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मंगल पांडे के अनमोल विचार | Quotes of Mangal Pandey

February 17, 2024 by Bhupender Choudhary Leave a Comment

मंगल पांडे ब्रिटिश सेना में एक भारतीय सैनिक थे और 1857 के पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सिपाही विद्रोह के पीछे एक प्रमुख व्यक्ति थे| दो ब्रिटिश सैनिकों पर हमले के कारण, मंगल पांडे को अप्रैल 1857 में 29 साल की उम्र में फांसी दे दी गई थी| 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश में जन्मे मंगल पांडे 1849 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में शामिल हो गए और माना जाता है कि उन्होंने बैरकपुर में रहते हुए विद्रोह शुरू कर दिया था| शहीद मंगल पांडे ने अपने साहस से पूरी ब्रिटिश सरकार के सामने भारत में पहली क्रांति का बीज बोया।

उन्होंने “मारो फिरंगी को” का आदर्श वाक्य दिया| इसका कारण आम तौर पर ब्रिटिशों द्वारा एक नए प्रकार की एनफील्ड राइफल की शुरूआत को माना जाता है, जिसमें सैनिकों को हथियार लोड करने के लिए कारतूस के सिरों को काटने की आवश्यकता होती थी| अफवाह थी कि कारतूस में मौजूद चिकनाई गाय या सुअर की चर्बी है| हिंदू, जो गाय को पवित्र मानते थे, निराश थे, जबकि मुसलमान सुअर को अपवित्र मानते थे और कारतूस के प्रयोग से क्रोधित थे|

प्रसिद्ध इतिहासकार सुरेंद्रनाथ सेन ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक एटीन फिफ्टी सेवन में लिखा है कि कैसे 1857 का ब्रिटिश राज के खिलाफ विद्रोह जनविरोधी राजनीति के खिलाफ बड़े पैमाने पर असंतोष का परिणाम था और नाना साहेब, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और मंगल पांडे जैसे लोग विद्रोह में सबसे आगे थे| इस लेख में यहाँ क्रांतिकारी शहीद के कुछ शक्तिशाली उद्धरण दिए गये है|

यह भी पढ़ें- मंगल पांडे का जीवन परिचय

मंगल पांडे के उद्धरण

1. “जब आप अपने देश की रक्षा करते हैं, तो धर्म स्वयं सुरक्षित हो जाता है|”

2. “आज तक तुमने हमारी वफ़ा देखी है, अब तुम हमारा गुस्सा देखोगे|”

3. “बंदूक बहुत बेवफा आशिक है, कभी भी अपनी दिशा बदल सकती है, इसका कोई भरोसा नहीं|”

4. “यह आज़ादी की लड़ाई है, अतीत के साथ आने वाले भविष्य की आज़ादी|”       -मंगल पांडे

5. “फिर ये सोच कर मेरी नींद उड़ गई, कि शहीदों का खून मेरी नींद के लिए है|”

6. “सलामी दो इस तिरंगे को, जिससे है नाज़ तुम्हें, सर हमेशा ऊंचा रखना, जब तक दिल में जान है|”

7. “जल्दी-जल्दी फंसी चढ़ कर अपनी जान गवा दी, और बदले में दे दी ये पवन आजादी|”

8. “मन को खुद ही मगन करलो, कभी कभी शहीदों को भी नमन करलो|”       -मंगल पांडे

यह भी पढ़ें- चित्तरंजन दास के अनमोल विचार

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