हमारे देश में मूली की खेती (Radish farming) प्रायः सभी क्षेत्रों में की जाती है| सामान्यतः सब्जी उत्पादक कृषक सब्जियों की अन्य फसलों की मेढ़ों पर या छोटे-छोटे क्षेत्रों में मूली लगाकर आय अर्जित करते है| शीत ऋतु में भी कृषक इसकी फसल को 30 से 60 दिन में तैयार कर पुनः बोवनी कर दो [Read More] …
पालक की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल, पैदावार
पालक की खेती (Spinach farming) का हरी सब्जी फसलों में विशेष स्थान है| देश के लगभग सभी भागों में रबी, खरीफ एवं जायद तीनों मौसम में इसकी खेती की जाती है| देशी तथा विलायती दो प्रकार की पालक अलग-अलग क्षेत्रों में उगाई जाती है| देशी पालक की पत्तियाँ चिकनी अंडाकार, छोटी एवं सीधी होती है| [Read More] …
धनिया की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल, पैदावार
धनिया (Coriander) मसालों वाली फसलों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है| इसके दानों में पाये जाने वाले वाष्पशील तेल के कारण यह भोज्य पदार्थों को स्वादिष्ट एवं सुगन्धित बनाती है| भारत में इसकी खेती मुख्यतः राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा कर्नाटक में की जाती है| धनिया के कुल उत्पादन का एक [Read More] …
कद्दू की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
कद्दू वर्गीय सब्जियों में पेठा एक महत्वपूर्ण फसल है| कद्दू (Pumpkin) की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरला और उत्तरांचल में की जाती है| कद्दू (पेठा) कच्चा और पका फल सब्जी के लिए तथा पके फलों का मिठाई (पेठा) बनाने में प्रयोग होता है| इससे च्यवनप्राश भी [Read More] …
अदरक की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल, पैदावार
अदरक (Ginger) भारतवर्ष की प्रमुख मसाला फसलों में से एक है| अदरक का प्रयोग मसाले, औषधिया और सौन्र्दय सामग्री के रूप में हमारे दैनिक जीवन में वैदिक काल से चला आ रहा हैं| खुशबू पैदा करने के लिये आचार, चाय के अलावा कई व्यजंनो में अदरक का प्रयोग किया जाता हैं| सर्दियों में खाँसी जुकाम [Read More] …
लहसुन की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल, पैदावार
लहसुन (Garlic) लिलयसि कुल की एक नगदी मसाला फसल है, जो की मुख्यतः रबी के मौसम में उगाई जाती है| इसका उपयोग अचार, चटनी, केचप व सब्जी बनाने आदि में होता है| इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है| लहसुन के प्रसंस्करण के लिए लघु उद्योग स्थापित कर रोजगार को उत्पन्न किया [Read More] …
खीरा की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
खीरे या खीरा (Cucumber) की उत्पत्ति मूलतः भारत से ही हुई है और लता वाली सब्जियों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है| इसके फलों का उपयोग मुख्य रूप से सलाद के लिए किया जाता है| इसके फलों के 100 ग्राम खाने योग्य भाग में 96.3 प्रतिशत जल, 2.7 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.4 प्रतिशत प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत वसा [Read More] …
मटर की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
मटर (Pea) रबी की एक प्रमुख दलहनी फसल है| विश्व में इसकी खेती भारत में सर्वधिक की जाती है| मटर सर्दी के मौषम में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण फसल है| इसमें न केवल प्रोटीन तत्व की मात्रा प्रचुर है, इसके आलावा विटामिन, फास्फोरस और लोहा तत्व भी काफी मात्रा में उपलब्द होते है| देश [Read More] …
गाजर की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
गाजर (Carrot) एक महत्वपूर्ण जड़ वाली स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है| इसकी खेती पूरे देश में की जाती है| इसकी जड़े, सब्जी, सलाद, अचार, मुरब्बा और हलवा आदि में प्रयोग होती है| अच्छे गुणों वाली मोटी, लम्बी, लाल या नारंगी रंग की जड़ों वाली गाजर अच्छी मानी जाती है| इसकी मुलायम पत्तियों का सब्जी के [Read More] …
मिर्च की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
मिर्च (Chilli) की खेती उष्ण कटिबंधीय भागों में की जाती है| मिर्च को मसाले, सब्जी के अलावा औषधि, सॉस तथा अचार के लिए उपयोग किया जाता है| इसमें विटामिन ‘ए’ और ‘सी’, फॉस्फोरस और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं| भारत में मुख्य उत्पादन वाले राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उडीसा, तामिलनाडु एवं राजस्थान [Read More] …