• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

Dainik Jagrati

Hindi Me Jankari Khoje

  • Agriculture
    • Vegetable Farming
    • Organic Farming
    • Horticulture
    • Animal Husbandry
  • Career
  • Health
  • Biography
    • Quotes
    • Essay
  • Govt Schemes
  • Earn Money
  • Guest Post

सुभाष चंद्र बोस के अनमोल विचार | Subhash Chandra Bose Quotes

April 28, 2020 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम इतिहास में अमर है| सुभाष चन्द्र बोस  के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था| सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की, कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, फॉरवर्ड ब्लाक का गठन किया और अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है| इस लेख में सुभाष चंद्र बोस के उन अनमोल विचार का उल्लेख किया गया है, जो आज भी जन मानस को प्रोत्साहित करते है|

यह भी पढ़ें- सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय

सुभाष चंद्र बोस का संक्षिप्त परिचय 

सुभाष चंद्र बोस का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है, जैसे-

नामनेताजी सुभाष चंद्र बोस
जन्म23 जनवरी 1897, कटक, बंगाल प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत
मृत्यु18 अगस्त 1945 (अपुष्ट)
नागरिकताभारतीय
क्षेत्रस्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिक नेता
उपलब्धिवह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थे और भारतीय राष्ट्रीय सेना का नेतृत्व किया, नेताजी को भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए किये गए प्रयत्नों के लिए हमेशा याद रखा जायेगा

यह भी पढ़ें- बिस्मिल्लाह खान के अनमोल विचार

सुभाष चंद्र बोस के अनमोल विचार 

सुभाष चंद्र बोस के प्रमुख अनमोल विचार निम्नलिखित प्रकार से है, जैसे-

1. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा|

2. राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम, सुन्दरम से प्रेरित है|

3. भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अन्दर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी|

4. याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है|

5. एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है|        -सुभाष चंद्र बोस

6. इतिहास में कभी भी विचार-विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया है|

7. मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्याएं गरीबी ,अशिक्षा , बीमारी, कुशल उत्पादन एवं वितरण सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है|

यह भी पढ़ें- पंडित रविशंकर के अनमोल विचार

8. ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं, हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए|

9. आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके| एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके|

10. अगर हम संघर्ष न करे तो हमें किसी भी डर का सामना नहीं करना पड़ेगा किन्तु इससे हमारे जीवन जीने का स्वाद आधा खत्म हो जायेगा|        -सुभाष चंद्र बोस

11. माँ का प्यार सबसे ज्यादा गहरा होता है क्योंकि इसमें स्वार्थ नहीं होता और इसकी तुलना कभी भी हम नहीं कर सकते|

12. आजादी मिलती नहीं बल्कि इसे छीनना पड़ता है|

13. हमारे अंदर प्रेरणा की शक्ति होनी चाहिए जो हमें वीरतापूर्ण और साहसिक कार्यो को करने के लिए प्रेरित करें|

14. एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों का पालन और उन पर जीना होगा:- सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान| जो सैनिक हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार रहता है, वो अजेय है| अगर तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने हृदय में बसा लो|

यह भी पढ़ें- विनोबा भावे के अनमोल विचार

15. शत्रु के शत्रु से मित्रता स्थापित कर उसकी सहायता से अपने शत्रु को पछडना सर्वमान्य राजनीतिक चाल है| तदनुसार, जर्मनी, जापान, इटली आदि देश हमारे मित्र बने हैं| मैं हिंदुस्तान का सेवक हूं, सैनिक हूं, मैं जिऊंगा अपने देश के लिए और मरुंगा अपने देश के लिए|        -सुभाष चंद्र बोस

16. प्रफुल्ल गुलाब के फूलों के लिए कांटो का भी स्वागत करना होगा| उषा की शोभा यदि हमें देखनी है, तो हमें घनी अंधेरी रात धैर्यपूर्वक बितानी होगी|

17. इतिहास बताता है कि साम्राज्य निर्माण होते हैं, फैलते हैं और नष्ट होते है| अंग्रेजी साम्राज्य अब तीसरी स्थिति में है| उनके साम्राज्य की समाप्ति हमारी एकता, दृढ़ता, पराक्रम और त्याग पर निर्भर है| स्वराज्य प्राप्ति के लिए हमें क्रांतिकारी कदम उठाने होंगे|

18. यदि सब लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति में व्यस्त होंगे, तब देश की चिंता कौन करेगा?

19. हमारा कार्य केवल प्रासंगिक न रहे, हम उसे स्थायी रूप देंगे| हमारी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार की उन्नति होनी चाहिए|

यह भी पढ़ें- इला भट्ट के अनमोल विचार

20. कर्मयोगी महापुरुषों हैं|        -सुभाष चंद्र बोस

21. मैंने अमूल्य जीवन का इतना समय व्यर्थ ही नष्ट कर दिया, यह सोच कर बहुत ही दुःख होता है| कभी कभी यह पीड़ा असह्य हो उठती है, मनुष्य जीवन पाकर भी जीवन का अर्थ समझ में नहीं आया| यदि मैं अपनी मंजिल पर नहीं पहुँच पाया, तो यह जीवन व्यर्थ है, इसकी क्या सार्थकता है?

22. मैंने जीवन में कभी भी खुशामद नहीं की है, दूसरों को अच्छी लगने वाली बातें करना मुझे नहीं आता|

23. निसंदेह बचपन और युवावस्था में, पवित्रता और संयम अति आवश्यक है|

24. परीक्षा का समय निकट देख कर हम बहुत घबराते हैं| लेकिन एक बार भी यह नहीं सोचते की जीवन का प्रत्येक पल परीक्षा का है, यह परीक्षा ईश्वर और धर्म के प्रति है| स्कूल की परीक्षा तो दो दिन की है, परन्तु जीवन की परीक्षा तो अनंत काल के लिए देनी होगी| उसका फल हमें जन्म-जन्मान्तर तक भोगना पड़ेगा|

25. अपनी ताकत में विश्वास करो उधार की ताकत आपके लिए घातक हो सकती है|        -सुभाष चंद्र बोस

यह भी पढ़ें- बाबा आमटे के अनमोल विचार

अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो कृपया वीडियो ट्यूटोरियल के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें| आप हमारे साथ Twitter और Facebook के द्वारा भी जुड़ सकते हैं|

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

  • Facebook
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Twitter
  • YouTube

Categories

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
  • Sitemap

Copyright@Dainik Jagrati