खुरपका-मुंहपका जिसको एफएमडी ज्वर, खुरहा, खंगवा या पका रोग के नाम से भी जाना जाता है| तेज बुखार वाला, अत्यधिक छुआछूत वाला विषाणुजनित रोग इसमें रोगनाशक पशुओं तथा शूकरों के मुंह की श्लेष्मिक झिल्ली, खुरों के बीच के स्थान, कारोनरी पट्टी आदि में छाले बन जाते हैं| रोग से पीड़ित वयस्क पशुओं में मृत्यु दर [अधिक पढ़े] …
पशुपालन
अधिक दुग्ध उत्पादन कैसे प्राप्त करें: दोगुना लाभ
वर्तमान में अधिक भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में लगभग पिछले एक दशक से प्रथम स्थान पर बना हुआ है| भारत में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता मात्र 256 ग्राम है, जो अभी भी न्यूनतम आवश्यकता से कम है| दूध अपने आप में पूर्ण आहार है, हमारे देश में दूध का विशेष महत्व हैं| [अधिक पढ़े] …
गिनिया फॉल पालन: प्रजातियां, जीवन चक्र, प्रबंधन
अन्य पक्षी पालन जैसे कुक्कुट पालन, बटेर पालन, टर्की पालन की तरह गिनिया फॉल (Guinea fowl) पालन भी लाभकारी है और इनका रखरखाव और अन्य प्रबंधन भी अन्य दूसरे पालन की तरह ही है| गिनिया फॉल का मांस अन्य दूसरे पक्षियों से ज्यादा स्वादिष्ट माना जाता है| इसे विशेषकर पश्चिमी अफ्रीका के जंगली गिनिया फॉल’ [अधिक पढ़े] …
सर्रा रोग से पशुओं को कैसे बचाएं: लक्षण और इलाज
सर्रा का वास्तविक अर्थ है “सडा हुआ” क्योंकि इस बीमारी से पशु धीरे-धीरे कमजोर तथा अक्षम्य होते चले जाते है| यह रोग खून में पाए जाने वाले परजीवी ‘‘ट्रिपनोसोमा इवान्साइ” द्वारा होती है| यह जानवरों की खतरनाक बीमारियों में से है, जो कि किसानों या पशुपालकों को काफी आर्थिक हानि पहुंचाती है| यह गाय, भैंस, [अधिक पढ़े] …
पशुओं को सर्दी से कैसे बचाएं: जाने उपयोगी उपाय
सर्दियों में पशुओं को ठंड लगने की आशंका रहती है, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर तो विपरीत असर पड़ता ही है, साथ ही साथ दूध उत्पादन भी प्रभावित होता है| इससे पशुपालकों को बहुत हानि उठानी पड़ती है| इस हानि से बचने के लिए पशुओं को सर्दी से बचना बहुत आवश्यक है| सर्दियों में तापमान [अधिक पढ़े] …