• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
Dainik Jagrati

Dainik Jagrati

Hindi Me Jankari Khoje

  • Agriculture
    • Vegetable Farming
    • Organic Farming
    • Horticulture
    • Animal Husbandry
  • Career
  • Health
  • Biography
    • Quotes
    • Essay
  • Govt Schemes
  • Earn Money
  • Guest Post
Home » अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार | AB Vajpayee Quotes

अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार | AB Vajpayee Quotes

August 18, 2023 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने और जब भी बने उन्हें हमेशा बहुत सम्मान दिया गया| वह 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री थे| वह चार दशकों तक सांसद रहे और दो बार राज्यसभा (उच्च सदन) और दस बार लोक सभा (निचले सदन) के लिए चुने गए| वह अपने समय से बिल्कुल अलग तरह के नेता थे और उनकी विशिष्टता की झलक उनके प्रधानमंत्रित्व काल में भी देखने को मिली थी|

अटल बिहारी वाजपेयी को देश के एक खास प्रधानमंत्री और नेता के रूप में ही नहीं बल्कि उनकी निर्णय लेने की क्षमता, उनकी वाकपटुता, समावेशी नीतियों और बेहतरीन तर्कों से विरोधियों को भी प्रभावित करने की क्षमता के कारण भी याद किया जाता है| तो, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी पर, यहां भाईचारे, चुनौती, धर्मनिरपेक्षता, विकास, राजनीति, जरूरतों, अल्पसंख्यकों, भावना, आय, देश, गौरव, सोच, विश्वास और बहुत कुछ पर प्रसिद्ध उद्धरण हैं जो निश्चित रूप से आपको प्रेरित करेंगे|

यह भी पढ़ें- अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरक उद्धरण

1. “आप दोस्त तो बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं|”

2. “भारत की धर्मनिरपेक्षता को कोई चुनौती न दे|”

3. “सार्वजनिक मुद्रा की तुलना में शांत कूटनीति कहीं अधिक प्रभावी है|”

4. “मेरे पास भारत का एक सपना है: एक ऐसा भारत जो भूख और भय से मुक्त हो, एक ऐसा भारत जो अशिक्षा और अभाव से मुक्त हो|”

5. “जीत और हार जीवन का हिस्सा है, जिसे समभाव से देखना चाहिए|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

6. “क्षेत्रीय दल एक मजबूत ताकत बनकर उभरे हैं, और वे भी राष्ट्रीय राजनीति में जगह पाने के हकदार हैं|”

7. “गरीबी बहुआयामी है| यह धन आय से परे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, राजनीतिक भागीदारी और किसी की अपनी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति तक फैला हुआ है|”

8. “यदि पाकिस्तान ने सीमा पार से घुसपैठ रोकने की मांग स्वीकार नहीं की होती और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसा करने के लिए पाकिस्तान की गारंटी हमें नहीं बताई होती, तो युद्ध को कोई नहीं रोक सकता था|”

9. “विकास के लिए शांति जरूरी है|”

10. “हमारे परमाणु हथियार पूरी तरह से एक प्रतिद्वंद्वी द्वारा परमाणु साहसिक कार्य के खिलाफ निवारक के रूप में हैं|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

11. “जो लोग हमसे पूछते हैं कि हम पाकिस्तान के साथ कब बातचीत करेंगे, उन्हें शायद पता नहीं है कि पिछले 55 वर्षों में, पाकिस्तान के साथ बातचीत की हर पहल हमेशा भारत की ओर से हुई है|”

12. “वाजपेयी बंदूकें नहीं बल्कि भाईचारा ही समस्याओं का समाधान कर सकता है|”

13. “हम चाहते हैं कि शांति स्थायी हो|”

14. “मेरे लिए सत्ता कभी आकर्षण नहीं रही|”

15. “मेरा मानना है कि बंदूक समस्याओं का समाधान नहीं है|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

16. “भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यह है, कि हमने हमेशा देश को राजनीति से ऊपर रखा है|”

17. “हिंसा से कुछ नहीं होता|”

18. “शीत युद्ध के बाद के उत्साह में, यह गलत धारणा थी कि संयुक्त राष्ट्र कहीं भी हर समस्या का समाधान कर सकता है|”

19. “भारत ने कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ राजनीति नहीं की है|”

20. “भारत तब भी धर्मनिरपेक्ष था जब मुसलमान यहां नहीं आए थे और ईसाइयों ने इस धरती पर कदम नहीं रखा था| ऐसा नहीं है कि उनके आने के बाद भारत धर्मनिरपेक्ष हो गया| वे अपनी-अपनी पूजा पद्धतियों के साथ आये और उन्हें भी आदर और सम्मान का स्थान दिया गया| उन्हें अपनी इच्छा और प्रवृत्ति के अनुसार ईश्वर की पूजा करने की स्वतंत्रता थी|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

21. “भारत में भारी जनभावना यह थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक वह अपनी विदेश नीति के साधन के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद नहीं कर देता|”

22. “संयुक्त राष्ट्र की अद्वितीय वैधता इस सार्वभौमिक धारणा से आती है, कि यह एक देश या देशों के एक छोटे समूह के हितों की तुलना में एक बड़े उद्देश्य को पूरा करता है|”

23. “जैव-विविधता सम्मेलन से दुनिया के गरीबों को कोई ठोस लाभ नहीं मिला है|”

यह भी पढ़ें- महेंद्र सिंह धोनी के अनमोल विचार

24. “आतंकवाद एक नासूर बन गया है, यह मानवता का दुश्मन है|”

25. “मेरी सरकार चुनाव सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है| आपराधिक तत्वों को सत्ता से दूर रखना हमारा दृढ़ संकल्प है|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

26. “हम सभी धर्मों के लिए समान सम्मान में विश्वास करते हैं|”

27. “हमें भारत और रूस के बीच असाधारण सद्भावना को एक संपन्न, दृश्यमान, जोरदार और पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक रिश्ते में बदलने की जरूरत है|”

28. “भाजपा मुसलमानों को भारतीय और इंसान मानती है|”

29. “हिमाचल मेरा दूसरा घर है|”

30. “मैं एक ऐसे भारत का सपना देखता हूं जो समृद्ध, मजबूत और देखभाल करने वाला हो| एक ऐसा भारत, जो महान राष्ट्रों की मंडली में फिर से सम्मान का स्थान हासिल करे|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

31. “सतत विकास के लिए जनसंख्या को स्थिर करना आवश्यक है|”

32. “व्यक्ति को सशक्त बनाने का अर्थ है राष्ट्र को सशक्त बनाना, और सशक्तीकरण का सबसे अच्छा काम तीव्र सामाजिक परिवर्तन के साथ तीव्र आर्थिक विकास है|”

33. “हमारा लक्ष्य अनंत आकाश जितना ऊंचा हो सकता है, लेकिन हमारे मन में एक-दूसरे का हाथ थामकर आगे बढ़ने का संकल्प होना चाहिए, क्योंकि जीत हमारी होगी|”

34. “वास्तविकता यह है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ केवल उतनी ही प्रभावी हो सकती हैं, जितना इसके सदस्य इसकी अनुमति देते हैं|”

35. “हम अनावश्यक रूप से अपने बहुमूल्य संसाधनों को युद्धों में बर्बाद कर रहे हैं… अगर हमें युद्ध छेड़ना है, तो हमें बेरोजगारी, बीमारी, गरीबी और पिछड़ेपन पर करना होगा|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

36. “विज्ञान और प्रौद्योगिकी में खर्च बढ़ाने की जरूरत है|”

37. “दुनिया के सुदूर देशों में रहने वाले भारत के प्रवासी सदस्यों, आप सभी को मेरी शुभकामनाएं| आप भारत से भले ही दूर हों, लेकिन आप हमेशा हमारे दिलों के करीब हैं|”

38. “दान लेते समय कोई पैसे का रंग नहीं देखता|”

39. “हमें सदैव अल्पसंख्यकों का ध्यान रखना चाहिए और उनके कल्याण के प्रति सचेत रहना चाहिए|”

40. “आज वैश्विक परस्पर निर्भरता का अर्थ है कि विकासशील देशों में आर्थिक आपदाएँ विकसित देशों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

41. “हमने पद छोड़ा है, लेकिन देश की सेवा करने की जिम्मेदारी नहीं| हम चुनाव हार गए हैं, लेकिन हमारा संकल्प नहीं|”

42. “भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अतीत से हटकर एक निर्णायक कदम उठाया है| नई सदी की शुरुआत से हमारे संबंधों में एक नई शुरुआत हुई है| आइए हम इस वादे और आज की आशा को पूरा करने के लिए काम करें| आइए हम अपने और हमारे संयुक्त दृष्टिकोण के बीच मौजूद अशांति की छाया को दूर करें|”

43. “जैसा कि हम स्पष्टवादिता के साथ बात करते हैं, हम लोकतंत्र में, आतंकवाद से निपटने में, ऊर्जा और पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना में नई संभावनाओं और सहयोग के नए क्षेत्रों के लिए दरवाजे खोलते हैं|”

44. “हालाँकि मैं दिल्ली में रहता हूँ, फिर भी मैं अक्सर हिमाचल के बारे में सोचता हूँ|”

45. “लोकतंत्र की यह शक्ति हमारे देश के लिए गर्व की बात है, जिसे हमें हमेशा संजोकर रखना चाहिए, संरक्षित करना चाहिए और और मजबूत करना चाहिए|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

यह भी पढ़ें- लता मंगेशकर के अनमोल विचार

46. “भ्रष्टाचार को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता|”

47. “मैं गोमांस खाने के बजाय मरना पसंद करता हूं|”

48. “मेरा मानना है कि राष्ट्रों के बीच शांति और सहयोग के लिए लोकतंत्र सबसे अच्छा गारंटर है|”

49. “हमारा मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और शेष अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को स्थायी और स्पष्ट रूप से समाप्त करने के लिए पाकिस्तान पर प्रभाव डालकर उपयोगी भूमिका निभा सकते हैं|”

50. “एक अंतर्निहित दृढ़ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक सदस्य-राज्यों की तुलना में अधिक मजबूत होगा|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

51. “किसी भी राज्य को आतंकवाद को सहायता देना, बढ़ावा देना और प्रायोजित करना जारी रखते हुए, आतंक के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के साथ साझेदारी का दावा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए|”

52. “हमें आशा है कि विश्व प्रबुद्ध स्वार्थ की भावना से कार्य करेगा|”

53. “मैं चाहूंगा कि प्रदेश का कोई भी नागरिक अपने आप को अकेला एवं असहाय महसूस न करे, पूरा देश उनके साथ है|”

54. “हमारा देश बहुधार्मिक देश है, बहुभाषी देश है| हमारे पास पूजा के कई अलग-अलग तरीके हैं| हम शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करते हैं|”

55. “न तो भारत और न ही रूस को एक-दूसरे की ताकत से खतरा महसूस होता है| प्रत्येक दूसरे की बढ़ी हुई राजनीतिक और आर्थिक ताकत में अपना लाभ देखता है|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

56. “मैं 1952 से चुनाव लड़ रहा हूं, लेकिन मैंने कभी कीचड़ नहीं उछाला|”

57. “हम सभी विवादों को शांतिपूर्वक सुलझाने में विश्वास रखते हैं|”

58. “स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों ने फिर से प्रदर्शित किया है, कि जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा है, और लोग इसके साथ रहना चाहते हैं|”

59. “मेरा मानना है कि भारत और इज़राइल को हमारे दोनों लोकतंत्रों के बीच साझा दृष्टिकोण और समानताओं के आधार पर द्विपक्षीय संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए| यह अतीत की धारणाओं को याद करने के बजाय एक दूरंदेशी अभ्यास होना चाहिए|”

60. “पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की हमारी लगातार पहल हमारी कमजोरी का संकेत नहीं है; बल्कि, वे शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का संकेत हैं|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

61. “आतंकवाद पर भारत का रुख सुसंगत और सर्वविदित है| हम आतंकवाद के सभी कृत्यों का विरोध करते हैं, चाहे वे कहीं भी हों| हमने बार-बार कहा है कि कोई भी कारण हिंसा और विनाश को उचित नहीं ठहरा सकता, खासकर नागरिकों को निशाना बनाकर|”

62. “इंडोनेशिया, मलेशिया, जहां भी मुसलमान रह रहे हैं, वे सौहार्दपूर्वक रहना नहीं चाहते|”

63. “हमारे शब्दों, कार्यों और कूटनीतिक प्रयासों का उद्देश्य बयानबाजी का प्रभाव पैदा करने के बजाय व्यावहारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करना होना चाहिए|”

64. “यह चिंता का विषय है कि भारत की विशाल विश्वविद्यालय प्रणाली में विज्ञान विभागों को सामग्री और संकाय दोनों के संदर्भ में निवेश की कमी के कारण बहुत नुकसान हुआ है|”

65. “भारत ने बांग्लादेश को आज़ादी दिलाने में मदद की| बांग्लादेशियों को अपने देश की सीमा में ही खुश रहना चाहिए|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

66. “भारतीय जनता पार्टी के लिए, गांधीवादी समाजवाद वह है जिसे हम हासिल करना चाहते हैं और समाज को शोषण से मुक्त और अवसरों से भरपूर बनाना चाहते हैं|”

यह भी पढ़ें- मदर टेरेसा के अनमोल विचार

67. “श्रम सुधार मजदूर विरोधी नहीं हैं|”

68. “मैं कभी गद्दार नहीं रहा| मैं मुखबिर नहीं हूं; मैंने कभी अपने देश के साथ गद्दारी नहीं की|”

69. “1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मैं ग्वालियर हाई स्कूल का छात्र था| आन्दोलन में भाग लेने के कारण मुझे अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया| फिर मेरे माता-पिता ने मुझे मेरे गांव भेज दिया, जहां मैं फिर से आंदोलन में कूद पड़ा|”

70. “अगर आडवाणी जी नहीं चाहते तो मैं कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

71. “यदि चुनाव महज धोखाधड़ी है, तो चुनाव उम्मीदवारों को मारने और मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिए पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी के आदेश पर आतंकवादियों को प्रशिक्षित और भारत में घुसपैठ क्यों कराई जा रही है?”

72. “पाकिस्तान के साथ जो भी सहमति बनी है, उसका ईमानदारी से पालन करना होगा और सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारत को समृद्ध बनाने के लिए सक्रिय रूप से प्रतिबद्ध होना होगा|”

73. “कौन भूल सकता है, कि 1962, 1965 और 1971 के युद्ध के नाजुक समय में नागा भूमिगत संगठनों ने भारतीय सेना पर गोलीबारी नहीं की थी? उन्होंने संयम दिखाया|”

74. “भारत के पास हर दृष्टि से मजबूत बनने के लिए अपने अतीत के गौरव और भविष्य की दृष्टि की मंजूरी है|”

75. “भारत एक स्वाभिमानी एवं संप्रभु देश है| हम अमेरिका या किसी अन्य शक्ति के दबाव में कोई निर्णय नहीं लेते हैं|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

76. “प्रधान मंत्री का पद कोई ऐसी चीज़ नहीं है, जिसका कोई आनंद उठा सके|”

77. “भाजपा किसी एक व्यक्ति पर निर्भर पार्टी नहीं है, न ही यह किसी परिवार की डोर से बंधी है|”

78. “भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का वैध अधिकार है|”

79. “हमारा उद्देश्य आतंकवाद और उसके प्रायोजकों, फाइनेंसरों और हथियार आपूर्तिकर्ताओं से सख्ती से निपटना होना चाहिए| साथ ही, हमारे दरवाजे उन प्रक्रियाओं के लिए हमेशा खुले रहने चाहिए जो कई पीढ़ियों से आतंकवाद से तबाह हुए समाजों में शांति, विकास और प्रगति बहाल करेंगे|”

80. “रचनात्मक विश्वविद्यालय प्रत्येक विकसित देश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रणनीति का आधार हैं|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

81. “हमने भुखमरी ख़त्म कर दी है, लेकिन अब हमें अकाल ख़त्म करना है|”

82. “हम पाकिस्तान से बमों से लड़ते थे, अब हम उनसे खेल के मैदान पर लड़ रहे हैं|”

यह भी पढ़ें- जेआरडी टाटा के अनमोल विचार

83. “राजनीतिक आधार पर किसी को अछूत नहीं माना जा सकता|”

84. “यदि भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं है, तो भारत बिल्कुल भी भारत नहीं है|”

85. “हमारा लक्ष्य भारत को वैश्विक अनुसंधान एवं विकास केंद्र बनाना होना चाहिए|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

86. “स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुझ पर अक्सर अंग्रेजों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया जाता है| मैं पूछना चाहता हूं, कैसे?”

87. “यह विश्वास करने के लिए तार्किक कलाबाज़ी के प्रयास की आवश्यकता है कि निर्दोषों का नरसंहार स्वतंत्रता का एक साधन है और चुनाव धोखे और दमन का प्रतीक हैं|”

88. “यदि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में एक महत्वपूर्ण भागीदार होने का दावा करता है, तो वह भारत के खिलाफ राज्य की नीति के एक साधन के रूप में आतंकवाद का उपयोग कैसे जारी रख सकता है?”

89. “भाजपा अपनी नीतियां स्वयं तय करती है|”

90. “यह सच है कि भारत के सभी राज्यों में नागालैंड का इतिहास अनोखा है| हम इस ऐतिहासिक तथ्य के प्रति संवेदनशील हैं| लेकिन इस विशिष्टता ने नागा लोगों में देशभक्ति की भावना को किसी भी तरह से कम नहीं किया है|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

91. “हमारे परमाणु वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने शानदार काम किया है और स्वाभाविक रूप से, पूरा देश उनकी पेशेवर उत्कृष्टता, अनुशासन और देशभक्ति को सलाम करने के लिए उठ खड़ा हुआ है| उन्हें अतीत में होमी भाभा और विक्रम साराभाई जैसे महान लोगों के नेतृत्व का लाभ मिला है|”

92. “मैं एक बात स्पष्ट कर दूं| मैंने कभी भी सत्ता में बने रहने को ही कोई उपलब्धि नहीं माना है, जैसे मैंने कभी भी सत्ता में आने को भी अपने आप में एक उपलब्धि के रूप में नहीं देखा है|”

93. “पाकिस्तान के लोगों और शासकों को मेरा संदेश है, ‘पड़ोसी होने के नाते, हम आपके साथ शांति, मित्रता और सहयोग चाहते हैं, ताकि हम मिलकर दक्षिण एशिया का चेहरा बदल सकें|”

94. “मेरा कवि हृदय मुझे राजनीतिक समस्याओं, विशेषकर उन समस्याओं का सामना करने की शक्ति देता है जिनका प्रभाव मेरी अंतरात्मा पर पड़ता है|”                -अटल बिहारी वाजपेयी

95. “लोग चाहते हैं कि सरकार कुछ करे – यहीं और अभी|”

96. “जब भी मैं इन सब से दूर जाने में सक्षम होता हूं, तो मैं अपने काम को पूरा करने की कोशिश करता हूं|”

यह भी पढ़ें- सचिन तेंदुलकर के अनमोल विचार

अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो कृपया वीडियो ट्यूटोरियल के लिए हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें| आप हमारे साथ Twitter और Facebook के द्वारा भी जुड़ सकते हैं|

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

“दैनिक जाग्रति” से जुड़े

  • Facebook
  • Instagram
  • LinkedIn
  • Twitter
  • YouTube

करियर से संबंधित पोस्ट

आईआईआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कट ऑफ, प्लेसमेंट

एनआईटी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, रैंकिंग, कटऑफ, प्लेसमेंट

एनआईडी: कोर्स, पात्रता, प्रवेश, फीस, कट ऑफ, प्लेसमेंट

निफ्ट: योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, कोर्स, अवधि, फीस और करियर

निफ्ट प्रवेश: पात्रता, आवेदन, सिलेबस, कट-ऑफ और परिणाम

खेती-बाड़ी से संबंधित पोस्ट

June Mahine के कृषि कार्य: जानिए देखभाल और बेहतर पैदावार

मई माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

अप्रैल माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

मार्च माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

फरवरी माह के कृषि कार्य: नियमित देखभाल और बेहतर पैदावार

स्वास्थ्य से संबंधित पोस्ट

हकलाना: लक्षण, कारण, प्रकार, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

एलर्जी अस्थमा: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज

स्टैसिस डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान, इलाज

न्यूमुलर डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, डाइट, निदान और इलाज

पेरिओरल डर्मेटाइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम, निदान और इलाज

सरकारी योजनाओं से संबंधित पोस्ट

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार: प्रशिक्षण, लक्षित समूह, कार्यक्रम, विशेषताएं

राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: लाभार्थी, योजना घटक, युवा वाहिनी

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार: उद्देश्य, प्रशिक्षण, विशेषताएं, परियोजनाएं

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना | प्रधानमंत्री सौभाग्य स्कीम

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: पात्रता, आवेदन, लाभ, पेंशन, देय और ऋण

Copyright@Dainik Jagrati

  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
  • Sitemap