शिमला मिर्च को बेल पेपर या स्वीट पेपर भी कहा जाता है| शिमला मिर्च की जैविक खेती हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है| इसमें तीखापन नहीं होता, इसलिए इसका उपयोग सब्जी के रूप में एवं फास्ट फूड के रूप में ज्यादा होता है| भारत में आमतौर पर हर मौसम में शिमला मिर्च [अधिक पढ़ें] …
जैविक खेती
मिर्च व शिमला मिर्च की फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें
हमारे देश में उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों में मिर्च व शिमला मिर्च की फसल का प्रमुख स्थान है| यह लोगों के भोजन का प्रमुख अंग होने के अतिरिक्त, किसानों की आय बढ़ाने में भी मुख्य भूमिका निभाती है| लेकिन मिर्च व शिमला मिर्च का उत्पादकता स्तर काफी कम है| इनके उत्पादन में [अधिक पढ़ें] …
बैंगन की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
बैंगन भारत की मूल फसल है| यह आलू और टमाटर के बाद भारत में तीसरी मुख्य सब्जी है| पूरे विश्व का एक चौथाई बैंगन उत्पादन क्षेत्र भारत में है| बैंगन के बहुत से उपयोग हैं, ज्यादातर इसका अचार और सब्जी के रूप में प्रयोग होता है| चूँकि इसका सीधा संबंध मानव आहर से है| तो [अधिक पढ़ें] …
बैंगन की फसल में जैविक विधि से कीट और रोग नियंत्रण कैसे करें
बैंगन की फसल में कीटों एवं रोगों द्वारा काफी नुक्सान होता है| बैंगन की फसल में इन कीट एवं रोगों नियंत्रित करने के लिए किसान बहुत ही जहरीले रासायनिक कीटनाशक का सहारा लेते हैं| किसानों द्वारा इन कीटनाशकों का प्रयोग करने से तीव्र विषैलापन पैदा होता है तथा कटाई के बाद बैंगन में इन कीटनाशकों [अधिक पढ़ें] …
बैंगन की फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम) कैसे करें
बैंगन सब्जी वर्ग की एक प्रमुख फसल है| इसकी खेती अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र को छोड़कर लगभग सभी स्थानों पर की जाती है| बैंगन की खेती वर्ष में तीन बार वर्षा,शरद और ग्रीष्म ऋतु की फसल के रूप में की जाती है| बैंगन की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए आज अनेकों उन्नतशील किस्में [अधिक पढ़ें] …
कद्दूवर्गीय सब्जी की फसलों में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें
कद्दूवर्गीय सब्जियाँ बहुत महत्वपूर्ण और सब्जियों का एक बड़ा समूह है, जिसमें लौकी, कद्दु, तुरई, करेला, टिण्डा, खीरा, ककडी, तरबूज, खरबूजा आदि सब्जियों शामिल हैं| जिसकी बड़े पैमाने पर पूरे भारत में खेती की जाती है| यह बहुत ही लोकप्रिय और अत्यधिक लाभकारी सब्जियाँ हैं| जिनकी खेती ज्यादातर गर्मियों तथा खरीफ मौसम के दौरान की [अधिक पढ़ें] …