मक्का की उन्नत या अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर बोने, उपयुक्त खाद देने और समय पर पौध संरक्षण उपाय अपनाने की ओर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ क्षेत्र की उपयुक्तता के अनुसार मक्का की उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिये| इस लेख में मक्का की संकर एवं उन्नत किस्मों [अधिक पढ़ें] …
ब्लॉग
बीटी कपास की खेती: किस्में, बुवाई, खाद, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
बीटी कपास (Bt cotton) की खेती, कपास रेशे वाली फसल है, यह कपड़े तैयार करने का नैसर्गिक रेशा है| हमारे देश में कपास की खेती सिंचित और असिंचित दोनों प्रकार के क्षेत्रों में की जाती है| पहले हमारे किसान भाई नरमा कपास की खेती करते थे, परन्तु इनकी पैदावार कम होने के कारण बाद में [अधिक पढ़ें] …
देसी कपास की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
हमारे देश में कपास खरीफ की प्रमुख फसल है| देसी कपास (Indigenous cotton) की अधिक उपज लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर बोने, अपने क्षेत्र की प्रचलित किस्म चुनने, उपयुक्त खाद देने तथा समय पर पौध संरक्षण उपाय अपनाने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये| देसी कपास की खेती कैसे करें और [अधिक पढ़ें] …
नरमा कपास की खेती: किस्में, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
भारत की खरीफ की नकदी फसलों में नरमा (अमेरिकन) कपास का महत्वपूर्ण स्थान है| लेकिन क्षेत्रफल के अनुसार किसानों को इसकी पैदावार नही मिलती है| परन्तु कई प्रगतिशील किसान उन्नत कृषि क्रियाएं अपनाकर नरमा कपास की अच्छी पैदावार लेने में सफल हुए हैं| इसका मतलब है, कि उन्नत किस्मों व खेती के उन्नत ढंगों को [अधिक पढ़ें] …
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन | कपास में कीट और रोग नियंत्रण
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन, कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| कपास की उच्च उपज वाली किस्मों के विकास, प्रौद्योगिकी के उपयुक्त हस्तांतरण, बेहतर कृषि प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने एवं संकर बीटी कपास की खेती के तहत बढ़े हुए क्षेत्र के माध्यम [अधिक पढ़ें] …
कपास में सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन कैसे करें; अधिक उत्पादन हेतु
कपास में सूक्ष्म पोषक तत्व किसान भाइयों किसी भी फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए पोषण हेतु आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा मिट्टी में होना आवश्यक है| अगर मिट्टी में ये पोषक तत्व फसल की आवश्यकतानुसार नहीं है और फसल लगाने के पूर्व या जब भी फसल इनकी कमी देखी जाएं तो इनकी उचित [अधिक पढ़ें] …