• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
Dainik Jagrati

Dainik Jagrati

Hindi Me Jankari Khoje

  • Agriculture
    • Vegetable Farming
    • Organic Farming
    • Horticulture
    • Animal Husbandry
  • Career
  • Health
  • Biography
    • Quotes
    • Essay
  • Govt Schemes
  • Earn Money
  • Guest Post
Home » चीकू का प्रवर्धन कैसे करें? | चीकू के पौधे कैसे तैयार करें?

चीकू का प्रवर्धन कैसे करें? | चीकू के पौधे कैसे तैयार करें?

October 23, 2018 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

चीकू का प्रवर्धन कैसे करें?

चीकू का प्रवर्धन कैसे करें, जानेगे लेकिन उससे पहले अपने बन्धुओं को बता दें, की चीकू उष्ण अमेरिका का देशज है, और यह भारतीय फलों में गौण है| हमारे देश में यह मुख्य रूप से फल के लिए उगाया जाता है, लेकिन कुछ देशों में चीकू पेड़ के छिलके से दूध निकाला जाता है, जिसे गुटा पारचा कहते है|

यह चिविंग-गम बनाने के काम में आता है, अपरिपक्व अवस्था में फलों में एक प्रकार का दूध होता है, जिससे ये पूर्ण रूप से पकने के पहले नहीं खाये जा सकते है| यदि आप चीकू की बागवानी की पूरी जानकारी चाहते है, तो यहां पढ़ें- चीकू की खेती कैसे करें

यह भी पढ़ें- अंगूर का प्रवर्धन कैसे करें

चीकू का प्रवर्धन

चीकू का प्रवर्धन वानस्पतिक विधियों द्वारा ही प्रवर्धित किया जाना चाहिए| चीकू का पौधा तैयार करने के लिए भेट कलम बंधन और गूटी दोनों ही विधियाँ प्रचलित है, परंतु गूटी विधि में जड़े कम निकलती है तथा वे मोटी और उथली भी रह जाती है| एसे पौधे मिट्टी से भली भाती पोषण नहीं ग्रहण कर पाते है और मर जाते है| इसलिए चीकू के व्यावसायिक प्रवर्धन में भेंट कलम बंधन की विधि अधिक प्रचलित है| चीकू का प्रवर्धन की इन दोनों विधियों की जानकारी इस प्रकार है, जैसे-

भेंट कलम बंधन द्वारा-

चीकू का प्रवर्धन हेतु भेंट कलम-बंधन के लिए सबसे पहले मूलवृंत तैयार किया जाता है| मूलवृंत के लिए मुख्यत: खिरनी या महुआ के पौधे प्रयुक्त किए जाते है| मूलवृंत के नए बीजो को वर्षा ऋतु में तैयार की गई क्यारियों में बोया जाता है| एक वर्ष बाद जब पौधे बड़े हो जाते है, तो इन्हे मिट्टी की पिंडी समेत छोटे गमले 10 से 15 सेंटीमीटर व्यास या पोलीथीन की थैलियों में लगा दिया जाता है|

जब पौधे पेंसिल की मोटाई प्राप्त कर लें, तो इन पर भेट कलम बांधने का कार्य किया जाता है| भेट कलम तैयार करने के लिए जिस किस्म का पौधा तैयार करना होता है, उसी किस्म के पेड़ की पेन्सिल जैसी मोटी एक टहनी को मूलवृंत के साथ कम से कम 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर 2 से 3 सेंटीमीटर चीरा लगाकर इस तरह जोड़ दिया जाता है, की सायन और मूलवृंत जुड़ कर एक हो जाएँ|

जब जुड़ाव हो जाय तब सांकुर शाखा को मातृ पौधे से काटकर अलग कर दिया जाता है| मूलवृंत को जोड़ के 2 से 3 सेंटीमीटर ऊपर से काट दिया जाता है, भेट कलम बांधने का कार्य आमतौर पर फरवरी से मार्च में किया जाता है|

यह भी पढ़ें- आड़ू का प्रवर्धन कैसे करें

गूटी द्वारा-

चीकू का प्रवर्धन हेतु, यह विधि दक्षिण भारत में प्रचलित है, गूटी बांधने के लिए पेन्सिल मोटाई की 30 से 40 सेंटीमीटर लंबी शाखा लगभग एक वर्ष पुरानी का चुनाव करते है| गूटी बांधने का कार्य वर्षा प्रारम्भ होने के साथ किया जाता है| कई स्थानो पर गूटी मार्च से अप्रेल में भी तैयार करते है|

गूटी बांधते समय टहनी से छल्ला उतारे गए स्थान पर 2 प्रतिशत आई.बी.ए. या एन.ए.ए. के मिश्रण का लेप लगाने पर अच्छी मूलन हो जाती है और यह बढ़ोतरी करने में सहायक है| इसके प्रयोग से जड़े शीघ्र, अधिक व समान रूप से निकलती है| सितंबर से अक्टूबर तक गूटी में पर्याप्त जड़ फुटाव हो जाता है, इस समय इसे मातृ पौधे से अलग कर गमले या क्यारी में रोपित कर देते है|

इस प्रकार किसान या बागवान बन्धु चीकू का प्रवर्धन उपरोक्त उपयोगी और आधुनिक व्यावसायिक तकनीक द्वारा कर सकते है, और सफलतापुर्वक गुणवान और प्रमाणित पौधे तैयार कर के बाग की स्थापना या नर्सरी के रूप में अच्छा व्यावसायिक लाभ प्राप्त कर सकते है|

यह भी पढ़ें- आम का प्रवर्धन कैसे करें

यदि उपरोक्त जानकारी से हमारे प्रिय पाठक संतुष्ट है, तो लेख को अपने Social Media पर Like व Share जरुर करें और अन्य अच्छी जानकारियों के लिए आप हमारे साथ Social Media द्वारा Facebook Page को Like, Twitter व Google+ को Follow और YouTube Channel को Subscribe कर के जुड़ सकते है|

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

“दैनिक जाग्रति” से जुड़े

  • Facebook
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Twitter
  • YouTube

करियर से संबंधित पोस्ट

आईआईआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कट ऑफ, प्लेसमेंट

एनआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कटऑफ, प्लेसमेंट

एनआईडी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, फीस, कट ऑफ, प्लेसमेंट

निफ्ट: योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, कोर्स, अवधि, फीस और करियर

निफ्ट प्रवेश: पात्रता, आवेदन, सिलेबस, कट-ऑफ और परिणाम

खेती-बाड़ी से संबंधित पोस्ट

June Mahine के कृषि कार्य: जानिए देखभाल और बेहतर पैदावार

मई माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

अप्रैल माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

मार्च माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

फरवरी माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

स्वास्थ्य से संबंधित पोस्ट

हकलाना: लक्षण, कारण, प्रकार, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

एलर्जी अस्थमा: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

स्टैसिस डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान, इलाज

न्यूमुलर डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, डाइट, निदान और इलाज

पेरिओरल डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, निदान और इलाज

सरकारी योजनाओं से संबंधित पोस्ट

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार: प्रशिक्षण, लक्षित समूह, कार्यक्रम, विशेषताएं

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: लाभार्थी, योजना घटक, युवा वाहिनी

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार: उद्देश्य, प्रशिक्षण, विशेषताएं, परियोजनाएं

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना | प्रधानमंत्री सौभाग्य स्कीम

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: पात्रता, आवेदन, लाभ, पेंशन, देय और ऋण

Copyright@Dainik Jagrati

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
  • Sitemap