दानों में तेल की मात्रा 48 प्रतिशत पायी जाती है| यह किस्म सूखे के प्रति व कॉलर गलन रोग के प्रति प्रतिरोधी है|

जी जी 2- पौधा छोटा अधिक फैलाव व गुच्छेदार होता हैं| फलियाँ मध्यम आकार की एक दो बीज वाली होती हैं, बीज मध्यम गौलाई वाले गुलाबी रंग के होते हैं| फसल पकने की अवधि 90 से 105 दिन और औसत पैदावार 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

प्रकाश- यह किस्म सिंचित और बारानी क्षेत्र के लिये उपयुक्त, दो बीज वाली, जालीयुक्त बोल्ड मूंगफली, मध्य विस्तारी गहरी हरी पत्तियाँ, पौधा 20 से 25 सेंटीमीटर ऊँचा, 115 से 120 दिन में पकने वाली और औसत पैदावार 22 से 23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

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जी जी 7- जीजी-2 के स्थान पर बारानी असिंचित क्षेत्रों में खरीफ में उपुयक्त, मूंगफली मध्यम तथा चोंच युक्त कुछ मुड़ी हुई, प्रतिफली दो गुलाबी दाने, फली एवं दाना जी जी- 2 से कुछ बड़ा, टिक्का रोगरोधित, पकने की अवधि 90 से 105 दिन और औसत पैदावार 21 से 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

जे एल 24- गुच्छे वाली यह किस्म लम्बी और काफी अच्छी फुटन वाली, पौधों की ऊँचाई करीब 40 सेंटीमीटर, एक फली में दो दाने, परन्तु तीन दाने भी मिल सकते हैं, दाने मध्यम आकार के और गुलाबी, पकने की अवधि 90 से 100 दिन और औसत पैदावार 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

एम 13- यह फैलने वाली किस्म, फली मोटी और साफ दिखने वाली जाल वाली, फली में 3 तक दाने होते हैं| दाने हल्के गुलाबी रंग के तथा मोटे, पकने की अवधि 140 से 145 दिन और औसत पैदावार 26 से 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

टी बी जी 39- मूंगफली की यह किस्म मध्यम फैलने वाली और दाने बढे आकार के, पकने की अवधि 118 से 125 दिन और औसत पैदावार 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

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एच एन जी 69- मूंगफली की यह किस्म कलर रोट, तना गलन के प्रति रोगरोधी एवं ब्लाईट (धब्बा रोग) के प्रति सहनशील, पकने की अवधि 118 से 125 दिन और औसत पैदावार 25 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

पंजाब मूंगफली नं.1- यह फैलने वाली किस्म है तथा इसे बारानी क्षेत्रों में रेतीली भूमि में खेती के लिए उपयुक्त, पकने की अवधि 130 दिन, औसत पैदावार 19 क्विंटल प्रति हैक्टेयर के लगभग है|

एम 45- यह भी मूंगफली की फैलने वाली किस्म है, परंतु पंजाब मूंगफली नं.1 से कम फैलती है| यह सिंचित और असिंचित क्षेत्रों में रेतीली भूमि के लिए उपयुक्त, पकने की अवधि 120 से 125 दिन, पैदावार 19 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है| इस कस्म में 68 प्रतिशत तक दाने प्राप्त हो जाते हैं और 49 प्रतिशत तेल की मात्रा तथा इसके दाने मोटे होते हैं|

सी 501- यह मध्यम फैलने वाली किस्म, सिंचित क्षेत्रों में इसे रेतीली दोमट से दोमट भूमि में उगाया जा सकता है| पकने की अवधि 125 से 130 दिन, औसत पैदावार 17 क्विंटल प्रति हैक्टेयर के लगभग है| इस किस्म में 68 प्रतिशत दाने प्राप्त हो जाते हैं और 48 प्रतिशत तेल की मात्रा है|

एम 37- यह भी मूंगफली की फैलने वाली किस्म, जिसकी शाखाएं बहुत अधिक होती हैं| यह लगभग 120 दिनों में तैयार हो जाती है तथा सिंचित क्षेत्रों में रेतीली भूमि के लिए उपयुक्त किस्म है| इसकी औसत पैदावार 16 क्विंटल प्रति हैक्टेयर के लगभग, इस किस्म में 69 प्रतिशत दाने प्राप्त हो जाते हैं और 50.5 प्रतिशत तेल की मात्रा है|

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