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Home » गन्ना के बीज का उत्पादन कैसे करें | गन्ने का बीज कैसे तैयार करें?

गन्ना के बीज का उत्पादन कैसे करें | गन्ने का बीज कैसे तैयार करें?

February 19, 2019 by Bhupender Choudhary 2 Comments

गन्ना के बीज का उत्पादन

गन्ना हमारे देश की प्रमुख नकदी फसल है| इसकी अच्छी पैदावार सुनिश्चित करने के लिए गन्ना के बीज का स्वस्थ और शुद्ध होना अत्यंत आवश्यक है| जहां अन्य फसलों जैसे- गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, कपास, सरसों आदि में किसान प्रतिवर्ष बाजार से नया बीज खरीद कर उपयोग करते हैं, वही मिल में भेजे जाने वाले गन्नों को ही गन्ना क्र बीज में इस्तेमाल करते हैं| गन्ने में किस्म व बीज बदलाव की दर अत्यधिक वजन, पैकिंग व भंडारण अनुकूल न होने के कारण अत्यंत धीमी है|

हालांकि गन्ने में बीज प्रमाणीकरण के मानक निर्धारित किए हुए हैं| लेकिन किसी भी बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा गन्ना बीज का प्रमाणीकरण नहीं किया जाता, जिसके फलस्वरुप स्वस्थ गन्ना बीज उत्पादन पर समुचित ध्यान नहीं दिया जाता है| गन्ने का प्रसारण वानस्पतिक रूप से तने की पोरियों पर अंतर गांठ पर स्थित कलिकाओं से होता है| इस लेख के द्वारा गन्ना के बीज का उत्पादन कैसे करें, उसकी उपयोगी तकनीक की जानकारी दी गई है| गन्ना की उन्नत खेती की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- गन्ना की खेती- किस्में, प्रबंधन व पैदावार

गन्ना बीज उत्पादन के मानक 

बीज के गन्ने में 100 प्रतिशत अनुवांशिक शुद्धता और 98 प्रतिशत भौतिक शुद्धता होनी चाहिए| बीज में जमाव 85 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए| प्रत्येक गाँठ पर एक जीवनक्षम आँख होनी चाहिए| ऐसी ऑखे जो कि फूली हुई हो या 1 सेंटीमीटर से ज्यादा बाहर की तरफ निकली हुई हो उनकी संख्या गन्ने पर कुल आँख के 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए| बीज का गन्ना 10 प्रतिशत से ज्यादा गिरा हुआ नहीं होना चाहिए| केवल जल भराव की स्थिति में गांठ पर जड़ों का फुटाव 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए| बीज का गन्ना बीमारियों और कीड़ों से मुक्त होना चाहिए|

यह भी पढ़ें- गन्ना बुवाई की उपयोगी विधियां, जानें अधिक उत्पादन हेतु

गन्ना के बीज उत्पादन नर्सरी प्रक्रिया

बीज की अनुवांशिक शुद्धता, स्वास्थ और गुणवत्ता को कायम रखने के लिए चीनी मिलों को तीन-टायर बीज नर्सरी (प्राथमिक बीज नर्सरी, दूसरे क्रम की बीज नर्सरी और व्यवसायिक बीज नर्सरी) कार्यक्रम को अपनाना चाहिए| प्राथमिक बीज नर्सरी चीनी मिल के फार्म पर लगाई जाती है| प्राथमिक बीज नर्सरी को लगाने के लिए अनुसंधान संस्थान से प्रजनक बीज को नम गर्म शोधन मशीन (एम एच ए टी) में 54 डिग्री सैंटीग्रेड पर 1 घण्टे तक उपचारित करके बिजाई करनी चाहिए|

इसके बाद 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम के घोल में गन्ने के टुकड़ों को उपचारित करना चाहिए| बीज को गर्म करने के दौरान नुकसान की भरपाई के लिए 25 प्रतिशत ज्यादा बीज की मात्रा इस्तेमाल करनी चाहिए| बीज की फसल में 25 प्रतिशत ज्यादा नत्रजन और गोबर की सड़ी खाद का इस्तेमाल करना चाहिए| ज्यादा पैदावार लेने के लिए पक्तियों के बीच की दूरी 60 से 75 सेंटीमीटर तक रख सकते हैं|

बीज नर्सरी का निरीक्षण बिजाई के 45 से 50 दिन बाद, 120 से 130 दिन के बाद और कटाई करने से 15 दिन पहले तीन बार करें| प्रत्येक निरीक्षण के दौरान बिमारी युक्त और कीट प्रभावित पौधों को जड़ से ऊखाड़ कर खेत से बाहर निकाल दें| बिजाई के समयानुसार बीज की कटाई 6 से 12 महिने के बाद करें| यह बीज प्रगतिशील किसानों के खेत पर विशेषज्ञ की देखरेख में दूसरे क्रम की नर्सरी के लिए इस्तेमाल करके फसल को घासी प्ररोह तथा पेड़ी कुठंन रोगों से बचाया जा सकता है|

एक बार उपचारित बीज को 5 वर्ष तक इस्तेमाल कर सकते है| इसलिए मिल क्षेत्र के प्रत्येक खण्ड को 5 भागों में विभाजित करके सुनियोजित बीज कार्यक्रम चलाना चाहिए, ताकि प्रत्येक क्षेत्र में हर 5 वर्ष के बाद बीज को बदला जा सके| दूसरे क्रम की नर्सरी का रखरखाव भी प्राथमिक नर्सरी की तरह ही करना चाहिए| इस प्रकार पैदा किए गए बीज को व्यवसायिक नर्सरी को लगाने में प्रयोग करना चाहिए| इन नर्सरी का रख-रखाव भी प्राथमिक नर्सरी की तरह करना चाहिए| बीज की कटाई बिजाई के 6 माह से 12 माह तक जारी रख सकते हैं| गन्ने के बीज का गणक 6 से 8 है|

यह भी पढ़ें- गन्ने की क्षेत्रवार उन्नत किस्में, जानिए विशेषताएं और पैदावार

स्वच्छ व्यवसायिक नर्सरी उगाने की तकनीक-

उगाने की स्थिति- गन्ना के बीज की फसल का उत्पादन सामान्य परिस्थितियों में करना चाहिए| देर से बिजाई और समस्या वाली भूमि में बीज का उत्पादन नहीं करना चाहिए|

बीज का उपचार- गन्ना के बीज उत्पादन का मुख्य उद्देश्य गन्ने की विभिन्न बीमारियों जैसे कि गन्ने का घासी प्ररोह रोग तथा पेड़ी कुठंन रोग से मुक्त करना होता है| इसलिए गन्ने के बीज को बिजाई से पहले नम गर्म शोधन मशीन में उपचार करके बिजाई करें|

गन्ने की आयु- गन्ना के बीज टुकड़े 8 से 10 महीने की फसल से लेने चाहिएं, इससे ज्यादा आयु की फसल से ऊपर के एक तिहाई हिस्से से बीज लेना चाहिए|

बिजाई का समय- फरवरी से अप्रैल उचित है|

खाद की मात्रा- गन्ने में खाद की मात्रा 60 किलो ग्राम नत्रजन, 20 किलो ग्राम फास्फोरस और 20 किलो ग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से डालना चाहिए| शुरू में जल्दी बढ़वार के लिए पूरा फास्फोरस एवं पोटाश बिजाई के समय, नत्रजन तीन बार बराबर-बराबर मात्रा में बिजाई के 30, 60, और 90 दिन बाद डालना चाहिए| इसके अतिरिक्त 20 किलो ग्राम नत्रजन प्रति एकड़ कटाई के 6 से 8 सप्ताह पहले डालनी चाहिए, जिससे कि स्वस्थ, ज्यादा नमी और ज्यादा अपचेय शर्करा की मात्रा का बीज मिल सके|

फसल का प्रबंधन- गन्ना के बीज फसल का प्रबंधन या देखभाल आम फसल की तरह की जाती है|

यह भी पढ़ें- गन्ना की उत्तर पश्चिम क्षेत्र की उन्नत किस्में, जानिए विशेषताएं और पैदावार

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Reader Interactions

Comments

  1. Shivram Choube says

    August 21, 2023 at 5:34 pm

    गन्ने की बीज उत्पादन कार्यक्रम कैसे लिया जावें कृपया-खेत की तैयारी से कास्त लागत सहित बताने का कष्ट करेंगे ।

    Reply
    • Bhupender Choudhary says

      September 1, 2023 at 7:51 pm

      हेल्लो शिवराम,

      गन्ना उत्पादन की हर जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- गन्ना की खेती: किस्में, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार

      Reply

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