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ट्रैक्टर चलित गन्ना पौध रोपण यंत्र: जानिए उपयोगी आधुनिक तकनीक

February 19, 2019 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

ट्रैक्टर चलित गन्ना पौध रोपण यंत्र

ट्रैक्टर चलित गन्ना पौध रोपण यंत्र वर्तमान की आवश्यकता है, क्योंकि गन्ने के टुकड़ों को बीज के रूप में, पारम्परिक विधि द्वारा, रोपित किया जाता है| मगर गन्ने की खेती की यह विधि खर्चीली सिद्ध हो रही है| क्योंकि रोपण के लिये बीज गन्ने की कीमत, फसल उत्पादन के कुल खर्चे के, 20 प्रतिशत से अधिक पाई गई है| पारम्परिक प्रणाली में फसल के कुल उत्पादन का करीब 10 प्रतिशत खर्च रोपण की प्रक्रिया में लग जाता है| गन्ने की बड़ (कलिका) चिप से पौध उत्पादन या अकेली कलिका वाले बीज टुकड़ों से प्रोट्रे में पौध उत्पादन एक प्रभावी और नवीनतम तकनीक है|

जिसमें पारम्परिक विधि से प्रयोग में लाये जाने वाले बीज का केवल दसवां हिस्सा ही पौधों को उगाने के लिये काफी होता है| गन्ने की खेती में यह सबसे नई तकनीक है, और किसानों में काफी लोकप्रिय भी हो रही है| हाथों से पौधों की रोपण विधि काफी थकाने वाली तथा श्रमशील है| क्योंकि इसमें कार्य को काफी लम्बे समय तक झुककर करना पड़ता है|

यह भी पढ़ें- गन्ना की खेती- किस्में, प्रबंधन व पैदावार

पारम्परिक रोपण विधि से फसल का एक जैसा स्टैंड शायद ही कभी प्राप्त होता है एवं रोपण के दौरान की गई गलती के कारण होने वाले खाली स्थानों को भरने के लिये पुनःरोपण की प्रक्रिया में अतिरिक्त मजदूरों की आवश्यक्ता होती है| व्यस्त सीजन के दौरान मजदूरों की कमी के कारण, रोपण तथा उससे संबंधित प्रक्रियाओं में देरी होने से, गन्ना उत्पादन में बड़ी भारी गिरावट का सामना करना पड़ता है|

गन्ने के बीज टुकड़ो से जनित पौध को प्रतिरोपित करने के लिये और उपरोक्त समस्याओं से पार पाने के लिये, एक ट्रैक्टर द्वारा खींचे जाने वाले, गन्ने के बीज टुकडों जनित पौधों को, दोहरी पंक्ति में रोपण करने के लिये संशोधित यन्त्र को, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर द्वारा, भा कृ अनु प के केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, कोयम्बटूर के साथ मिलकर, विकसित किया गया है|

संशोधित बीज टुकडों जनित पौध रोपण यन्त्र का एक मुख्य फ्रेम है, जिसे 50 होर्स पावर वाले ट्रैक्टर के स्टैन्डर्ड तीन अटकाव वाले प्रबन्धन के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है| इस ट्रैक्टर चलित यंत्र में मीटरिंग यन्त्रावली, चालक सीट, खाँचे बनाने वाला यन्त्र, मिटटी खोलने वाला तथा खाँचों को ढकने वाला नियंत्रक, मुख्य फ्रेम में ही उपयुक्त सुविधओं के साथ लगे हैं|

यह भी पढ़ें- गन्ना बीज टुकड़ों का उपचार करने वाला यंत्र, जानिए रोग प्रबंधन की तकनीक

इस ट्रैक्टर चलित यन्त्र में पंक्तियों की दूरी को 90, 120 तथा 150 सेंटीमीटर पर तय करने के लिये सुविधा उपलब्द्ध है| नर्सरी में गन्ने की कलिका चिप उत्पादित या अकेली कलिका वाले बीज टुकड़ों से उत्पादित पौध के रोपण के लिये, पौधों को उपयुक्त दूरी पर खाँचों में गिराने के लिये मीटरिंग यन्त्रावली लगी है| इस कार्य के लिये 2 व्यक्तियों की आवश्यक्ता होती है, इसलिए इनके बैठने के लिये ट्रैक्टर चलित यन्त्र के पीछे वाले हिस्से में निश्चित स्थान उपलब्द्ध है|

इस मीटरिंग यन्त्रावली से पौधे से पौधे की दूरी 30, 45 तथा 60 सेंटीमीटर पर सुनिश्चित की जा सकती है| खाँचे बनाने वाले यन्त्र से खाँचे खोले जाते हैं, जिनमें नर्सरी में उत्पादित पौधों को, प्रोटे मिश्रण या मिटटी के साथ, 2.5 से 7.5 सेंटीमीटर गहराई पर, सुनिश्चित करने वाले यन्त्र से, रोपित किया जा सकता है| इन पौधों को बेहतर स्थापित करने के लिये रोपण के बाद इन्हीं खाँचों से सिंचाई की जा सकती है|

एक जूते के आकार का मिटटी खोलने वाला ट्रैक्टर चलित यन्त्र मिटटी को खोलता है, जिसमें मीटरिंग यन्त्रावली का प्रयोग कर रोपण किये जाने वाले पौधों को गिराया जाता है| ट्रैक्टर चलित खाँचों को ढकने वाला यन्त्र, खाँचे बनाने वाले यन्त्र के पीछे पीछे आता है तथा मिटटी को खाँचों में डालता है| जिससे पौधों को स्थायित्व मिलता है|

ट्रैक्टर चलित रोपण यन्त्र से 90, 120 और 150 सेंटीमीटर की दूरी पर, एक हेक्टेयर में रोपण करने के लिये, क्रमशः 7, 5 और 4 घंटे का समय लगता है| ट्रैक्टर की रोपण गति, अगर 1.4 किलोमीटर प्रति घंटा हैं, तो 3 से 4 प्रतिशत तक पौध रहित खाली स्थान बचे रह सकते हैं| ट्रैक्टर चलित यन्त्र से 95 प्रतिशत तक पौधे स्थापित हो जाते हैं| गन्ना उत्पादन तथा गुणवत्ता मापकों को, हाथों से रोपित की गई फसल के बराबर पाया गया है|

यह भी पढ़ें- गन्ना नर्सरी की उन्नत विधियां, जानिए अधिक उत्पादन हेतु

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